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कलेक्टर के जमीन चयन करने पर वन विभाग को होता है घाटा: विधायक भरत सिंह - Kota news

सांगोद विधायक भरत सिंह (Sangod MLA Bharat Singh) ने प्रशासनिक अधिकारियों के भूमि के बदले भूमि चयन पर आपत्ति जताते हुए प्रमुख शासन सचिव वन को पत्र लिखा है.

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विधायक भरत सिंह ने भूमि चयन पर आपत्ति जताई
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Published : Sep 8, 2021, 6:09 PM IST

कोटा. सांगोद विधायक भरत सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों के भूमि के बदले भूमि चयन के मामले में आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया खुद अपनी जमीन का चयन करती है. उसी तरह से वन विभाग को भी खुद ही अपनी जमीन चयन करने का अधिकार मिलना चाहिए. वर्तमान में जिला प्रशासन की तरफ से ही जमीन का चयन किया जाता है, इससे फॉरेस्ट डिपार्टमेंट घाटे में रहता है.

विधायक भरत सिंह ने इसके लिए प्रमुख शासन सचिव वन एवं पर्यावरण विभाग श्रेया गुहा को पत्र लिखा है. उन्होंने जिक्र किया है कि कोटा एयरपोर्ट (Kota Airport) के लिए 1250 एकड़ भूमि की आवश्यकता है. इनमें से 466.52 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की है. ऐसे में जिला कलेक्टर कोटा न्यास के 2 गांवों के 466 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को जमीन के बदले जमीन देंगे.

यह भी पढ़ें. राजस्थान में भीड़-भाड़ वाले आयोजनों पर जारी रहेगी रोक, गृह विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश

नगर निगम की सीमा में मिली जमीन काम की नहीं

भरत सिंह ने सवाल उठाया है कि नगर निगम की 466 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को निगम की सीमा में दी जाएगी. यह भूमि वन विभाग के किस काम की है? उन्होंने कहा कि कोटा में पहले ही शहर से लगी वन भूमि पर अतिक्रमण और अवैध खनन हो रहा है. जिसे वन विभाग रोकने में असमर्थ है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से एयरपोर्ट की जमीन आवश्यकतानुसार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया एक कमेटी बनाकर चयन करता है. उसी तरह से फॉरेस्ट डिपार्टमेंट एक कमेटी बनाकर करे.

इसमें वन विभाग मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (Mukundara Hills Tiger Reserve), सोरसन गौड़ावन क्षेत्र और रामगढ़ विषधारी अभ्यारण के नजदीक की जो सरकारी भूमि उपलब्ध है, उसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवाए. जिससे उस जमीन का उपयोग लिया जा सके.

कोटा. सांगोद विधायक भरत सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों के भूमि के बदले भूमि चयन के मामले में आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया खुद अपनी जमीन का चयन करती है. उसी तरह से वन विभाग को भी खुद ही अपनी जमीन चयन करने का अधिकार मिलना चाहिए. वर्तमान में जिला प्रशासन की तरफ से ही जमीन का चयन किया जाता है, इससे फॉरेस्ट डिपार्टमेंट घाटे में रहता है.

विधायक भरत सिंह ने इसके लिए प्रमुख शासन सचिव वन एवं पर्यावरण विभाग श्रेया गुहा को पत्र लिखा है. उन्होंने जिक्र किया है कि कोटा एयरपोर्ट (Kota Airport) के लिए 1250 एकड़ भूमि की आवश्यकता है. इनमें से 466.52 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की है. ऐसे में जिला कलेक्टर कोटा न्यास के 2 गांवों के 466 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को जमीन के बदले जमीन देंगे.

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नगर निगम की सीमा में मिली जमीन काम की नहीं

भरत सिंह ने सवाल उठाया है कि नगर निगम की 466 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को निगम की सीमा में दी जाएगी. यह भूमि वन विभाग के किस काम की है? उन्होंने कहा कि कोटा में पहले ही शहर से लगी वन भूमि पर अतिक्रमण और अवैध खनन हो रहा है. जिसे वन विभाग रोकने में असमर्थ है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से एयरपोर्ट की जमीन आवश्यकतानुसार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया एक कमेटी बनाकर चयन करता है. उसी तरह से फॉरेस्ट डिपार्टमेंट एक कमेटी बनाकर करे.

इसमें वन विभाग मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (Mukundara Hills Tiger Reserve), सोरसन गौड़ावन क्षेत्र और रामगढ़ विषधारी अभ्यारण के नजदीक की जो सरकारी भूमि उपलब्ध है, उसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवाए. जिससे उस जमीन का उपयोग लिया जा सके.

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