नागौर. विश्व स्तरीय श्री रामदेव पशु मेले में नागौरी नस्ल के बैलों के लिए मशहूर सजी पशुओं की मंडी में मुर्रा नस्ल का भैंसा (पाड़ा) आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.14 करोड़ का भैंसा (पाड़ा) नागौर मेले में चौथी बार प्रदर्शन के लिए लाया गया. मालिक ने इसका नाम भीम रखा है.
1200 किलो वजनी यह भैंसा (पाड़ा) साढे 6 साल का है. अंतरराष्ट्रीय पशु मेले में विभिन्न प्रजातियों के करीब 4000 से भी अधिक पशु नागौर ऐतिहासिक मेले में पहुंचे हैं. जिसमें कई ऊंट और नागौरी नस्ल के बैल जिनकी कद काठी के कारण मेले में आए देसी विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.
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इस भारी-भरकम शरीर के भैंसा (पाड़ा) को देखने के लिए मेले में आए देसी विदेशी पर्यटकों की भीड़ उमड़ गई है. मेले में आए कई पशुपालक भैंसे (पाड़ा) को देखने के लिए पहुंचे हैं. इसके मालिक अरविंद जांगिड़ की मानें तो मेले में आने से पहले इसकी कीमत ₹14 करोड़ का ऑफर उन्हें मिल चुका है. लेकिन वे भैंसे (पाड़ा) को बेचना नहीं चाहते बल्कि वह भीम को इस मेले में मुर्रा नस्ल के भैंसा (पाड़ा) के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से लेकर आए.
अरविंद ने बताया कि इससे पहले पिछले साल नागौर मेले में भीम को लेकर आए थे. इसके बाद बालोतरा, नागौर, देहरादून समेत कई मेलों में इसका प्रदर्शन कर चुके हैं और कई मेलों में आयोजित पशु प्रतियोगिता में भाग लेकर कई पुरस्कार जीता है. नागौर पशु मेले में पहली बार इस पशुपालकों को भीम का सीमन भी उपलब्ध करा रहे हैं. मुर्रा नस्ल के इस भैंसा (पाड़ा) के सीमन कि देश में बहुत डिमांड है.
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स्पेन की विख्यात बुल फाइटिंग के बुल्स को सबसे वजनी, ताकत भैंसा माना जाता है. इसका वजन 500 से 700 किलो होता है. अरविंद जागीड़ ने बताया कि भैंसा (पाड़ा) जिसका नाम भीम रखा है उसके लिए 14 करोड़ का ऑफर मिल चुका है लेकिन वे चाहते हैं कि मेरा उद्देश्य इसे बेचना नहीं बल्कि भीम के माध्यम से देश के भैंसों की नस्ल को सुधारना है.