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JEE MAIN 2023: स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी मामले में राहत, 3 से 5 फरवरी तक कर सकेंगे करेक्शन - जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम

JEE MAIN 2023 के विद्यार्थियों को स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी मामले में एनटीए ने राहत दी है. इस संबंध में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नोटिफिकेशन में बताया है कि 3 से 5 फरवरी के बीच वे अपने जनवरी अटेम्प्ट के ऑनलाइन आवेदन में करेक्शन कर सकते हैं.

state of eligibility correction dates for JEE MAIN 2023, check details
स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी मामले में राहत, 3 से 5 फरवरी तक कर सकेंगे करेक्शन
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Published : Feb 3, 2023, 6:14 PM IST

कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने देश के सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE MAIN 2023) के विद्यार्थियों को स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी मामले में राहत दी है. ऐसा नहीं होने के चलते विद्यार्थियों को होम स्टेट कोटा का फायदा नहीं मिल पाता और उनकी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की सीट रद्द होने का खतरा था. इस संबंध में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन के जरिए बताया कि 3 से 5 फरवरी के बीच वे अपने जनवरी अटेम्प्ट के ऑनलाइन आवेदन में करेक्शन कर सकते हैं.

स्टूडेंट्स ने यह परीक्षा 24 व 25 जनवरी और 28 जनवरी से 1 फरवरी के बीच दी थी. एजुकेशन एक्सपोर्ट देव शर्मा ने बताया कि स्टूडेंट्स अपने ऑनलाइन आवेदन में 5 फरवरी को शाम 5 बजे तक करेक्शन कर सकेंगे. इसके लिए करेक्शन विंडो भी ओपन कर दी गई है. ईटीवी भारत ने गुरुवार 2 फरवरी को ही समाचार प्रकाशित विद्यार्थियों के लिए करेक्शन का उत्तर देने की मांग की थी.

पढ़ें: JEE MAIN 2023: NTA ने जारी की रिकॉर्डेड रिस्पॉन्स शीट व प्रोविजनल आंसर, 10 फरवरी से पहले स्कोर कार्ड के आने की संभावना

कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि एनटीए ने जेईई मेन के लिए इस वर्ष हुई आवेदन में बड़ी गलती की है. आवेदन के दौरान स्टेट ऑफ इलेजिब्लिटी की जगह स्टेट ऑफ रेजीडेंस पूछा गया था. इसमें स्टूडेंट्स ने उस स्टेट का नाम दिया, जिस स्टेट के वे निवासी हैं. जबकि एनटीए को इस कॉलम में उस स्टेट की डिटेल पूछनी थी, जिस स्टेट से स्टूडेंट्स ने अपनी 12वीं की परीक्षा दी है या देने वाले हैं. इसके आधार पर स्टूडेंट्स को उस विशेष स्टेट की एनआईटी में होम स्टेट कोटे 50 प्रतिशत सीटों पर एडमिशन में वरीयता दी जाती है.

पढ़ें: JEE MAIN 2023: NTA की गलती स्टूडेंट पर पड़ सकती है भारी, NIT अलाटमेंट में हजारों छात्रों की सीटें हो सकती हैं निरस्त

सीट के निरस्त होने का था खतरा: देश के 32 एनआईटी में करीब 26 हजार सीटें हैं, उनमें से 13 हजार सीटों पर प्रवेश होम स्टेट कोटे से दिया जाता है और बाकी 13 हजार सीटों पर अदर स्टेट कोटे से एडमिशन दिया जाता है. अमित आहूजा के अनुसार NTA की गलफत से जेईई मेन परिणाम के बाद ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JoSAA) की काउंसलिंग में विद्यार्थियों को उनके स्टेट ऑफ इलेजिब्लिटी में भरे हुए स्टेट के अनुसार उस स्टेट के होम स्टेट कोटा से सीट का आवंटन किया.

पढ़ें: CBSE के हटाए गए टॉपिक से JEE MAIN 2023 में पूछे गए सवाल

पहले अलॉटमेंट के आवंटन के बाद विद्यार्थियों का डॉक्यूमेंट का वैरिफिकेशन होगा. डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने का स्टेट और स्टेट ऑफ इलेजिब्लिटी में दी गई जानकारी का मिलान किया जाएगा. यदि दोनों पाई जाती हैं, तो आवंटित एनआईटी की सीट को निरस्त कर दिया जाएगा. इससे आगे के राउण्ड में उसकी 12वीं उत्तीर्ण करने वाले स्टेट से सीट आवंटित की जाएगी.

कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने देश के सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE MAIN 2023) के विद्यार्थियों को स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी मामले में राहत दी है. ऐसा नहीं होने के चलते विद्यार्थियों को होम स्टेट कोटा का फायदा नहीं मिल पाता और उनकी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की सीट रद्द होने का खतरा था. इस संबंध में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन के जरिए बताया कि 3 से 5 फरवरी के बीच वे अपने जनवरी अटेम्प्ट के ऑनलाइन आवेदन में करेक्शन कर सकते हैं.

स्टूडेंट्स ने यह परीक्षा 24 व 25 जनवरी और 28 जनवरी से 1 फरवरी के बीच दी थी. एजुकेशन एक्सपोर्ट देव शर्मा ने बताया कि स्टूडेंट्स अपने ऑनलाइन आवेदन में 5 फरवरी को शाम 5 बजे तक करेक्शन कर सकेंगे. इसके लिए करेक्शन विंडो भी ओपन कर दी गई है. ईटीवी भारत ने गुरुवार 2 फरवरी को ही समाचार प्रकाशित विद्यार्थियों के लिए करेक्शन का उत्तर देने की मांग की थी.

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कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि एनटीए ने जेईई मेन के लिए इस वर्ष हुई आवेदन में बड़ी गलती की है. आवेदन के दौरान स्टेट ऑफ इलेजिब्लिटी की जगह स्टेट ऑफ रेजीडेंस पूछा गया था. इसमें स्टूडेंट्स ने उस स्टेट का नाम दिया, जिस स्टेट के वे निवासी हैं. जबकि एनटीए को इस कॉलम में उस स्टेट की डिटेल पूछनी थी, जिस स्टेट से स्टूडेंट्स ने अपनी 12वीं की परीक्षा दी है या देने वाले हैं. इसके आधार पर स्टूडेंट्स को उस विशेष स्टेट की एनआईटी में होम स्टेट कोटे 50 प्रतिशत सीटों पर एडमिशन में वरीयता दी जाती है.

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सीट के निरस्त होने का था खतरा: देश के 32 एनआईटी में करीब 26 हजार सीटें हैं, उनमें से 13 हजार सीटों पर प्रवेश होम स्टेट कोटे से दिया जाता है और बाकी 13 हजार सीटों पर अदर स्टेट कोटे से एडमिशन दिया जाता है. अमित आहूजा के अनुसार NTA की गलफत से जेईई मेन परिणाम के बाद ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JoSAA) की काउंसलिंग में विद्यार्थियों को उनके स्टेट ऑफ इलेजिब्लिटी में भरे हुए स्टेट के अनुसार उस स्टेट के होम स्टेट कोटा से सीट का आवंटन किया.

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पहले अलॉटमेंट के आवंटन के बाद विद्यार्थियों का डॉक्यूमेंट का वैरिफिकेशन होगा. डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने का स्टेट और स्टेट ऑफ इलेजिब्लिटी में दी गई जानकारी का मिलान किया जाएगा. यदि दोनों पाई जाती हैं, तो आवंटित एनआईटी की सीट को निरस्त कर दिया जाएगा. इससे आगे के राउण्ड में उसकी 12वीं उत्तीर्ण करने वाले स्टेट से सीट आवंटित की जाएगी.

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