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जेईई मेंस में राजस्थान के टॉपर अखिल से खास बातचीत...डाउट्स टाइम पर क्लियर करने से मिली कामयाबी

JEE मेंस जनवरी 2020 में राजस्थान के टॉपर रहे अखिल जैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया, कि सक्सेज में सबसे अहम योगदान डाउट्स को टाइम पर क्लियर करने का है. क्योंकि कन्फ्यूजन लेकर चलने से आगे टॉपिक भी समझ में नहीं आते हैं. अखिल ने बताया, कि वह कोचिंग के साथ-साथ 3 से 4 घंटे घर पर भी पढ़ाई करते थे.

जेईई मेंस में राजस्थान के टॉपर अखिल जैन, Rajasthan topper Akhil Jain in JEE Mains
अखिल जैन जेईई मेंस टॉपर
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Published : Jan 18, 2020, 3:12 PM IST

कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने JEE-MAINS परीक्षा 2020 जनवरी का परिणाम घोषित कर दिया है. इसमें राजस्थान के टॉपर अखिल जैन रहे हैं. जिन्होंने 100 परसेंटाइल प्राप्त की है. अखिल कोटा के ही विज्ञान नगर निवासी हैं और बीते 6 सालों से निजी कोचिंग में पढ़ाई कर रहे हैं.

राजस्थान के टॉपर अखिल जैन से खास बातचीत

अखिल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा, कि उसकी सक्सेज में सबसे अहम योगदान डाउट्स को टाइम पर क्लियर करने का है. क्योंकि कन्फ्यूजन लेकर चलने से आगे टॉपिक भी समझ में नहीं आते हैं. अखिल ने बताया, कि वह कोचिंग के साथ-साथ 3 से 4 घंटे घर पर पढ़ाई करता था. साथ ही NCERT टेक्स्ट बुक को भी रेफर करते थे. रोजाना स्कूल के साथ कोचिंग को सिंक्रोनाइज करने की कोशिश करते थे.

अखिल के माता-पिता से खास बातचीत

अखिल ने बताया, कि स्कूल के साथ जितना पॉसिबल हो सकता था, कोचिंग का सिलेबस मैच हो जाए, उससे लोड कम होता जाता था. अखिल ने किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में भी फेलोशिप प्राप्त की थी. साथ ही इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड 2017 में भी देश के लिए गोल्ड मेडल प्राप्त किया है.

पढ़ें- जेईई मेंस जनवरी 2020 का रिजल्ट जारी, राजस्थान से 2 टॉपर, अखिल जैन और पार्थ द्विवेदी को मिली कामयाबी

उन्होंने कहा, कि उनका अगला टारगेट तो बोर्ड परीक्षा है, जो तुरंत आने वाली है. इसके बाद जेईई एडवांस परीक्षा में भी इसी तरह से अच्छा रैंकिंग लेकर आना है. जिससे वह आईआईटी में प्रवेश ले सकें. हालांकि उन्होंने कहा, कि अभी तय नहीं किया है, कि कौन सी ब्रांच लेंगे और कौन से आईआईटी को वे चुनेंगे.

हमेशा मॉटिवेट करते थे अखिल के पिता

अखिल जैन के पिता मनीष जैन पेशे से बिजनेसमैन हैं. उनका कहना है, कि वह कभी भी अखिल को स्ट्रेस नहीं होने देते थे. उन्होंने उस पर कभी भी रैंकिंग का कोई दबाव नहीं बनाया. उन्होंने बताया, कि अखिल को वो हमेशा मॉटिवेट करते थे, जिससे किसी तरह की तकलीफ नहीं हो, घूमने-फिरने के लिए भी कहते थे.

पढ़ें- खबर का असरः रोमानिया में फंसे सुजानगढ़ के तीन युवक आज लौटेंगे भारत, परिजनों ने ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद

रैंकिंग का नहीं था किसी तरह का प्रेशर

अखिल की मां नीतिका कहती हैं, कि अखिल का शेड्यूल सुबह मॉर्निंग में जल्दी उठना और तैयार होकर मंदिर जाना जरूर रहता है. इसके लिए वो अपना टाइम खुद मैनेज करता है. नीतिका ने बताया, कि वो अखिल के खाने-पीने का टाइम टू टाइम ध्यान रखती थीं. उन्होंने बताया, कि मैं चाहती थी, कि यह स्ट्रेस फ्री रहकर पढ़ाई करें. हमने कभी इसके ऊपर रैंकिंग का प्रेशर नहीं किया. केवल यही कहा अच्छे से करो, जितना पढ़ रहे हो, वह अच्छे से ही पढ़ते रहो.

कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने JEE-MAINS परीक्षा 2020 जनवरी का परिणाम घोषित कर दिया है. इसमें राजस्थान के टॉपर अखिल जैन रहे हैं. जिन्होंने 100 परसेंटाइल प्राप्त की है. अखिल कोटा के ही विज्ञान नगर निवासी हैं और बीते 6 सालों से निजी कोचिंग में पढ़ाई कर रहे हैं.

राजस्थान के टॉपर अखिल जैन से खास बातचीत

अखिल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा, कि उसकी सक्सेज में सबसे अहम योगदान डाउट्स को टाइम पर क्लियर करने का है. क्योंकि कन्फ्यूजन लेकर चलने से आगे टॉपिक भी समझ में नहीं आते हैं. अखिल ने बताया, कि वह कोचिंग के साथ-साथ 3 से 4 घंटे घर पर पढ़ाई करता था. साथ ही NCERT टेक्स्ट बुक को भी रेफर करते थे. रोजाना स्कूल के साथ कोचिंग को सिंक्रोनाइज करने की कोशिश करते थे.

अखिल के माता-पिता से खास बातचीत

अखिल ने बताया, कि स्कूल के साथ जितना पॉसिबल हो सकता था, कोचिंग का सिलेबस मैच हो जाए, उससे लोड कम होता जाता था. अखिल ने किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में भी फेलोशिप प्राप्त की थी. साथ ही इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड 2017 में भी देश के लिए गोल्ड मेडल प्राप्त किया है.

पढ़ें- जेईई मेंस जनवरी 2020 का रिजल्ट जारी, राजस्थान से 2 टॉपर, अखिल जैन और पार्थ द्विवेदी को मिली कामयाबी

उन्होंने कहा, कि उनका अगला टारगेट तो बोर्ड परीक्षा है, जो तुरंत आने वाली है. इसके बाद जेईई एडवांस परीक्षा में भी इसी तरह से अच्छा रैंकिंग लेकर आना है. जिससे वह आईआईटी में प्रवेश ले सकें. हालांकि उन्होंने कहा, कि अभी तय नहीं किया है, कि कौन सी ब्रांच लेंगे और कौन से आईआईटी को वे चुनेंगे.

हमेशा मॉटिवेट करते थे अखिल के पिता

अखिल जैन के पिता मनीष जैन पेशे से बिजनेसमैन हैं. उनका कहना है, कि वह कभी भी अखिल को स्ट्रेस नहीं होने देते थे. उन्होंने उस पर कभी भी रैंकिंग का कोई दबाव नहीं बनाया. उन्होंने बताया, कि अखिल को वो हमेशा मॉटिवेट करते थे, जिससे किसी तरह की तकलीफ नहीं हो, घूमने-फिरने के लिए भी कहते थे.

पढ़ें- खबर का असरः रोमानिया में फंसे सुजानगढ़ के तीन युवक आज लौटेंगे भारत, परिजनों ने ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद

रैंकिंग का नहीं था किसी तरह का प्रेशर

अखिल की मां नीतिका कहती हैं, कि अखिल का शेड्यूल सुबह मॉर्निंग में जल्दी उठना और तैयार होकर मंदिर जाना जरूर रहता है. इसके लिए वो अपना टाइम खुद मैनेज करता है. नीतिका ने बताया, कि वो अखिल के खाने-पीने का टाइम टू टाइम ध्यान रखती थीं. उन्होंने बताया, कि मैं चाहती थी, कि यह स्ट्रेस फ्री रहकर पढ़ाई करें. हमने कभी इसके ऊपर रैंकिंग का प्रेशर नहीं किया. केवल यही कहा अच्छे से करो, जितना पढ़ रहे हो, वह अच्छे से ही पढ़ते रहो.

Intro:जेईई मेंस जनवरी 2020 में राजस्थान के टॉपर रहे अखिल जैन ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि उसकी सक्सेज में सबसे अहम योगदान डाउट्स टाइम पर क्लियर करने का है क्योंकि कन्फ्यूजन लेकर चलने से आगे टॉपिक भी समझ में नहीं आते हैं. अखिल ने बताया कि वह कोचिंग के साथ-साथ 3 से 4 घंटे घर पर पढ़ाई करता था. साथ ही एनसीईआरटी टेक्स्ट बुक को भी रेफर करता था. रोजाना स्कूल के साथ कोचिंग को सिंक्रोनाइज करने की कोशिश करता था.


Body:कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जेई मेंस परीक्षा 2020 जनवरी का परिणाम घोषित कर दिया है. इसमें राजस्थान के टॉपर अखिल जैन रहे हैं. जिन्होंने 100 परसेंटाइल प्राप्त की है. अखिल कोटा के ही विज्ञान नगर निवासी हैं और बीते 6 सालों से निजी कोचिंग से वह पढ़ाई कर रहे हैं. अखिल ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि उसकी सक्सेज में सबसे अहम योगदान डाउट्स टाइम पर क्लियर करने का है. क्योंकि कन्फ्यूजन लेकर चलने से आगे टॉपिक भी समझ में नहीं आते हैं. अखिल ने बताया कि वह कोचिंग के साथ-साथ 3 से 4 घंटे घर पर पढ़ाई करता था. साथ ही एनसीईआरटी टेक्स्ट बुक को भी रेफर करता था. रोजाना स्कूल के साथ कोचिंग को सिंक्रोनाइज करने की कोशिश करता था. स्कूल के साथ जितना पॉसिबल हो सकता था कोचिंग का सिलेबस मैच हो जाए, उससे लोड कम होता जाता था. अखिल ने किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में भी फेलोशिप प्राप्त की थी. साथ ही इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड 2017 में भी देश के लिए गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुके है. उन्होंने कहा कि उनका अगला टारगेट तो बोर्ड परीक्षा है, जो तुरंत आने वाली है. इसके बाद जेईई एडवांस परीक्षा में भी इसी तरह से अच्छा रैंकिंग लेकर आना है. ताकि वह आईआईटी में प्रवेश ले सके. हालांकि उन्होंने कहा कि अभी तय नहीं किया है कि कौन सी ब्रांच ले लेंगे और कौन से आईआईटी को वे चुनेंगे. हमेशा मोटिवेट करते थे अखिल के पिता मनीष जैन बिजनेसमैन है. उनका कहना है कि वह कभी भी उसे इस स्ट्रेस में नहीं होने देते थे. उसके ऊपर रैंकिंग का किसी तरह का कोई दबाव नहीं था. वह केवल अच्छी पढ़ाई करें. उन्होंने कहा कि अखिल को मोटिवेट करते थे, ताकि किसी तरह की तकलीफ नहीं हो, घूमने फिरने के लिए भी कहते थे. रैंकिंग आती रहेगी, लेकिन काम पूरा करो. यही लक्ष्य उसे बताया गया था. किसी तरह का कोई प्रेशर पढ़ाई का उस पर नहीं था.


Conclusion:रैंकिंग का नहीं था किसी तरह का प्रेशर अखिल की मां नीतिका कहती है कि अखिल का शेड्यूल सुबह मॉर्निंग में जल्दी उठना और तैयार होकर मंदिर जाना जरूर रहता था. उसके बाद भी अपना टाइम खुद मैनेज करता है. टाइम टू टाइम खाने-पीने का मैं ध्यान रखती थी, लेकिन मैं चाहती थी यह स्ट्रेस फ्री रहकर पढ़ाई करें. हमने कभी इसके ऊपर रैंकिंग का प्रेशर नहीं किया. केवल यही कहा अच्छे से करो, जितना पढ़ रहे हो वह अच्छे से ही पढ़ते रहो. बाइट-- अखिल जैन, जेईई मेंस 2020 जनवरी राजस्थान टॉपर बाइट-- मनीष जैन, अखिल के पिता बाइट -- नीतिका जैन, अखिल की मां
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