नागौर. कोरोना महामारी ने जहां आम जनजीवन को प्रभावित किया है, वहीं इस साल कई पारंपरिक और ऐतिहासिक आयोजन भी कोरोना की वजह से नहीं हो सके हैं. नागौर जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर मुंदियाड़ गांव में गजानन भगवान का ऐतिहासिक मंदिर है. जहां भाद्रपद शुक्ल नवमी को भव्य मेला लगता रहा है और हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते रहे हैं. गुरुवार को मुंदियाड़ में गजानन भगवान का मेला लगता. लेकिन, इस साल श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक स्थलों के कपाट बंद होने से मेले का आयोजन नहीं हो पाया है.
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बता दें कि नागौर शहर के लोग पैदल यहां आकर दर्शन करते हैं. गिने-चुने श्रद्धालु मंदिर पहुंच भी रहे हैं तो उन्हें बाहर ही प्रसाद चढ़ाकर लौटना पड़ रहा है. कोरोना काल में भीड़ इकट्ठा होने से रोकने के लिए मुंदियाड़ गांव में गणेश मंदिर के पास भावंडा थाने की पुलिस तैनात है. पुलिस ने सड़क के दोनों तरफ बैरिकेट्स लगाकर रास्ता बंद कर दिया है. भावंडा थाने के हेड कांस्टेबल लिखमाराम मुताबिक नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.
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वहीं, मंदिर के पुजारी बताया है कि रणथंभोर से गजानन भगवान की ये विशाल प्रतिमा नागौर ले जाई जा रही थी. रास्ते में यहां इस प्रतिमा को रखा गया. वापस जब इसे यहां से नागौर ले जाया जाने लगा तो प्रतिमा टस से मस नहीं हुई. तभी इस प्रतिमा को यहीं विराजमान कर दिया गया. धीरे-धीरे नागौर सहित जिले भर से लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचने लगे. पिछले कुछ साल से यहां भव्य मेला लगता है. लेकिन, इस साल कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मेला नहीं लगा है.