सांगोद (कोटा). इन दिनों चल रहे साठ वर्ष से अधिक आयु के लोगों एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित 45 से 60 वर्ष तक की आयु के लोगों के कोविड-19 टीकाकरण में अधिकाधिक लोगों के टीकाकरण को लेकर अब जनप्रतिनिधियों व विभिन्न विभागों के कार्मिकों का भी सहयोग लिया जाएगा. जनप्रतिनिधि एवं कार्मिक चिन्हित लोगों को टीकाकरण को लेकर जागरूक करने का काम करेंगे.
इसको लेकर एसडीएम अंजना सहरावत ने क्षेत्र के 18 ग्राम पंचायतों के सरपंचों की बैठक ली और उन्हें टीकाकरण की जानकारी देकर पंचायतों में बैठक आयोजित कर अधिकाधिक लोगों को टीकाकरण को लेकर जागरूक करने पर जोर दिया. एसडीएम सहरावत ने बताया कि कोविड-19 की प्रथम डोज 31 मार्च तक लगना संभावित है. ऐसे में अधिकाधिक लोग टीकाकरण करवा सकें, इसको लेकर जागरूकता के लिए कार्मिकों एवं जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाएगा.
इसके लिए सभी राजकीय स्कूलों के संस्था प्रधानों को अपने अधीनस्थ शिक्षकों को फील्ड में जाकर तथा विद्यार्थियों के सहयोग से रैली व अन्य माध्यमों से टीकाकरण को लेकर जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए हैं. ग्राम विकास अधिकारियों, राशन डीलर, बीएलओं व आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को भी टीकाकरण के योग्य व्यक्तियों को टीका लगवाने को लेकर प्रेरित तथा ग्राम पंचायत क्षेत्र में सार्वजनिक मुनादी करवाकर आमजन को जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
नगर पालिका अधिशासी अधिकारी पर गंभीर आरोप
सांगोद नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी सुरेश कुमार रेगर के कथित रवैये को लेकर सत्ता पक्ष के पार्षद ही अब अधिकारी के खिलाफ मुखर होने लगे हैं. पालिका के स्वच्छता समिति अध्यक्ष ओम सोनी ने एसडीएम को सौंपे पत्र में अधिशासी अधिकारी के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं. कार्यालय में अधिकांश समय नदारद रहने के साथ ही अध्यक्ष सोनी ने अधिशासी अधिकारी पर समिति से जुड़े कार्यो में भी अनियमितता का आरोप लगाते हुए एसडीएम से कार्रवाई की मांग रखी.
अध्यक्ष सोनी का आरोप है कि तीन माह में कई बार अधिशासी अधिकारी को अवगत कराने के बाद भी समिति की बैठक नहीं बुलाई जा रही. उन्होंने आरोप लगाया कि समिति से जुड़े कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है, जिससे अधिकारी बैठक नहीं बुला रहे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नगर पालिका के वाहनों में डीजल-पेट्रोल भरवाने में भी बड़ा घालमेल हो रहा है. वाहन चालकों ने उन्हें बताया कि तीन बार पेट्रोल-डीजल भरवाने पर सात बार पेट्रोल-डीजल भरवाने के कागजों पर हस्ताक्षर करवाते थे.
समिति अध्यक्ष ओम सोनी ने बताया कि वाहन चालकों की शिकायत को लेकर जब अधिशासी अधिकारी से बात की तो उन्होंने वाहन चालकों को अपने कक्ष में बुलाकर डराया-धमकाया और नौकरी से हटाने की धमकी दी. माह में दस-बारह दिन ही कार्यालय आते हैं और विरोध करते हैं तो धारा-तीन में फंसाने की धमकियां देते हैं.
समिति अध्यक्ष सोनी का आरोप है कि टेंडर में भी किसी तरह की कोई जानकारी नहीं देकर अपने स्तर पर ही अपने चहेतों को टेंडर दिए जा रहे हैं. इस मामले को लेकर कई बार अधिशासी अधिकारी से दूरभाष पर संपर्क करना चाहा, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.