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महंगाई ने लगाया तड़का तो सब्जियों के दाम हुए बेकाबू...टमाटर हुआ 80 तो मटर पहुंचा 120 रुपए किलो

खाने की थाली में सब्जी का अपना अलग ही महत्व है. थाली में सब्जी न हो तो खाने का आधा जायका अपने आप ही कम हो जाता है. लेकिन इन दिनों सब्जियों के भाव में लगे 'महंगाई के तड़के' ने मनपसंद सब्जी खाने पर भी पाबंदी लगा दी है.

Vegetable prices increased in Kota
कोटा में बढ़े सब्जियों के दाम
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Published : Nov 23, 2021, 10:08 PM IST

कोटा. महंगाई ने पहले से ही लोगों के बजट को बिगाड़ रखा है. ऊपर से सब्जियों के भाव भी आसमान पर चढ़ने के बाद अब लोगों के लिए दो जून की रोटी के साथ सब्जियों का स्वाद लेना भी भारी पड़ रहा है. हालात यह है कि मंडी में पहुंचने के बाद लोग केवल यही सोचते रह जाते हैं कि कोनसी सब्जी लेकर घर जाएं. क्योंकि किसी भी सब्जी के दाम 40 रूपए किलो से कम नहीं हैं.

सब्जियों के भाव में महंगाई का ऐसा तड़का लगा है कि लोग मनचाही सब्जी का स्वाद लेने के लिए भी दो बार सोचने लगे हैं. मटर के दाम जहां पर 120 रुपए किलो पहुंच गए हैं. वहीं टमाटर शतक को छूकर 80 रुपए प्रति किलो पर आ गया है. शिमला मिर्ची भी 80 पर बनी हुई है तो हमेशा 20 किलो से कम दाम पर मिलने वाला आलू 40 रुपए किलो के पार है.

कोटा में सब्जियों के दाम छू रहे आसमान

पढ़ें. Fertilizer crisis in Rajasthan : कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया ने केंद्र से मांगा 5 रैक डीएपी और 1.5 लाख मीट्रिक टन यूरिया

सब्जी खरीदने पहुंचे लोगों का कहना है कि भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं और कम होने का काम नाम नहीं ले रहे हैं. उनका कहना है कि रसोई का बजट बिगड़ने में सब्जियों का सबसे महत्वपूर्ण रोल है. आज से कुछ महीने पहले जब रेट कम थे, तब सब्जी 400 से 500 में 1 सप्ताह की सब्जी आ जाती थी. लेकिन अब एक सप्ताह की सब्जी खरीदने के लिए जेब से 700 से 800 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं.

शादियों ने बढ़ाई डिमांड, मौसम ने सप्लाई कम कर दी

व्यापारियों का कहना है कि उन्हें मंडी से महंगी सब्जी मिल रही है. जिसके चलते स्थानीय मंडियों में भी भाव बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा कि शादियों के सीजन के चलते भी दाम बढ़े हैं. सब्जी की मांग काफी ज्यादा अचानक से हो गई, दूसरी तरफ संभाग में 3 से 4 दिन तक मौसम खराब रहा. जिसके चलते सप्लाई पूरी नहीं मिल पाई. किसानों का माल मंडियों में नहीं पहुंचा. जिससे मांग और सप्लाई का अंतर बढ़ गया और दाम बढ़ गए. जिनको कम होने में अभी थोड़ा समय लगेगा.

मंडी से अलग फेरी वालों के दाम

कोटा शहर में करीब 25 छोटी बड़ी सब्जी मंडी अलग-अलग इलाकों में संचालित होती है. बड़ी मंडी गुमानपुरा से ही व्यापारी माल लेकर जाते हैं. दूरी के अनुसार इन मंडियों में भी भाव अलग अलग हो जाता है. वहीं फेरी वालों के दाम सब्जी मंडी से थोड़े तेज ही रहते हैं. तलवडी इलाके में सब्जी खरीदने पहुंची ज्योति बियानी का कहना है कि मंडी में टमाटर 80 रुपए किलो मिल रहा है. जबकि घरों पर जो टमाटर बेचने आते हैं उनके भाव 100 रुपए किलो है.

पढ़ें. घना का आकर्षण : केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता देखने भरतपुर आएगा फ्रांस का 4 सदस्यीय डेलिगेशन

विज्ञान नगर सब्जी मंडी में सब्जी लेने पहुंचे रोड नंबर 2 निवासी मोहन सिंह का कहना है कि दीपावली के आसपास से हरी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे थे. अभी दाम कम हुए हैं, अधिकांश हरी सब्जी 80 रुपए किलो के आसपास थी. वह अब 40 रुपए पर पहुंची है. हालांकि इन दामों में स्थिरता बनी हुई है, जबकि कुछ सब्जियां महंगी हो गई.

देसी टमाटर आएगा, तब मिलेगा सस्ता

सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि अभी दिल्ली, जयपुर और बाहरी राज्यों से ज्यादा मात्रा में टमाटर की आवक हो रही है. वहां से ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा भी ज्यादा होता है. साथ ही लोडिंग अनलोडिंग भी है, इसके चलते महंगा टमाटर ही उपलब्ध हो रहा है. मध्यप्रदेश के रतलाम और प्रदेश के ही झालावाड़ जिले से टमाटर की आवक होगी तब यह सस्ता मिलेगा.

यहां से टमाटर की सप्लाइ शुरू होने पर करीब 25 रुपए किलो के आसपास का भाव पहुंचेगा. आलू के बारे में भी व्यापारियों का कहना है कि अभी नया आलू आ रहा है. ऐसे में उसकी खुदाई कम हुई है. जब इसका बंपर स्टॉक मार्केट में उपलब्ध हो जाएगा, तब अपने आप ही दाम नीचे आ जाएंगे. व्यापारियों का कहना है कि जैसे प्याज 1 महीने पहले 50 किलो था, यह दाम गिर कर 30 पर आ गए हैं. क्योंकि नए प्याज की आवक लगातार हो रही है.

कोटा. महंगाई ने पहले से ही लोगों के बजट को बिगाड़ रखा है. ऊपर से सब्जियों के भाव भी आसमान पर चढ़ने के बाद अब लोगों के लिए दो जून की रोटी के साथ सब्जियों का स्वाद लेना भी भारी पड़ रहा है. हालात यह है कि मंडी में पहुंचने के बाद लोग केवल यही सोचते रह जाते हैं कि कोनसी सब्जी लेकर घर जाएं. क्योंकि किसी भी सब्जी के दाम 40 रूपए किलो से कम नहीं हैं.

सब्जियों के भाव में महंगाई का ऐसा तड़का लगा है कि लोग मनचाही सब्जी का स्वाद लेने के लिए भी दो बार सोचने लगे हैं. मटर के दाम जहां पर 120 रुपए किलो पहुंच गए हैं. वहीं टमाटर शतक को छूकर 80 रुपए प्रति किलो पर आ गया है. शिमला मिर्ची भी 80 पर बनी हुई है तो हमेशा 20 किलो से कम दाम पर मिलने वाला आलू 40 रुपए किलो के पार है.

कोटा में सब्जियों के दाम छू रहे आसमान

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शादियों ने बढ़ाई डिमांड, मौसम ने सप्लाई कम कर दी

व्यापारियों का कहना है कि उन्हें मंडी से महंगी सब्जी मिल रही है. जिसके चलते स्थानीय मंडियों में भी भाव बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा कि शादियों के सीजन के चलते भी दाम बढ़े हैं. सब्जी की मांग काफी ज्यादा अचानक से हो गई, दूसरी तरफ संभाग में 3 से 4 दिन तक मौसम खराब रहा. जिसके चलते सप्लाई पूरी नहीं मिल पाई. किसानों का माल मंडियों में नहीं पहुंचा. जिससे मांग और सप्लाई का अंतर बढ़ गया और दाम बढ़ गए. जिनको कम होने में अभी थोड़ा समय लगेगा.

मंडी से अलग फेरी वालों के दाम

कोटा शहर में करीब 25 छोटी बड़ी सब्जी मंडी अलग-अलग इलाकों में संचालित होती है. बड़ी मंडी गुमानपुरा से ही व्यापारी माल लेकर जाते हैं. दूरी के अनुसार इन मंडियों में भी भाव अलग अलग हो जाता है. वहीं फेरी वालों के दाम सब्जी मंडी से थोड़े तेज ही रहते हैं. तलवडी इलाके में सब्जी खरीदने पहुंची ज्योति बियानी का कहना है कि मंडी में टमाटर 80 रुपए किलो मिल रहा है. जबकि घरों पर जो टमाटर बेचने आते हैं उनके भाव 100 रुपए किलो है.

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देसी टमाटर आएगा, तब मिलेगा सस्ता

सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि अभी दिल्ली, जयपुर और बाहरी राज्यों से ज्यादा मात्रा में टमाटर की आवक हो रही है. वहां से ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा भी ज्यादा होता है. साथ ही लोडिंग अनलोडिंग भी है, इसके चलते महंगा टमाटर ही उपलब्ध हो रहा है. मध्यप्रदेश के रतलाम और प्रदेश के ही झालावाड़ जिले से टमाटर की आवक होगी तब यह सस्ता मिलेगा.

यहां से टमाटर की सप्लाइ शुरू होने पर करीब 25 रुपए किलो के आसपास का भाव पहुंचेगा. आलू के बारे में भी व्यापारियों का कहना है कि अभी नया आलू आ रहा है. ऐसे में उसकी खुदाई कम हुई है. जब इसका बंपर स्टॉक मार्केट में उपलब्ध हो जाएगा, तब अपने आप ही दाम नीचे आ जाएंगे. व्यापारियों का कहना है कि जैसे प्याज 1 महीने पहले 50 किलो था, यह दाम गिर कर 30 पर आ गए हैं. क्योंकि नए प्याज की आवक लगातार हो रही है.

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