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कोटा श्रीसर्राफा बोर्ड ने जारी किए चांदी के सिक्के, चांदी के ​नोटों की डिमांड

जयपुर सर्राफा बोर्ड की तर्ज पर कोटा सर्राफा बोर्ड ने भी चांदी के सिक्के जारी किए (Silver coins released by Shri Sarrafa Board Kota) हैं. इनके प्रति लोगों में खासा उत्साह है. मिलावट की शिकायतों को दूर करने के लिए इन सिक्कों के साथ सर्राफा बोर्ड का नाम जोड़ा गया है. बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि इस बार चांदी के नोट, बांदरवाल और भगवान की मूर्तियों की भी डिमांड है.

Silver coins released by Shri Sarrafa Board Kota, silver notes also in demand
कोटा श्रीसर्राफा बोर्ड ने जारी किए चांदी के सिक्के, चांदी के ​नोटों की डिमांड
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Published : Oct 22, 2022, 7:38 PM IST

Updated : Nov 17, 2022, 5:35 PM IST

कोटा. धनतेरस के अवसर पर कोटा के श्रीसर्राफा बोर्ड ने चांदी के सिक्के जारी किए (Silver coins released by Shri Sarrafa Board Kota) हैं. जिसमें उन्होंने 99.9 फीसदी चांदी होने की शुद्धता की गारंटी देने का दावा किया है. इन चांदी के सिक्कों की इस बार काफी डिमांड आई है. साथ खरीदारों ने चांदी के नोट, बांदरवाल और भगवान की मूर्तियोंं की भी डिमांड की.

श्रीसर्राफा बोर्ड ने इसके लिए पूरा प्रोटोकोल बनाया है. इन सिक्कों का निर्माण केवल एक फर्म को सौंपा गया है. जिससे श्रीसर्राफा व्यवसायियों को माल उपलब्ध करवाया जाएगा और इसमें जग मंदिर कोटा की छाप के साथ श्रीसर्राफा बोर्ड का नाम दिया गया है. पहले कोटा में बने हुए चांदी के सिक्कों में मिलावट की शिकायत आती थी. इसी शिकायत को दूर करने के साथ कोटा के श्रीसर्राफा बोर्ड का नाम इससे जोड़ा गया है, ताकि इस नाम से सिक्के खरीदने में मिलावट का डर खत्म हो. साथ ही श्रीसर्राफा बोर्ड की प्रतिष्ठा भी है.

कोटा श्रीसर्राफा बोर्ड ने जारी किए चांदी के सिक्के

एमएमटीसी के सिक्के को देंगे चुनौती: श्रीसर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र गोयल विचित्र का कहना है कि जयपुर सर्राफा बोर्ड कई सालों से अपने मार्के वाले चांदी के सिक्के बेच रहा था. जिसमें 99.9 प्रतिशत चांदी की शुद्धता की गारंटी होती थी. उसी तरह से हमने भी कोटा में इस बार से शुरुआत की है. इसे लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिला है. पहले एमएमटीसी के सिक्के भी आते थे, जिन्हें यह चुनौती दे रहे हैं. हालांकि एमएमटीसी के सिक्के के दाम ज्यादा होते हैं, वे लिमिटेड उपलब्ध होते हैं.

पढ़ें: 22 साल से खनक रहे MMTC के सोने-चांदी के सिक्के होंगे बंद, दीपावली पर रहती है सर्वाधिक मांग

ये सिक्के डिमांड पर ही उपलब्ध: ये सिक्के 5, 10, 20, 50, 100, 250 व 500 ग्राम और 1 किलो में भी उपलब्ध हैं. इनमें ज्यादा मार्जन भी दुकानदारों को नहीं दिया गया है. गोयल का कहना है कि श्रीसर्राफा बोर्ड के नाम से सिक्के जारी करने का मकसद खरीदारों का स्थानीय लोकल प्रोडक्ट की तरफ आकर्षण ही है. इसके 10 ग्राम के सिक्के वर्तमान में 670 से 700 रुपए के हैं. जिसमें महज 30 से 50 रुपए का मार्जिन व्यापारी को है. वहीं 250 व 500 ग्राम व एक किलो के सिक्के डिमांड पर ही उपलब्ध हैं.

पढ़ें: जानें, धनतेरस पर पीतल के बर्तन खरीदने के लाभ

चांदी के नोट, ताश व बांदरवाल की डिमांड: गोयल ने बताया कि इस बार चांदी के सिक्के के अलावा नोट, बांदरवाल, भगवान की मूर्तियों की भी काफी डिमांड है. ये सिक्के की लागत के हैं. इनमें लक्ष्मीजी, गणेशजी, विष्णु भगवान, शंकर भगवान, राम भगवान, हनुमानजी सहित कई अन्य भगवान की मूर्तियां हैं. नोट की डिमांड भी काफी ज्यादा है. इसमें 100, 500 व 2 हजार के नोट हैं. इनकी कीमत भी 270 से 300 रुपए के बीच है.

कोटा. धनतेरस के अवसर पर कोटा के श्रीसर्राफा बोर्ड ने चांदी के सिक्के जारी किए (Silver coins released by Shri Sarrafa Board Kota) हैं. जिसमें उन्होंने 99.9 फीसदी चांदी होने की शुद्धता की गारंटी देने का दावा किया है. इन चांदी के सिक्कों की इस बार काफी डिमांड आई है. साथ खरीदारों ने चांदी के नोट, बांदरवाल और भगवान की मूर्तियोंं की भी डिमांड की.

श्रीसर्राफा बोर्ड ने इसके लिए पूरा प्रोटोकोल बनाया है. इन सिक्कों का निर्माण केवल एक फर्म को सौंपा गया है. जिससे श्रीसर्राफा व्यवसायियों को माल उपलब्ध करवाया जाएगा और इसमें जग मंदिर कोटा की छाप के साथ श्रीसर्राफा बोर्ड का नाम दिया गया है. पहले कोटा में बने हुए चांदी के सिक्कों में मिलावट की शिकायत आती थी. इसी शिकायत को दूर करने के साथ कोटा के श्रीसर्राफा बोर्ड का नाम इससे जोड़ा गया है, ताकि इस नाम से सिक्के खरीदने में मिलावट का डर खत्म हो. साथ ही श्रीसर्राफा बोर्ड की प्रतिष्ठा भी है.

कोटा श्रीसर्राफा बोर्ड ने जारी किए चांदी के सिक्के

एमएमटीसी के सिक्के को देंगे चुनौती: श्रीसर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र गोयल विचित्र का कहना है कि जयपुर सर्राफा बोर्ड कई सालों से अपने मार्के वाले चांदी के सिक्के बेच रहा था. जिसमें 99.9 प्रतिशत चांदी की शुद्धता की गारंटी होती थी. उसी तरह से हमने भी कोटा में इस बार से शुरुआत की है. इसे लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिला है. पहले एमएमटीसी के सिक्के भी आते थे, जिन्हें यह चुनौती दे रहे हैं. हालांकि एमएमटीसी के सिक्के के दाम ज्यादा होते हैं, वे लिमिटेड उपलब्ध होते हैं.

पढ़ें: 22 साल से खनक रहे MMTC के सोने-चांदी के सिक्के होंगे बंद, दीपावली पर रहती है सर्वाधिक मांग

ये सिक्के डिमांड पर ही उपलब्ध: ये सिक्के 5, 10, 20, 50, 100, 250 व 500 ग्राम और 1 किलो में भी उपलब्ध हैं. इनमें ज्यादा मार्जन भी दुकानदारों को नहीं दिया गया है. गोयल का कहना है कि श्रीसर्राफा बोर्ड के नाम से सिक्के जारी करने का मकसद खरीदारों का स्थानीय लोकल प्रोडक्ट की तरफ आकर्षण ही है. इसके 10 ग्राम के सिक्के वर्तमान में 670 से 700 रुपए के हैं. जिसमें महज 30 से 50 रुपए का मार्जिन व्यापारी को है. वहीं 250 व 500 ग्राम व एक किलो के सिक्के डिमांड पर ही उपलब्ध हैं.

पढ़ें: जानें, धनतेरस पर पीतल के बर्तन खरीदने के लाभ

चांदी के नोट, ताश व बांदरवाल की डिमांड: गोयल ने बताया कि इस बार चांदी के सिक्के के अलावा नोट, बांदरवाल, भगवान की मूर्तियों की भी काफी डिमांड है. ये सिक्के की लागत के हैं. इनमें लक्ष्मीजी, गणेशजी, विष्णु भगवान, शंकर भगवान, राम भगवान, हनुमानजी सहित कई अन्य भगवान की मूर्तियां हैं. नोट की डिमांड भी काफी ज्यादा है. इसमें 100, 500 व 2 हजार के नोट हैं. इनकी कीमत भी 270 से 300 रुपए के बीच है.

Last Updated : Nov 17, 2022, 5:35 PM IST
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