कोटा. जयपुर की तर्ज में कोटा में भी आशाएं जेल सोसायटी अब एक पेट्रोल पंप चलाने जा रही है. इसका संचालन जेल में सजा काट (Petrol Pump in Kota Central Jail) रहे बंदी की ओर से किया जाएगा. इस पेट्रोल पंप का संचालन इसी साल से शुरू किया जाना प्रस्तावित है. अंटाघर चौराहे के नजदीक जेल परिसर में पेट्रोल पंप का निर्माण काफी तेज गति से चल रहा है और साल के अंत तक इसका संचालन शुरू हो सकता है.
जेल अधीक्षक पीएस सिद्धू का कहना है कि इस साल यह पेट्रोल पंप पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा. जिसके बाद इसका संचालन भी शुरू कर दिया जाएगा. सिद्धू का कहना है कि जेल विभाग के पास मुख्य सड़कों पर काफी बड़ी जमीन है, यह अनुपयोगी ही थी. इस तरह से अगर व्यापार या कोई बिजनेस डाला जाता है, तब भूमि का बेहतर उपयोग कर जेल विभाग को भी फायदा पहुंचता है व जेल विभाग को आय भी होगी. इसीलिए कोटा सेंट्रल जेल परिसर के मेन रोड पर पेट्रोल पंप डालने का करार इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से किया था. करार के तहत जेल विभाग की इस पेट्रोल पंप का संचालन करेगा.
IOCL के खर्च से जेल को होगी आय : इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इसके लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपए (Prisoners Run Petrol Pump in Kota) का वर्क आर्डर जारी किया था. इसके बाद अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में कार्य शुरू हो गया था और यह कार्य काफी तेज गति से चल रहा है. इसमें टैंक, बिल्डिंग, विधुत लाइन, सड़क, केनोपी सहित कई कार्य होने हैं. इसके अलावा यहां पर तीन मशीनें स्थापित की जाएंगी. इनके जरिए डीजल और पेट्रोल की बिक्री होगी. पेट्रोल-डीजल की बिक्री से मिलने वाला कमीशन और इस जगह का किराया भी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड जेल विभाग को देगा. इससे होने वाली लाखों रुपए की आमदनी से बंदियों के हित के कार्य किए जाएंगे.
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ट्रेनिंग के बाद चयन किया जाएगा बंदियों को : पेट्रोल पंप का संचालन कोटा खुली जेल के बंदी ही करेंगे. उनको इसके लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ट्रेनिंग देगा। बंदी पूरी तरह से ट्रेनिंग लेने के बाद पारंगत हो जाएंगे, उन्हें ही पेट्रोल पंप पर कार्य करवाया जाएगा. सुपरिटेंडेंट सिद्धू का कहना है कि खुली जेल में 80 बंदी हैं, जिनमें दो महिलाएं भी हैं. ऐसे में पेट्रोल पंप पर 8 से 10 लोगों का स्टाफ रखा जाएगा, इनका चयन उन्हीं 80 में से किया जाएगा. पेट्रोल पंप का हिसाब किताब के अलावा कई तकनीकी कार्य भी होते हैं, यह सब जेल स्टाफ करेंगे. महिला बंदियों की संख्या कम है, ऐसे में संभवत पेट्रोल पंप पर स्टाफ पुरुष बंदी ही रहेंगे.
कोटा सेंट्रल जेल अधीक्षक सिद्धू का कहना है कि कैदियों के सुधारात्मक प्रयास में यह भी एक बड़ा कदम (Prisoners will operate Petrol Pump in Kota) है. यहां पर ट्रेनिंग लेने वाले कैदी जब उनकी सजा पूरी हो जाएगी, तब वे अपने इलाके के किसी भी पेट्रोल पंप पर काम कर सकेंगे. जिससे वे अपराध का रास्ता छोड़कर एक सामान्य और सुलझे हुए व्यक्ति का जीवन जी सकेंगे.