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Pilot Project: कोटा का नयापुरा बना प्रदेश का पहला थाना, जहां पर एक साथ लगे दो सीआई... - नयापुरा थाने में अब दो सीआई

कोटा के नयापुरा थाने में अब दो सीआई लगाए गए हैं. सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत ऐसा ​किया गया है. अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो अधिक वर्क लोड वाले प्रदेश के अन्य थानों में भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी.

Two CIs in Nayapura police station of Kota under pilot project
कोटा का नयापुरा बना प्रदेश का पहला थाना, जहां पर एक साथ लगे दो सीआई...
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Published : Feb 9, 2023, 11:43 PM IST

कोटा. शहर में करीब 1 महीने से खाली पड़ा नयापुरा थाना अधिकारी के पद पर गुरुवार को कार्यवाहक एसपी के आदेश से एसएचओ की नियुक्ति कर दी गई. इस पद पर एक नहीं 2 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है. ऐसे में अब यह प्रदेश का पहला थाना बन गया है, जहां पर एक साथ दो सीआई ड्यूटी करेंगे. यह व्यवस्था मुंबई की तर्ज पर की गई है.

सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह नियुक्ति दो अधिकारियों को दी गई है. अगर यह प्रयोग सफल रहता है, तो आगे प्रदेश के अन्य थानों में भी इसे लागू किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत पुलिस हेडक्वार्टर से अनुमति मिलने के बाद ही कोटा शहर के कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार जैन ने आदेश जारी करते हुए पुलिस लाइन से नयापुरा थाना अधिकारी पद पर दयाराम मीणा को पदस्थापित किया है. इसके साथ ही रिजर्व पुलिस लाइन के संक्षिप्त निरीक्षक भगवान सहाय को भी नयापुरा थाना में लगाया है. जिन्हें कानून व्यवस्था की ड्यूटी संभालनी होगी. वे पायलट प्रोजेक्ट के तहत कानून व्यवस्था की ड्यूटी देखेंगे.

पढ़ें: CMHO की कुर्सी की खातिर मचा बवाल, नागौर में दो-दो अधिकारी

आमजन को त्वरित न्याय की मंशा: प्रदेश में दो थानाधिकारी लगाने के लिए ऐसे पुलिस स्टेशन का चयन किया जा रहा है, जहां पर अपराध भी ज्यादा होते हैं. साथ ही कानून व्यवस्था की ड्यूटी भी ज्यादा आती है. जिसके चलते पुलिस का दैनिक कार्य प्रभावित होता है. जिसमें अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई, कोर्ट हियरिंग, जांच से लेकर न्यायालय में चालान पेश करने तक का कार्य शामिल है. इसके अलावा मुकदमों व जांच की पेंडेंसी शामिल है. इसी के चलते नयापुरा थाने का चयन किया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार की मंशा है कि जिन थानों में ज्यादा कानून व्यवस्था की ड्यूटी रहती है या फिर वर्क लोड ज्यादा है. वहां पर सरकार की मंशा के अनुरूप लोगों को त्वरित न्याय दिलाया जाए.

पढ़ें: ये प्रोजेक्ट हुआ पूरा तो जयपुरवासियों के साल भर में बचेंगे 27 लाख घंटे!

नयापुरा थाना बीते कई सालों से सुर्खियों में बना हुआ है. किसी थाना इलाके में न्यायालय, कलेक्ट्रेट, मुख्य बड़ा अस्पताल जेकेलोन और एमबीएस स्थित है. इसके अलावा न्यायिक अधिकारियों व जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के निवास हैं. इसी में कोटा शहर और ग्रामीण एसपी ऑफिस भी व निवास स्थित हैं. साथ ही कलेक्ट्रेट पर होने वाले छोटे से लेकर बड़े 1 दर्जन के आसपास रोज प्रदर्शन होते हैं. सर्किट हाउस होने से मंत्रियों और वीआईपी का मूवमेंट भी रहता है. इस कारण यहां पर लगने वाले अधिकारी अधिकांश कानून व्यवस्था की ड्यूटी में ही व्यस्त रहते हैं.

कोटा. शहर में करीब 1 महीने से खाली पड़ा नयापुरा थाना अधिकारी के पद पर गुरुवार को कार्यवाहक एसपी के आदेश से एसएचओ की नियुक्ति कर दी गई. इस पद पर एक नहीं 2 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है. ऐसे में अब यह प्रदेश का पहला थाना बन गया है, जहां पर एक साथ दो सीआई ड्यूटी करेंगे. यह व्यवस्था मुंबई की तर्ज पर की गई है.

सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह नियुक्ति दो अधिकारियों को दी गई है. अगर यह प्रयोग सफल रहता है, तो आगे प्रदेश के अन्य थानों में भी इसे लागू किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत पुलिस हेडक्वार्टर से अनुमति मिलने के बाद ही कोटा शहर के कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार जैन ने आदेश जारी करते हुए पुलिस लाइन से नयापुरा थाना अधिकारी पद पर दयाराम मीणा को पदस्थापित किया है. इसके साथ ही रिजर्व पुलिस लाइन के संक्षिप्त निरीक्षक भगवान सहाय को भी नयापुरा थाना में लगाया है. जिन्हें कानून व्यवस्था की ड्यूटी संभालनी होगी. वे पायलट प्रोजेक्ट के तहत कानून व्यवस्था की ड्यूटी देखेंगे.

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आमजन को त्वरित न्याय की मंशा: प्रदेश में दो थानाधिकारी लगाने के लिए ऐसे पुलिस स्टेशन का चयन किया जा रहा है, जहां पर अपराध भी ज्यादा होते हैं. साथ ही कानून व्यवस्था की ड्यूटी भी ज्यादा आती है. जिसके चलते पुलिस का दैनिक कार्य प्रभावित होता है. जिसमें अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई, कोर्ट हियरिंग, जांच से लेकर न्यायालय में चालान पेश करने तक का कार्य शामिल है. इसके अलावा मुकदमों व जांच की पेंडेंसी शामिल है. इसी के चलते नयापुरा थाने का चयन किया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार की मंशा है कि जिन थानों में ज्यादा कानून व्यवस्था की ड्यूटी रहती है या फिर वर्क लोड ज्यादा है. वहां पर सरकार की मंशा के अनुरूप लोगों को त्वरित न्याय दिलाया जाए.

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नयापुरा थाना बीते कई सालों से सुर्खियों में बना हुआ है. किसी थाना इलाके में न्यायालय, कलेक्ट्रेट, मुख्य बड़ा अस्पताल जेकेलोन और एमबीएस स्थित है. इसके अलावा न्यायिक अधिकारियों व जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के निवास हैं. इसी में कोटा शहर और ग्रामीण एसपी ऑफिस भी व निवास स्थित हैं. साथ ही कलेक्ट्रेट पर होने वाले छोटे से लेकर बड़े 1 दर्जन के आसपास रोज प्रदर्शन होते हैं. सर्किट हाउस होने से मंत्रियों और वीआईपी का मूवमेंट भी रहता है. इस कारण यहां पर लगने वाले अधिकारी अधिकांश कानून व्यवस्था की ड्यूटी में ही व्यस्त रहते हैं.

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