कुचामनसिटी. मां कोई शब्द नहीं, बल्कि बच्चों के लिए पूरा संसार होता है, लेकिन अगर वो ही मां अपने बच्चे का पालन न करके उसे पालना गृह में छोड़कर चली जाए तो उसे आप क्या कहेंगे? नवरात्रि के दिनों में कन्याओं को मां दुर्गा के रूप में पूजा जाता है, लेकिन ऐसे समय में भी एक कलियुगी मां को अपने बच्ची को पालना में छोड़ते वक्त दया भी नहीं आई. ताजा मामला कुचामनसिटी का है, जहां जिला अस्पताल के पालना गृह में एक नवजात बच्ची मिली. फिलहाल बच्ची स्वस्थ है और उसे चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है.
राजकीय जिला अस्पताल कुचामन के डॉक्टर ईशाक ने बताया कि शिशु पालना गृह में सोमवार को एक नवजात बच्ची मिली. पालना गृह से सायरन बजने पर चिकित्साकर्मी व अस्पताल के पीएमओ डॉ. प्रहलाद बाजिया मौके पर पहुंचे और इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को दी, जिसके बाद शिशु को वार्ड में शिफ्ट कर चिकित्साकर्मियों ने उसकी स्वास्थ्य संबंधी जांच की. बच्ची का वजन ढाई किलो दर्ज किया गया है और उसका स्वास्थ्य एकदम स्वस्थ है.
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एसडीएम व पुलिस को दी सुचना : पीएमओ बाजिया ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने इसकी सूचना एसडीएम व पुलिस को दे दी है. बता दें कि अजमेर संभाग में कुचामन अस्पताल ऐसा पहला अस्पताल है, जहां अब तक पालनागृह में 14 शिशु मिले हैं. इनमें सात बालक और सात ही बालिकाएं हैं.
महानवमी पर भी नहीं आई दया : नवरात्रि के नवमी के दिन कन्याओं को भोजन कराया जाता है और उनका पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है, लेकिन कुचामन के अस्पताल में इस सनसनीखेज मामले ने मानवता को शर्मसार कर दिया है. लगातार पालना गृह में मिल रहे बच्चों के मामलों ने अब मानवता पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया है.