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नागौर पशु मेले में 14 करोड़ी 'भीम'...वजन 1200 Kg और उम्र 6 साल

नागौर में विश्व स्तरीय श्री रामदेव पशु मेला जारी है. इस अंतरराष्ट्रीय पशु मेले में विभिन्न प्रजातियों के करीब 4000 से भी अधिक पशु नागौर ऐतिहासिक मेले में पहुंचे हैं. इस मेले में 14 करोड़ का भैंसा (पाड़ा) चौथी बार प्रदर्शन के लिए लाया गया. जिसका नाम भीम है.

विश्व स्तरीय श्री रामदेव पशु मेला, nagore latest news
भीम बना श्री रामदेव पशु मेले में आकर्षण का केंद्र
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Published : Feb 1, 2020, 6:02 PM IST

Updated : Feb 1, 2020, 6:27 PM IST

नागौर. विश्व स्तरीय श्री रामदेव पशु मेले में नागौरी नस्ल के बैलों के लिए मशहूर सजी पशुओं की मंडी में मुर्रा नस्ल का भैंसा (पाड़ा) आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.14 करोड़ का भैंसा (पाड़ा) नागौर मेले में चौथी बार प्रदर्शन के लिए लाया गया. मालिक ने इसका नाम भीम रखा है.

भीम बना श्री रामदेव पशु मेले में आकर्षण का केंद्र

1200 किलो वजनी यह भैंसा (पाड़ा) साढे 6 साल का है. अंतरराष्ट्रीय पशु मेले में विभिन्न प्रजातियों के करीब 4000 से भी अधिक पशु नागौर ऐतिहासिक मेले में पहुंचे हैं. जिसमें कई ऊंट और नागौरी नस्ल के बैल जिनकी कद काठी के कारण मेले में आए देसी विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.

पढ़ें- नागौर: विश्व स्तरीय पशु मेले में विदेशी पर्यटकों को खूब भा रही पशुओं की प्रतियोगिता

इस भारी-भरकम शरीर के भैंसा (पाड़ा) को देखने के लिए मेले में आए देसी विदेशी पर्यटकों की भीड़ उमड़ गई है. मेले में आए कई पशुपालक भैंसे (पाड़ा) को देखने के लिए पहुंचे हैं. इसके मालिक अरविंद जांगिड़ की मानें तो मेले में आने से पहले इसकी कीमत ₹14 करोड़ का ऑफर उन्हें मिल चुका है. लेकिन वे भैंसे (पाड़ा) को बेचना नहीं चाहते बल्कि वह भीम को इस मेले में मुर्रा नस्ल के भैंसा (पाड़ा) के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से लेकर आए.

अरविंद ने बताया कि इससे पहले पिछले साल नागौर मेले में भीम को लेकर आए थे. इसके बाद बालोतरा, नागौर, देहरादून समेत कई मेलों में इसका प्रदर्शन कर चुके हैं और कई मेलों में आयोजित पशु प्रतियोगिता में भाग लेकर कई पुरस्कार जीता है. नागौर पशु मेले में पहली बार इस पशुपालकों को भीम का सीमन भी उपलब्ध करा रहे हैं. मुर्रा नस्ल के इस भैंसा (पाड़ा) के सीमन कि देश में बहुत डिमांड है.

पढ़ें- नागौर के विश्व स्तरीय पशु मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, कलाकारों ने बांधा समा

स्पेन की विख्यात बुल फाइटिंग के बुल्स को सबसे वजनी, ताकत भैंसा माना जाता है. इसका वजन 500 से 700 किलो होता है. अरविंद जागीड़ ने बताया कि भैंसा (पाड़ा) जिसका नाम भीम रखा है उसके लिए 14 करोड़ का ऑफर मिल चुका है लेकिन वे चाहते हैं कि मेरा उद्देश्य इसे बेचना नहीं बल्कि भीम के माध्यम से देश के भैंसों की नस्ल को सुधारना है.

नागौर. विश्व स्तरीय श्री रामदेव पशु मेले में नागौरी नस्ल के बैलों के लिए मशहूर सजी पशुओं की मंडी में मुर्रा नस्ल का भैंसा (पाड़ा) आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.14 करोड़ का भैंसा (पाड़ा) नागौर मेले में चौथी बार प्रदर्शन के लिए लाया गया. मालिक ने इसका नाम भीम रखा है.

भीम बना श्री रामदेव पशु मेले में आकर्षण का केंद्र

1200 किलो वजनी यह भैंसा (पाड़ा) साढे 6 साल का है. अंतरराष्ट्रीय पशु मेले में विभिन्न प्रजातियों के करीब 4000 से भी अधिक पशु नागौर ऐतिहासिक मेले में पहुंचे हैं. जिसमें कई ऊंट और नागौरी नस्ल के बैल जिनकी कद काठी के कारण मेले में आए देसी विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.

पढ़ें- नागौर: विश्व स्तरीय पशु मेले में विदेशी पर्यटकों को खूब भा रही पशुओं की प्रतियोगिता

इस भारी-भरकम शरीर के भैंसा (पाड़ा) को देखने के लिए मेले में आए देसी विदेशी पर्यटकों की भीड़ उमड़ गई है. मेले में आए कई पशुपालक भैंसे (पाड़ा) को देखने के लिए पहुंचे हैं. इसके मालिक अरविंद जांगिड़ की मानें तो मेले में आने से पहले इसकी कीमत ₹14 करोड़ का ऑफर उन्हें मिल चुका है. लेकिन वे भैंसे (पाड़ा) को बेचना नहीं चाहते बल्कि वह भीम को इस मेले में मुर्रा नस्ल के भैंसा (पाड़ा) के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से लेकर आए.

अरविंद ने बताया कि इससे पहले पिछले साल नागौर मेले में भीम को लेकर आए थे. इसके बाद बालोतरा, नागौर, देहरादून समेत कई मेलों में इसका प्रदर्शन कर चुके हैं और कई मेलों में आयोजित पशु प्रतियोगिता में भाग लेकर कई पुरस्कार जीता है. नागौर पशु मेले में पहली बार इस पशुपालकों को भीम का सीमन भी उपलब्ध करा रहे हैं. मुर्रा नस्ल के इस भैंसा (पाड़ा) के सीमन कि देश में बहुत डिमांड है.

पढ़ें- नागौर के विश्व स्तरीय पशु मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, कलाकारों ने बांधा समा

स्पेन की विख्यात बुल फाइटिंग के बुल्स को सबसे वजनी, ताकत भैंसा माना जाता है. इसका वजन 500 से 700 किलो होता है. अरविंद जागीड़ ने बताया कि भैंसा (पाड़ा) जिसका नाम भीम रखा है उसके लिए 14 करोड़ का ऑफर मिल चुका है लेकिन वे चाहते हैं कि मेरा उद्देश्य इसे बेचना नहीं बल्कि भीम के माध्यम से देश के भैंसों की नस्ल को सुधारना है.

Intro:14 करोड का भैंसा ( पाड़ा ) पशु मेला में
12 सौ किलो वजनी है जिसका नाम भीम हैं , जो बना आकर्षण का केंद्र,
विश्व विख्यात श्री रामदेव पशु मेले में भैंसा ( पाड़ा ) भीम पहुंचा

विश्व स्तरीय श्री रामदेव पशु मेले में नागौरी नस्ल के बैलों के लिए मशहूर सजी पशुओं की मंडी में मुर्रा नस्ल का भैंसा ( पाड़ा ) आकर्षण का केंद्र बना हुआ है 14 करोड़ का भैंसा ( पाड़ा ) नागौर मेले में चौथी बार प्रदर्शन के लिए लाया गया। मालिक ने इसका नाम भीम रखा है ।


Body:1200 किलो वजनी यह भैंसा ( पाड़ा ) साढे 6 साल का है । अंतरराष्ट्रीय पशु मेले में विभिन्न प्रजातियों के करीब 4000 से भी अधिक पशु नागौर ऐतिहासिक मेले में पहुंचे हैं । जिसमें कई ऊंट और नागौरी नस्ल के बैल जिनकी कद काठी के कारण मेले में आए देसी विदेशी पाठकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं ।

इस भारी-भरकम शरीर के भैंसा ( पाड़ा ) को देखने के लिए मेले में आए देसी विदेशी पर्यटकों की भीड़ उमड़ गई । मेले में आए कहीं पशुपालक भैंसा ( पाड़ा ) को देखने के लिए पहुंचे हैं । इसके मालिक अरविंद जांगिड़ की मानें तो मेले में आने से पहले इसकी कीमत ₹14 करोड़ का ऑफर उन्हें मिल चुका है । लेकिन वे भैंसा ( पाड़ा ) को बेचना नहीं चाहते बल्कि यह मेले में मुर्रा नस्ल के भैंसा ( पाड़ा ) के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से लेकर आए ।

अरविंद ने बताया कि इससे पहले गत वर्ष नागौर मेले में भीम को लेकर आए थे इसके बाद बालोतरा नागौर देहरादून समेत कई मेलों में इसका प्रदर्शन कर चुके हैं । तथा कई मेलों में आयोजित पशु प्रतियोगिता में भाग लेकर कई पुरस्कार जीत है । नागौर पशु मेले में पहली बार इस पशुपालकों को भीम का सीमन भी उपलब्ध करा रहे हैं । मुर्रा नस्ल के इस भैंसा ( पाड़ा ) के सीमन कि देश में बहुत डिमांड है।

स्पेन की विख्यात बुल फाइटिंग के बुल्स को सबसे वजनी और ताकत और वैसा माना जाता है । इसका वजन 500 से 700 किलो होता है जोधपुर के मुर्रा नस्ल का भीम ऐसा ना केवल इसकी दुगनी भजन है बल्कि देश का सबसे विशाल वजन बता रहे हैं ।


Conclusion: अरविंद जागीड़ ने बताया कि भैंसा ( पाड़ा ) जिसका नाम भीम रखा है उसके लिए 14 करोड़ का ऑफर मिल चुका है लेकिन वे चाहते हैं कि मेरा उद्देश्य इसे बेचना नहीं बल्कि भीम के माध्यम से देश के भैंसों की नस्ल को सुधारना है ।

बाइट, अरविंद जांगिड़ भैंसा ( पाड़ा ) के मालिक
Last Updated : Feb 1, 2020, 6:27 PM IST
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