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मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को एक और झटका, बाघिन एमटी-4 की हुई मौत

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघिन एमटी-4 की मौत हो गई है. हालांकि इसकी मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है.

Tigress MT 4 death in Kota, doctors finding the reasons of its death
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को एक और झटका, बाघिन एमटी-4 की हुई मौत
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Published : May 4, 2023, 6:15 PM IST

Updated : May 5, 2023, 12:50 PM IST

कोटा. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एक बार फिर बाघिन की मौत का मामला सामने आया है. इसके चलते इस टाइगर प्रोजेक्ट को झटका लगा है. यहां पर्यटन शुरू होने वाला था, लेकिन अब यह समस्या आ गई है. पहले भी साल 2020 में यहां पर लगातार बाघ-बाघिन की मौत हुई थी. साथ ही उनके शावकों की भी मौत हो गई थी. अब बीते कई सालों से अकेली रही बाघिन एमटी-4 की मौत हुई है.

हालांकि कुछ दिनों पहले ही यहां पर एक बाघ और बाघिन एमटी-4 को रणथंभोर से शिफ्ट किया था. यह बीते दिनों बीमार बताई गई थी. इसका उपचार चिकित्सकों की टीम ने किया था. इलाज के बाद इसे स्वस्थ बता दिया गया था. एक दिन पहले भी बाघिन को अस्वस्थ बताते हुए इलाज की जरूरत बताई गई थी. जिसके लिए आज उसे ट्रेंकुलाइज किया था. सम्भवतः वह तीन दिन में दो बार ट्रेंकुलाइज की डोज को झेल नहीं पाई. बाघिन की मौत के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हो पाया है.

पढ़ेंः Ranthambore National Park : लंगड़ाती दिखी बाघिन लाडली, वेटरनरी टीम कर रही मॉनिटरिंग

एमएचटीआर के फील्ड डायरेक्टर और सीसीएफ एसपी सिंह का कहना है कि एमटी-4 के मलाशय के बाहर निकले होने या गांठ होने की जानकारी सामने आई थी. आज सुबह करीब 9 बजे उसे ट्रेंकुलाइज किया था. जिसके बाद वह 10ः30 बजे रिवाइव हो गई थी. इसके बाद दोपहर 1ः15 बजे उसने दम तोड़ दिया. बाघिन को कॉन्स्टिट्यूशन की शिकायत थी. पेट में गांठ का या फिर उसके गर्भवती होने का भी अंदेशा था. ऐसे में एक्सरे मशीन भी उसके लिए लेकर गए थे. डीसीएफ मुकुंदरा बीजो जॉय ने बताया था कि बुधवार को निरीक्षण के दौरान पता चला कि बाघिन के मलाशय में एक छोटा सा उभार है. इसके उपचार के लिए रणथंभोर के डॉ राजीव गर्ग व मुकुंदरा के डॉ तेजेंद्र रियाड़ ने सिफारिश की थी.

पढ़ेंः रणथंभोर नेशनल पार्क से लापता बाघिन T-13 का नहीं लगा सुराग, वन विभाग की टीम कर रही तलाश

1 मई को किया था ट्रेंकुलाइज: मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में गत 30 अप्रैल को बाघिन एमटी-4 बीमार हालत में मिली. जिसको 1 मई को ट्रेंकुलाइज कर चिकित्सकों ने उपचार किया. जिसके बाद चिकित्सकों ने टाइग्रेस को स्वस्थ बताया है. उसके मलाशय से पत्थर जैसे सूखे मल के टुकड़े मिले थे. इनकी लंबाई 4.5 और 2.5 थी. इन्हें जांच के लिए भेजा गया है. उसको एनिमा भी दिया गया है. जांच के लिए रक्त नमूने भी लिए हैं. बताया गया है कि एमटी-4 के रेडियो सिग्नल कमजोर थे. ऐसे में उसकी ट्रैकिंग में भी कुछ दिक्कत आ रही थी. जिसमें बाघिन को नया रेडियो कॉलर लगा दिया गया था.

कोटा. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एक बार फिर बाघिन की मौत का मामला सामने आया है. इसके चलते इस टाइगर प्रोजेक्ट को झटका लगा है. यहां पर्यटन शुरू होने वाला था, लेकिन अब यह समस्या आ गई है. पहले भी साल 2020 में यहां पर लगातार बाघ-बाघिन की मौत हुई थी. साथ ही उनके शावकों की भी मौत हो गई थी. अब बीते कई सालों से अकेली रही बाघिन एमटी-4 की मौत हुई है.

हालांकि कुछ दिनों पहले ही यहां पर एक बाघ और बाघिन एमटी-4 को रणथंभोर से शिफ्ट किया था. यह बीते दिनों बीमार बताई गई थी. इसका उपचार चिकित्सकों की टीम ने किया था. इलाज के बाद इसे स्वस्थ बता दिया गया था. एक दिन पहले भी बाघिन को अस्वस्थ बताते हुए इलाज की जरूरत बताई गई थी. जिसके लिए आज उसे ट्रेंकुलाइज किया था. सम्भवतः वह तीन दिन में दो बार ट्रेंकुलाइज की डोज को झेल नहीं पाई. बाघिन की मौत के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हो पाया है.

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एमएचटीआर के फील्ड डायरेक्टर और सीसीएफ एसपी सिंह का कहना है कि एमटी-4 के मलाशय के बाहर निकले होने या गांठ होने की जानकारी सामने आई थी. आज सुबह करीब 9 बजे उसे ट्रेंकुलाइज किया था. जिसके बाद वह 10ः30 बजे रिवाइव हो गई थी. इसके बाद दोपहर 1ः15 बजे उसने दम तोड़ दिया. बाघिन को कॉन्स्टिट्यूशन की शिकायत थी. पेट में गांठ का या फिर उसके गर्भवती होने का भी अंदेशा था. ऐसे में एक्सरे मशीन भी उसके लिए लेकर गए थे. डीसीएफ मुकुंदरा बीजो जॉय ने बताया था कि बुधवार को निरीक्षण के दौरान पता चला कि बाघिन के मलाशय में एक छोटा सा उभार है. इसके उपचार के लिए रणथंभोर के डॉ राजीव गर्ग व मुकुंदरा के डॉ तेजेंद्र रियाड़ ने सिफारिश की थी.

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1 मई को किया था ट्रेंकुलाइज: मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में गत 30 अप्रैल को बाघिन एमटी-4 बीमार हालत में मिली. जिसको 1 मई को ट्रेंकुलाइज कर चिकित्सकों ने उपचार किया. जिसके बाद चिकित्सकों ने टाइग्रेस को स्वस्थ बताया है. उसके मलाशय से पत्थर जैसे सूखे मल के टुकड़े मिले थे. इनकी लंबाई 4.5 और 2.5 थी. इन्हें जांच के लिए भेजा गया है. उसको एनिमा भी दिया गया है. जांच के लिए रक्त नमूने भी लिए हैं. बताया गया है कि एमटी-4 के रेडियो सिग्नल कमजोर थे. ऐसे में उसकी ट्रैकिंग में भी कुछ दिक्कत आ रही थी. जिसमें बाघिन को नया रेडियो कॉलर लगा दिया गया था.

Last Updated : May 5, 2023, 12:50 PM IST
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