कोटा. राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने 400 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है. इन प्रत्याशियों का मुकाबला 200 विधानसभा सीटों पर होगा. इनमें एक सीट कांग्रेस गठबंधन की भरतपुर की है, जहां से सुभाष गर्ग चुनावी मैदान में हैं. इन सभी प्रत्याशियों की उम्र के हिसाब से समीकरण देखा जाए तो कांग्रेस ने 80 पार के 4 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की उम्र 75 से ज्यादा नहीं है. दूसरी तरफ युवाओं की बात की जाए तो कांग्रेस पार्टी ने 30 साल से कम उम्र के तीन युवाओं को मौका दिया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी की सूची में एक ही नाम है.
दोगुनी से भी ज्यादा उम्र के प्रत्याशी से मुकाबला : दोनों ही दलों के प्रत्याशियों की औसत उम्र देखी जाए तो यह 54.7 साल है. अकेले कांग्रेस के 200 प्रत्याशियों की औसत उम्र 54.6 जबकि भाजपा की 54.8 साल है. इस चुनाव में अलवर जिले के कठुंमर सीट से सबसे कम उम्र की प्रत्याशी कांग्रेस की तरफ से संजना जादव हैं, जिनकी उम्र 25 साल है. उनका मुकाबला उनसे दुगनी उम्र से भी ज्यादा के प्रत्याशी डॉ. जसवंत यादव से होगा, जिनकी उम्र 65 साल है.
यह चार हैं सबसे युवा चेहरे : युवा चेहरों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा युवा संजना जादव हैं. उनके बाद नसीराबाद सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार शिव प्रकाश गुर्जर 26 साल के हैं, जिनका मुकाबला भाजपा के 38 वर्षीय रामस्वरूप लांबा से होगा. इसी तरह से कोलायत सीट से 27 वर्षीय अंशुमान सिंह भाटी को भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारा है. उनके सामने मंत्री भंवर सिंह भाटी चुनावी मैदान में हैं, जिनकी उम्र 49 साल है. जोधपुर की सूरसागर सीट से 28 वर्षीय शहजाद अयूब मैदान में हैं, जिनके पिता प्रोफेसर अयूब खान ने बीते चुनाव में इस सीट से लड़ा था. वर्तमान में वो आरपीएससी के सदस्य हैं. उनके सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी 63 वर्षीय देवेंद्र जोशी चुनावी मैदान में हैं.
यह बुजुर्ग नेता भी चुनावी मैदान में : सबसे ज्यादा उम्र के प्रत्याशी की बात की जाए तो बाड़मेर जिले की शिव सीट से 84 साल के अमीन खान चुनावी मैदान में हैं, जिनका मुकाबला भाजपा के 47 वर्षीय स्वरूप सिंह खारा से होगा. इसी तरह से कांग्रेस ने बूंदी सीट से 83 वर्षीय हरिमोहन शर्मा को मैदान में उतारा है, जबकि उनके सामने भाजपा प्रत्याशी 70 वर्षीय अशोक डोगरा चुनाव लड़ रहे हैं. बीते चुनाव में भी दोनों आमने-सामने थे. इसी तरह से किशनगढ़ बास सीट से 83 वर्षीय प्रत्याशी दीपचंद खेरिया के सामने 63 वर्षीय भाजपा प्रत्याशी रामहेत सिंह यादव चुनाव लड़ रहे हैं. इसके साथ ही 80 वर्षीय महादेव सिंह खंडेला को खंडेला सीट से कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा है. उनके सामने 45 वर्षीय भाजपा प्रत्याशी सुभाष मील मैदान में हैं.
भाजपा में सबसे ज्यादा उम्र के वासुदेव देवनानी : भारतीय जनता पार्टी ने 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में नहीं उतरा है. इनमें 75 वर्षीय प्रत्याशी वासुदेव देवनानी ही चुनाव लड़ रहे हैं, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी ने अजमेर उत्तर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. वह वर्तमान में वहां से विधायक भी हैं. इसी सीट से उनके सामने कांग्रेस प्रत्याशी 64 वर्षीय महेंद्र सिंह रलावता चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा सीकर से भारतीय जनता पार्टी ने 74 वर्षीय रतनलाल जलधारी हैं. उनका मुकाबला 75 वर्षीय राजेंद्र पारीक से होगा.
युवा और बुजुर्गों को टिकट देने में कांग्रेस अव्वल : दोनों ही पार्टियों ने युवाओं को तरजीह देने की बात की थी, लेकिन 40 साल से कम उम्र के महज 55 प्रत्याशियों को ही दोनों पार्टियों ने चुनावी मैदान में उतारा है. इसमें कांग्रेस ने बाजी मारी और 38 युवा प्रत्याशी को टिकट दिया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के महज 17 युवा प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. युवाओं को टिकट देने में कांग्रेस का हिस्सा करीब 70 फीसदी है. वहीं, 60 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को टिकट देने की बात की जाए तो दोनों ही पार्टियों ने 130 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. इनमें भारतीय जनता पार्टी से 61 प्रत्याशी मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस ने यहां भी बाजी मारी है और 69 प्रत्याशियों को उतारा है.
इस 'एज ग्रुप' में सबसे ज्यादा प्रत्याशी : सबसे ज्यादा प्रत्याशी 41 से लेकर 60 साल की उम्र के हैं. इनकी संख्या 215 है, जिनमें से भारतीय जनता पार्टी के 122 और कांग्रेस के 93 प्रत्याशी हैं. कांग्रेस ने इस उम्र में 43 फीसदी नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है, तो भारतीय जनता पार्टी ने 57 फीसदी को टिकट दिया है. इसमें भी 51 से लेकर 60 साल की उम्र के 132 प्रत्याशी हैं, जिनमें भाजपा के 78 और कांग्रेस के 54 प्रत्याशी हैं. वहीं, 41 से 50 एज ग्रुप की श्रेणी में 83 प्रत्याशी हैं, जिनमें भाजपा के 44 और कांग्रेस के 39 कैंडिडेट हैं.