कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने JEE-MAINS परीक्षा 2020 जनवरी का परिणाम घोषित कर दिया है. इसमें राजस्थान के टॉपर अखिल जैन रहे हैं. जिन्होंने 100 परसेंटाइल प्राप्त की है. अखिल कोटा के ही विज्ञान नगर निवासी हैं और बीते 6 सालों से निजी कोचिंग में पढ़ाई कर रहे हैं.
अखिल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा, कि उसकी सक्सेज में सबसे अहम योगदान डाउट्स को टाइम पर क्लियर करने का है. क्योंकि कन्फ्यूजन लेकर चलने से आगे टॉपिक भी समझ में नहीं आते हैं. अखिल ने बताया, कि वह कोचिंग के साथ-साथ 3 से 4 घंटे घर पर पढ़ाई करता था. साथ ही NCERT टेक्स्ट बुक को भी रेफर करते थे. रोजाना स्कूल के साथ कोचिंग को सिंक्रोनाइज करने की कोशिश करते थे.
अखिल ने बताया, कि स्कूल के साथ जितना पॉसिबल हो सकता था, कोचिंग का सिलेबस मैच हो जाए, उससे लोड कम होता जाता था. अखिल ने किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में भी फेलोशिप प्राप्त की थी. साथ ही इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड 2017 में भी देश के लिए गोल्ड मेडल प्राप्त किया है.
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उन्होंने कहा, कि उनका अगला टारगेट तो बोर्ड परीक्षा है, जो तुरंत आने वाली है. इसके बाद जेईई एडवांस परीक्षा में भी इसी तरह से अच्छा रैंकिंग लेकर आना है. जिससे वह आईआईटी में प्रवेश ले सकें. हालांकि उन्होंने कहा, कि अभी तय नहीं किया है, कि कौन सी ब्रांच लेंगे और कौन से आईआईटी को वे चुनेंगे.
हमेशा मॉटिवेट करते थे अखिल के पिता
अखिल जैन के पिता मनीष जैन पेशे से बिजनेसमैन हैं. उनका कहना है, कि वह कभी भी अखिल को स्ट्रेस नहीं होने देते थे. उन्होंने उस पर कभी भी रैंकिंग का कोई दबाव नहीं बनाया. उन्होंने बताया, कि अखिल को वो हमेशा मॉटिवेट करते थे, जिससे किसी तरह की तकलीफ नहीं हो, घूमने-फिरने के लिए भी कहते थे.
रैंकिंग का नहीं था किसी तरह का प्रेशर
अखिल की मां नीतिका कहती हैं, कि अखिल का शेड्यूल सुबह मॉर्निंग में जल्दी उठना और तैयार होकर मंदिर जाना जरूर रहता है. इसके लिए वो अपना टाइम खुद मैनेज करता है. नीतिका ने बताया, कि वो अखिल के खाने-पीने का टाइम टू टाइम ध्यान रखती थीं. उन्होंने बताया, कि मैं चाहती थी, कि यह स्ट्रेस फ्री रहकर पढ़ाई करें. हमने कभी इसके ऊपर रैंकिंग का प्रेशर नहीं किया. केवल यही कहा अच्छे से करो, जितना पढ़ रहे हो, वह अच्छे से ही पढ़ते रहो.