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नागौर: मकराना में अब तक नहीं बना भाजपा का बोर्ड, डीडवाना में निर्दलीयों की रहेगी अहम भूमिका

नागौर जिले की मकराना नगर परिषद और डीडवाना नगर पालिका में जनता ने शहरी सरकार का ताज किसके सिर पर रखा है. बात मकराना की करें तो यहां अभी तक भाजपा का बोर्ड नहीं बना है. जबकि डीडवाना में भी भाजपा को बोर्ड बनाने के लिए इस बार मशक्कत करनी पड़ सकती है.

Makrana Municipal Council Election, नागौर न्यूज
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Published : Nov 18, 2019, 6:59 PM IST

नागौर. जिले की मकराना नगर परिषद के 55 वार्ड में चुनाव लड़ रहे 313 प्रत्याशियों और डीडवाना नगर पालिका के 40 वार्ड में चुनाव लड़ रहे 138 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कल हो जाएगा. मकराना नगर परिषद में अब तक भाजपा का बोर्ड नहीं बन पाया है. हर बार कांग्रेस ने अपने दम पर तो कभी निर्दलीय प्रत्याशियों के दम पर बोर्ड बनाया है.

मकराना में अब तक नहीं बना भाजपा का बोर्ड

इस बार मकराना नगर परिषद के 55 वार्डों में से केवल 12 वार्डों में ही भाजपा के प्रत्याशी चुनाव लड़े हैं. जबकि कांग्रेस ने यहां 48 वार्डों में अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाया है. मकराना में बोर्ड बनाने में निर्दलीय प्रत्याशियों की भी अहम भूमिका होगी.

वहीं जिले की डीडवाना नगर पालिका में अभी तक भाजपा का बोर्ड रहा है. लेकिन इस बार यहां भी भाजपा को बोर्ड बनाने में कठिनाई हो सकती है. उसका कारण है कि भाजपा ने 40 में से 34 वार्डों में ही अपने प्रत्याशी उतारे थे. बाद में भाजपा के दो प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया था. ऐसे में डीडवाना में भाजपा के केवल 32 प्रत्याशी हैं. जबकि कांग्रेस ने यहां 40 में से 38 वार्डों में अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाया है.

पढ़ें- सांगोद नगर पालिका में कांग्रेस ने किया 25 के 25 वार्ड जीतने का दावा

डीडवाना में भी कई वार्डों में त्रिकोणीय संघर्ष के बीच 10 से ज्यादा वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशियों के जीत की संभावना बन रही है. ऐसे में बोर्ड बनाने में यहां भी निर्दलीय जीतकर आए प्रत्याशियों की अहम भूमिका होगी.

नागौर. जिले की मकराना नगर परिषद के 55 वार्ड में चुनाव लड़ रहे 313 प्रत्याशियों और डीडवाना नगर पालिका के 40 वार्ड में चुनाव लड़ रहे 138 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कल हो जाएगा. मकराना नगर परिषद में अब तक भाजपा का बोर्ड नहीं बन पाया है. हर बार कांग्रेस ने अपने दम पर तो कभी निर्दलीय प्रत्याशियों के दम पर बोर्ड बनाया है.

मकराना में अब तक नहीं बना भाजपा का बोर्ड

इस बार मकराना नगर परिषद के 55 वार्डों में से केवल 12 वार्डों में ही भाजपा के प्रत्याशी चुनाव लड़े हैं. जबकि कांग्रेस ने यहां 48 वार्डों में अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाया है. मकराना में बोर्ड बनाने में निर्दलीय प्रत्याशियों की भी अहम भूमिका होगी.

वहीं जिले की डीडवाना नगर पालिका में अभी तक भाजपा का बोर्ड रहा है. लेकिन इस बार यहां भी भाजपा को बोर्ड बनाने में कठिनाई हो सकती है. उसका कारण है कि भाजपा ने 40 में से 34 वार्डों में ही अपने प्रत्याशी उतारे थे. बाद में भाजपा के दो प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया था. ऐसे में डीडवाना में भाजपा के केवल 32 प्रत्याशी हैं. जबकि कांग्रेस ने यहां 40 में से 38 वार्डों में अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाया है.

पढ़ें- सांगोद नगर पालिका में कांग्रेस ने किया 25 के 25 वार्ड जीतने का दावा

डीडवाना में भी कई वार्डों में त्रिकोणीय संघर्ष के बीच 10 से ज्यादा वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशियों के जीत की संभावना बन रही है. ऐसे में बोर्ड बनाने में यहां भी निर्दलीय जीतकर आए प्रत्याशियों की अहम भूमिका होगी.

Intro:नागौर जिले की मकराना नगर परिषद और डीडवाना नगर पालिका में जनता ने शहरी सरकार का ताज किसके सिर पर रखा है। इसका फैसला आज हो जाएगा। बात मकराना की करें तो यहां आज तक कभी भाजपा का बोर्ड नहीं बना है। इस बार भी इसकी संभावना न के बराबर है। जबकि, डीडवाना में भी भाजपा को बोर्ड बनाने के लिए इस बार मशक्कत करनी पड़ सकती है।Body:नागौर. नागौर जिले की मकराना नगर परिषद के 55 वार्ड में चुनाव लड़ रहे 313 प्रत्याशियों और डीडवाना नगर पालिका के 40 वार्ड में चुनाव लड़ रहे 138 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कल हो जाएगा। मकराना में आज तक कभी भाजपा का बोर्ड नहीं बन पाया है। कभी कांग्रेस ने अपने दम पर तो कभी निर्दलीयों के समर्थन से यहां बोर्ड बनाया है। इस बार भी मकराना में भाजपा का बोर्ड बनने के आसार नहीं हैं। क्योंकि, यहां 55 वार्ड में से केवल 12 वार्ड में ही भाजपा के प्रत्याशी चुनाव लड़े हैं। जबकि कांग्रेस ने यहां 48 वार्ड में अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाया है। मकराना में बोर्ड बनाने में निर्दलीय प्रत्याशियों की भी अहम भूमिका होगी।Conclusion:बात अगर डीडवाना की करें तो यहां निवर्तमान बोर्ड भाजपा का रहा है। लेकिन इस बार यहां भी भाजपा को बोर्ड बनाने में पसीने आ सकते हैं। उसका कारण है कि भाजपा ने 40 में से 34 वार्ड में ही अपने प्रत्याशी उतारे थे। बाद में भाजपा के दो प्रत्याशी ने और अपना नाम वापस ले लिया था। ऐसे में अब डीडवाना में भाजपा के केवल 32 प्रत्याशी हैं। जबकि कांग्रेस ने यहां 40 में से 38 वार्ड में अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाया है।
डीडवाना में भी कई वार्ड में त्रिकोणीय संघर्ष के बीच 10 से ज्यादा वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशियों के जीत की संभावना बन रही है। ऐसे में बोर्ड बनाने में यहां भी निर्दलीय जीतकर आए प्रत्याशियों की अहम भूमिका।होगी।
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