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अब कृषि कॉलेज को मिलेगा STP का साफ पानी, 50 हेक्टेयर में होगी हरियाली - rajasthan

जिले के कृषि कॉलेज और कृषि अनुसंधान उपकेंद्र को अब पानी की कमी नहीं रहेगी. कॉलेज से महज 400 मीटर दूर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी अब कृषि कॉलेज को मिलने लगेगा.

कृषि कॉलेज नागौर
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Published : Feb 7, 2019, 10:41 PM IST

नागौर. जिले के कृषि कॉलेज और कृषि अनुसंधान उपकेंद्र को अब पानी की कमी नहीं रहेगी. कॉलेज से महज 400 मीटर दूर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी अब कृषि कॉलेज को मिलने लगेगा. इसके लिए नगर परिषद और कॉलेज प्रशासन के बीच एमओयू भी हो चुका है.

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इसके अनुसार तीन साल तक करीब एक लाख लीटर पानी रोज कृषि कॉलेज को मिलेगा. इसका फायदा यह होगा कि कॉलेज के विद्यार्थी लाइव डेमो के माध्यम से फसलों पर प्रयोग कर सकेंगे. इसके अलावा कॉलेज परिसर की 50 हेक्टेयर जमीन को हरी भरी बनाने में भी ट्रीटमेंट प्लांट का पानी काम में लिया जा सकेगा.

कृषि कॉलेज के डीन डॉ. महेश पूनिया ने बताया कि पिछले साल जुलाई में ही यह कॉलेज बीकानेर रोड पर बने नए भवन में शिफ्ट हुआ है. कम बारिश और पानी की कमी के कारण विद्यार्थियों को लाइव डेमो से सीखना एक चुनौती भरा काम था. लेकिन अब एसटीपी का साफ पानी मिलने से लाइव डेमो के साथ ही कॉलेज परिसर में छायादार पेड़ और फलदार बगीचे लगाने में भी आसानी होगी.

डॉ. पूनिया ने स्पष्ट किया कि फलदार पौधों को बड़ा करने तक ही एसटीपी का पानी काम में लिया जाएगा. ताकि फलों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं हो. इसके अलावा कॉलेज परिसर में लगने वाले बगीचों में भी यह पानी काम में लिया जाएगा.

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नागौर. जिले के कृषि कॉलेज और कृषि अनुसंधान उपकेंद्र को अब पानी की कमी नहीं रहेगी. कॉलेज से महज 400 मीटर दूर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी अब कृषि कॉलेज को मिलने लगेगा. इसके लिए नगर परिषद और कॉलेज प्रशासन के बीच एमओयू भी हो चुका है.

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इसके अनुसार तीन साल तक करीब एक लाख लीटर पानी रोज कृषि कॉलेज को मिलेगा. इसका फायदा यह होगा कि कॉलेज के विद्यार्थी लाइव डेमो के माध्यम से फसलों पर प्रयोग कर सकेंगे. इसके अलावा कॉलेज परिसर की 50 हेक्टेयर जमीन को हरी भरी बनाने में भी ट्रीटमेंट प्लांट का पानी काम में लिया जा सकेगा.

कृषि कॉलेज के डीन डॉ. महेश पूनिया ने बताया कि पिछले साल जुलाई में ही यह कॉलेज बीकानेर रोड पर बने नए भवन में शिफ्ट हुआ है. कम बारिश और पानी की कमी के कारण विद्यार्थियों को लाइव डेमो से सीखना एक चुनौती भरा काम था. लेकिन अब एसटीपी का साफ पानी मिलने से लाइव डेमो के साथ ही कॉलेज परिसर में छायादार पेड़ और फलदार बगीचे लगाने में भी आसानी होगी.

डॉ. पूनिया ने स्पष्ट किया कि फलदार पौधों को बड़ा करने तक ही एसटीपी का पानी काम में लिया जाएगा. ताकि फलों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं हो. इसके अलावा कॉलेज परिसर में लगने वाले बगीचों में भी यह पानी काम में लिया जाएगा.

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Intro:नागौर. नागौर के कृषि कॉलेज और कृषि अनुसंधान उपकेंद्र को अब पानी की कमी नहीं रहेगी। कॉलेज से महज 400 मीटर दूर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी अब कृषि कॉलेज को मिलने लगेगा। इसके लिए नगर परिषद और कॉलेज प्रशासन के बीच एमओयू भी हो चुका है। इसके अनुसार तीन साल तक करीब एक लाख लीटर पानी रोज कृषि कॉलेज को मिलेगा। इसका फायदा यह होगा कि कॉलेज के विद्यार्थी लाइव डेमो के माध्यम से फसलों पर प्रयोग कर सकेंगे। इसके अलावा कॉलेज परिसर की 50 हैक्टेयर जमीन को हरी भरी बनाने में भी ट्रीटमेंट प्लांट का पानी काम में लिया जा सकेगा।


Body:नागौर कृषि कॉलेज के डीन डॉ. महेश पूनिया ने बताया कि पिछले साल जुलाई में ही यह कॉलेज बीकानेर रोड पर बने नए भवन में शिफ्ट हुआ है। कम बारिश और पानी की कमी के कारण विद्यार्थियों को लाइव डेमो से सीखना एक चुनौती भरा काम था। लेकिन अब एसटीपी का साफ पानी मिलने से लाइव डेमो के साथ ही कॉलेज परिसर में छायादार पेड़ और फलदार बगीचे लगाने में भी आसानी होगी।

फलदार पौधों को बड़ा करने तक ही काम में लेंगे एसटी
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डॉ. पूनिया ने स्पष्ट किया कि फलदार पौधों को बड़ा करने तक ही एसटीपी का पानी काम में लिया जाएगा। ताकि फलों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं हो। इसके अलावा कॉलेज परिसर में लगने वाले बगीचों में भी यह पानी काम में लिया जाएगा।


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