कोटा. शहर से सटे हुए उम्मेदगंज इलाके में गुरुवार को एक नाले की पुलिया टूट जाने से (small culvert broken in Kota) कुछ लोग नाले के दूसरी तरफ फंस गए और उनका आवागमन का रास्ता बंद हो गया. इसके बाद नगर निगम की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और इन लोगों के लिए आवागमन का इंतजाम किया.
जानकारी के अनुसार चंबल नदी पर बने हुए सबसे बड़े बांध गांधी सागर की मरम्मत के लिए वहां से पानी डिस्चार्ज किया था. जिसके बाद राणा प्रताप व जवाहर सागर से भी पानी छोड़ा गया. इसके चलते कोटा बैराज में लगातार पानी की आवक हो रही है. इस पानी को चंबल नदी में छोड़ने की जगह दाईं मुख्य नहर में छोड़ा जा रहा है. चंबल नदी से निकल रही बाईं मुख्य नहर में उम्मेदगंज तालाब है. कमांड एरिया डेवलपमेंट (सीएडी) ने उम्मेदगंज तालाब में पानी की आवक हो रही है. यहां से पानी आगे नहर में नहीं जाए, इसलिए तालाब के एस्केप से नाले में पानी छोड़ा गया. इस एस्केप को करीब 20 साल बाद खोला गया. इस दौरान नाले पर बनी पुलिया दरक गई, धीरे-धीरे उसका स्लैब खिसक गया और पुलिया टूट गई. बाद में सीएडी और अग्निशमन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने इस एस्केप में जा रहे पानी को रोक दिया. जिससे लोगों का आवागमन शुरू हो गया.
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इस मामले में स्थानीय लोगों ने सबसे पहले नगर निगम उत्तर की महापौर मंजू मेहरा को सूचना दी. जिसके बाद एमजीआर निगम की अग्निशमन अनुभाग और रेस्क्यू टीम और उद्योग नगर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची. मौके पर देखा गया कि नाले के दूसरी तरफ स्थित भील बस्ती के 8 से 10 परिवारों के आने जाने का रास्ता बन्द हो गया. साथ ही गांव के कुछ खेतों में भी पानी भर गया. इस पुलिया के पास ही एक दूसरी पुलिया भी स्थित है, लेकिन वह जर्जर अवस्था में है और क्षतिग्रस्त होने से वाहनों का आवागमन नहीं हो सकता है. बाद में सीएडी के लोग भी मौके पर पहुंचे और वहां पर इस एस्केप में जा रहे पानी को बंद करा दिया. इससे भील बस्ती के लोगों का आवागमन वापस शुरू हो पाया.