नागौर. जिले के ताऊसर गांव में गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने के दौरान उपजे विवाद में जेसीबी चालक की मौत और राजकार्य बाधा मामले में पहली पेशी हुई. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नागौर ने मामले से जुडे़ 24 आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा दिया है. वहीं आरएलपी विधायक इंदिरा बावरी और पुखराज गर्ग के वकील भंवर लाल चौधरी ने दोनों विधायकों के होम क्वॉरेंटाइन होने का हवाला देकर न्यायालय के समक्ष अर्जी पेश की. दोनों कोर्ट में पेश नहीं हो सके.
कोतवाली थाने में दर्ज हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान राजकार्य बाधा, पथराव मामले में 16 आरोपियों को कोर्ट में पेश होने पर न्यायिक अभिरक्षा भेजा गया है. वहीं अतिक्रमण हटाने के दौरान JCB चालक फारूक की गैर इरादतन हत्या मामले में 8 आरोपियों के पेश होने के बाद न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है. आरोपियों की ओर से पेश की गई जमानत अर्जी पर बहस के बाद जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया है. परिवादी पक्ष की ओर से पीर मोहम्मद ने पैरवी की तो आरोपी पक्ष की ओर से भंवर लाल चौधरी ने पैरवी की.
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बता दें कि 25 अगस्त 2019 को ताऊसर ग्राम पंचायत की गोचर भूमि पर काबिज बंजारा बस्ती में अतिक्रमण हटाने के दौरान उपजे विवाद को लेकर नागौर एसडीएम व जेसीबी चालक के परिजनों ने कोतवाली थाने में दर्ज कराया था. मामले पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद कोतवाली थानाधिकारी रामनारायण भंवरिया ने न्यायालय में आरोप पत्र पेश कर दिया था. पुलिस ने दोनों मामलों में 26 जनों को आरोपी बनाया, जिनमें से 2 की गिरफ्तारी पहले ही हो गई, जबकि शेष 24 में से एक मेड़ता विधायक इंदिरा बावरी के अलावा भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग सहित सभी आरोपी नोटिस जारी हो चुके हैं.
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राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर में कोतवाली थाना अधिकारी ने अवमानना नोटिस के बाद सोमवार को प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश कर दी है. मेडता विधायक बावरी होम क्वॉरेंटाइन होने के कारण उनके वकील ने आगामी पेशी मांगी थी, जिस पर कोर्ट ने उन्हें 7 सितम्बर की पेशी दी.