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RTU Case : उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने वाले से मिली ईशा की हैंडराइटिंग, जमानत अर्जी पर 4 को फैसला - RTU Controversy

आरटीयू केस में गिरफ्तार छात्रा ईशा यादव की हैंडराइटिंग कॉपी जांच करने वाले (Isha Yadav Arrested in RTU Case) व्यक्ति से मैच हो गई है. ईशा ने परीक्षा से पहले सोशल मीडिया ग्रुप पर तय किए गए प्रश्नों को शेयर किया था. साथ ही परीक्षा में खाली पेपर लिखने वालों को भी मार्क्स भी दिए थे.

RTU Case
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Published : Jan 2, 2023, 7:33 PM IST

जमानत अर्जी पर बहस पूरी, चार को फैसला...

कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में छात्राओं को पास करने की एवज में अस्मत मांगने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रही ईशा यादव की जमानत प्रार्थना पत्र पर एससी एसटी कोर्ट में बहस हुई. न्यायाधीश ने सभी पक्षों को सुनते हुए फैसला 4 जनवरी तक के लिए सुरक्षित किया है. इससे पहले विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश कुमार जैन ने न्यायाधीश के समक्ष बताया कि कॉपी जांचने वाले व्यक्ति और ईशा यादव की हैंडराइटिंग एक जैसी पाई गई.

ईशा यादव के एडवोकेट लक्ष्मण सिंह हाड़ा ने बताया कि उसके खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे में पहले (Isha Yadav Arrested in RTU Case) किसी भी तरह की कोई ब्लैकमेलिंग या अन्य आरोप फरियादी ने नहीं लगाए थे. इस मामले में षडयंत्र पूर्वक निशा यादव को फंसाया गया है. उससे किसी भी तरह की कोई उत्तर पुस्तिकाओं की रिकवरी भी नहीं हुई है.

पढ़ें. पास करने की एवज में अस्मत मांगने के मामले में छात्रा ईशा यादव गिरफ्तार, परमार और अर्पित के साथ भेजा जेल

ईशा ने ही कॉपियां चेक की थीं, मिली हैंडराइटिंग : विशेष लोक अभियोजक हितेश जैन ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया है कि ईशा यादव ने ही प्रोफेसर गिरीश परमार के घर पर जाकर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की थी. पुलिस की जांच में सामने आया है कि ईशा की हैंडराइटिंग कॉपी जांचने वाले व्यक्ति की हैंडराइटिंग से मिल रही है. उसने सभी विद्यार्थियों को कुछ भी नहीं लिखने के बावजूद भी 6 अंक दिए थे.

इसके साथ ही विशिष्ट लोक अभियोजक जैन ने यह भी बताया कि एक ऑडियो में हुई पूरी बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट भी पुलिस ने तैयार की है. इसमें सामने आया है कि वह अन्य छात्राओं से मिलकर गिरीश परमार के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालती थी. परमार, ईशा यादव और अर्पित अग्रवाल तीनों मिलकर ही छात्राओं को प्रताड़ित कर रहे थे.

पढ़ें. आरटीयू मामला: स्टूडेंट ही सेट कर रहे थे एग्जाम पेपर, 3 दिन बढ़ी पुलिस रिमांड

ईशा ने ग्रुप में शेयर किए थे क्वेश्चन पेपर : ईटीवी भारत ने पहले बताया था कि एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार (Girl harassment Case in RTU) अपने चहेते छात्रों के जरिए सोशल मीडिया ग्रुप पर तय किए गए प्रश्न शेयर कर देता था. साथ ही यह भी कहा जाता था कि इन्हीं प्रश्नों में से परीक्षा में सवाल पूछे जाएंगे. हालांकि ऐसा बाद में नहीं होता था. दूसरी तरफ विद्यार्थी केवल उन्हीं प्रश्नों की तैयारी कर परीक्षा देने पहुंचते तो पेपर बदला हुआ मिलता. ऐसे में परमार छात्राओं को फेल कर उन्हें पास करने के बदले अस्मत की मांग करता था. पुलिस पड़ताल में यह भी सामने आया है कि ईशा यादव ने ही 35 प्रश्नों का चयन कर ग्रुप में शेयर किया था. साथ ही एक ऑडियो भी शेयर किया था. लेकिन इनमें से एक भी प्रश्न परीक्षा में नहीं आया.

ये था मामला : राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (RTU) में छात्राओं से पास करने की एवज में अस्मत मांगने का मामला सामने आया था. इस मामले में इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और एक स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिनको दो बार पुलिस रिमांड पर भी 3 -3 दिन के लिए भेजा गया था. इस मामले में एक अन्य छात्रा ईशा यादव को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जो फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा में चल रही है. बता दें कि गिरीश परमार को सस्पेंड किया है. साथ ही गिरफ्तार छात्र अर्पित और ईशा का भी निष्कासन किया है.

जमानत अर्जी पर बहस पूरी, चार को फैसला...

कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में छात्राओं को पास करने की एवज में अस्मत मांगने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रही ईशा यादव की जमानत प्रार्थना पत्र पर एससी एसटी कोर्ट में बहस हुई. न्यायाधीश ने सभी पक्षों को सुनते हुए फैसला 4 जनवरी तक के लिए सुरक्षित किया है. इससे पहले विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश कुमार जैन ने न्यायाधीश के समक्ष बताया कि कॉपी जांचने वाले व्यक्ति और ईशा यादव की हैंडराइटिंग एक जैसी पाई गई.

ईशा यादव के एडवोकेट लक्ष्मण सिंह हाड़ा ने बताया कि उसके खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे में पहले (Isha Yadav Arrested in RTU Case) किसी भी तरह की कोई ब्लैकमेलिंग या अन्य आरोप फरियादी ने नहीं लगाए थे. इस मामले में षडयंत्र पूर्वक निशा यादव को फंसाया गया है. उससे किसी भी तरह की कोई उत्तर पुस्तिकाओं की रिकवरी भी नहीं हुई है.

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ईशा ने ही कॉपियां चेक की थीं, मिली हैंडराइटिंग : विशेष लोक अभियोजक हितेश जैन ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया है कि ईशा यादव ने ही प्रोफेसर गिरीश परमार के घर पर जाकर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की थी. पुलिस की जांच में सामने आया है कि ईशा की हैंडराइटिंग कॉपी जांचने वाले व्यक्ति की हैंडराइटिंग से मिल रही है. उसने सभी विद्यार्थियों को कुछ भी नहीं लिखने के बावजूद भी 6 अंक दिए थे.

इसके साथ ही विशिष्ट लोक अभियोजक जैन ने यह भी बताया कि एक ऑडियो में हुई पूरी बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट भी पुलिस ने तैयार की है. इसमें सामने आया है कि वह अन्य छात्राओं से मिलकर गिरीश परमार के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालती थी. परमार, ईशा यादव और अर्पित अग्रवाल तीनों मिलकर ही छात्राओं को प्रताड़ित कर रहे थे.

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ईशा ने ग्रुप में शेयर किए थे क्वेश्चन पेपर : ईटीवी भारत ने पहले बताया था कि एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार (Girl harassment Case in RTU) अपने चहेते छात्रों के जरिए सोशल मीडिया ग्रुप पर तय किए गए प्रश्न शेयर कर देता था. साथ ही यह भी कहा जाता था कि इन्हीं प्रश्नों में से परीक्षा में सवाल पूछे जाएंगे. हालांकि ऐसा बाद में नहीं होता था. दूसरी तरफ विद्यार्थी केवल उन्हीं प्रश्नों की तैयारी कर परीक्षा देने पहुंचते तो पेपर बदला हुआ मिलता. ऐसे में परमार छात्राओं को फेल कर उन्हें पास करने के बदले अस्मत की मांग करता था. पुलिस पड़ताल में यह भी सामने आया है कि ईशा यादव ने ही 35 प्रश्नों का चयन कर ग्रुप में शेयर किया था. साथ ही एक ऑडियो भी शेयर किया था. लेकिन इनमें से एक भी प्रश्न परीक्षा में नहीं आया.

ये था मामला : राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (RTU) में छात्राओं से पास करने की एवज में अस्मत मांगने का मामला सामने आया था. इस मामले में इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और एक स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिनको दो बार पुलिस रिमांड पर भी 3 -3 दिन के लिए भेजा गया था. इस मामले में एक अन्य छात्रा ईशा यादव को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जो फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा में चल रही है. बता दें कि गिरीश परमार को सस्पेंड किया है. साथ ही गिरफ्तार छात्र अर्पित और ईशा का भी निष्कासन किया है.

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