नागौर. शहर में पानी की समस्या (water problem in Nagore) को लेकर नगर परिषद में आपात बैठक बुलाई गई. जिसके बाद SDM ने अमृत योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है. पानी की समस्या को लेकर जिले में 14 बार प्रदर्शन और 7 बैठकें हो चुकी है लेकिन अब तक समाधान नहीं हुआ. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने सख्त निर्देश जारी किए हैं.
जिला परिषद की बैठक में पानी की समस्या का मामला फिर उठा. जिसके बाद जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार के निर्देश पर एक बार फिर उपखंड अधिकारी अमित कुमार चौधरी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. बैठक में उपखंड अधिकारी के समक्ष आयुक्त श्रवणराम चौधरी, अमृत जल योजना, शहरी जल प्रदाय योजना के अधिकारियों ने शहर में जलापूर्ति के सिस्टम और अमृत जल योजना के अंतर्गत किए गए कार्यों के बारे में चर्चा की गई.
प्रोजेक्ट मैनेजर को कार्य पूरे करवाने के निर्देश
इससे पहले अप्रैल में भी एसडीएम ने दो बार बैठक ली थी. नागौर जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी 5 बार बैठकें कर चुके हैं लेकिन फिर भी नागौर शहर में पेयजल संकट का समाधान नहीं हो पाया है. नगर परिषद नागौर के आयुक्त चौधरी ने कहा कि करीब 30 वार्ड में कई घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. कार्यों की धीमी गति के कारण और शिकायतों का समय पर निस्तारण नहीं करने से आमजन में आक्रोश है.
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इस पर उपखंड अधिकारी ने अमृत योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर को 7 दिन का समय दिया है. उन्होंने अमृत योजना के शेष रहे कार्यों को पूरे करवाने का निर्देश दिया है. वहीं आयुक्त ने बताया कि अवैध कनेक्शन को काटने के लिए अब निविदा निकाली जाएगी. किसी भी जगह टैंकर भरने की सूचना पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.
पहले हो चुका है उग्र आंदोलन
बता दें कि नागौर शहर में पिछले 1 महीने से ज्यादा वक्त के अंतराल में 14 बार प्रदर्शन हो चुके हैं. शहर को 18 MLD पानी की सप्लाई की जा रही है. तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार में भी नागौर शहर में पेयजल संकट को लेकर उग्र प्रदर्शन हुआ था. जिसमें पुलिस पर और अधिकारियों पर पथराव हुए थे.