ETV Bharat / state

कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा बोले-गौ माता की दुर्दशा के चलते देश में अनेक स्थानों पर आई त्रासदी - शिव महापुराण कथा का वाचन

कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कोटा में कथा वाचन के दौरान कहा कि गौ माता की दुर्दशा के चलते देश में त्रासदियां आई हैं.

Pandit Pradeep Mishra on cows condition in India
कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 2, 2023, 9:55 PM IST

Updated : Oct 2, 2023, 10:43 PM IST

गौ माता की दुर्दशा के चलते देश में त्रासदियां-पंडित प्रदीप मिश्रा

कोटा. पंडित प्रदीप मिश्रा कोटा में देव शिव महापुराण कथा का वाचन कर रहे हैं. जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज देश में साढ़े 12 लाख मशीन के कत्लखाने हो गए हैं. सरकारें गायों के लिए बहुत कुछ करती हैं, लेकिन वह गौ माता तक नहीं पहुंचती. यदि गौ माता के लिए कुछ किया होता, तो गाय कचरा खाते सड़क पर नहीं घूमती. उन्होंने कहा कि एक भी गाय मरती है, तो राष्ट्र को त्रासदी भुगतनी पड़ती है. देश में अनेक स्थानों पर आने वाली त्रासदियां गौ माता की दुर्दशा का ही परिणाम है. उन्होंने कत्लखानों में गौमाता के साथ होने वाले वीभत्स अत्याचार की करुण गाथा का रुदन स्वर में वर्णन किया.

पंडित मिश्रा ने कथा के दौरान कहा कि अपने बच्चों को कार नहीं संस्कार देना चाहिए. संस्कार आ गए तो वह कार की लाइन लगा देगा. उन्होंने कहा कि संस्कार बुजुर्ग देते हैं, लेकिन दादी को मोबाइल से और पोते को पढ़ाई से फुर्सत नहीं है. बच्चों को कहानी सुना कर संस्कार दिए जा सकते हैं, ऐसी एजुकेशन बच्चों को दें कि वह बुढ़ापे में सेवा भी करें. उन्होंने कहा कि जो मंदिर जाने, शिव पर जल चढ़ाने को लेकर प्रश्न उठाता है. वह हमें सनातन धर्म से हटाकर अन्य धर्म में ले जाने की तैयारी कर रहा है. उन्होंने कहा कि शिव की प्रतीक्षा करो, परीक्षा मत लो. शिव महापुराण कथा कल्प वृक्ष है, जो मांगोगे मिलेगा.

पढ़ें: कथावाचक प्रदीप मिश्रा बोले-सनातन धर्म के लोग अगर कुछ अच्छा करते हैं, तो विरोधी उनकी टांग खींचते हैं

श्रद्धालुओं के पत्रों का भी किया वाचन: कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने भक्तों के भेजे गए पत्रों का वाचन श्रद्धालुओं के सामने वाचन किया. उन्होंने कहा कि महादेव की भक्ति करें, वही आपका भविष्य तय करेंगे. भगवान शंकर का भजन करें, वे दुनिया का भाग्य लिखने वाले हैं. उन्होंने कहा कि भक्ति करने वाला व्यक्ति किसी दौड़ में शामिल नहीं होता है. कोई एक व्रत करता है, तो उसे सुनकर दूसरा 11 व्रत करके सफल नहीं हो सकता. दिखावे की दौड़ से दूर रहोगे तो सुखी रहोगे. उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति सवा लाख बिल्व पत्र चढ़ाकर शिव को खुश नहीं कर सकता. इसके बजाय बिल्वपत्र के सवा लाख पौधे लगाने चाहिए.

गौ माता की दुर्दशा के चलते देश में त्रासदियां-पंडित प्रदीप मिश्रा

कोटा. पंडित प्रदीप मिश्रा कोटा में देव शिव महापुराण कथा का वाचन कर रहे हैं. जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज देश में साढ़े 12 लाख मशीन के कत्लखाने हो गए हैं. सरकारें गायों के लिए बहुत कुछ करती हैं, लेकिन वह गौ माता तक नहीं पहुंचती. यदि गौ माता के लिए कुछ किया होता, तो गाय कचरा खाते सड़क पर नहीं घूमती. उन्होंने कहा कि एक भी गाय मरती है, तो राष्ट्र को त्रासदी भुगतनी पड़ती है. देश में अनेक स्थानों पर आने वाली त्रासदियां गौ माता की दुर्दशा का ही परिणाम है. उन्होंने कत्लखानों में गौमाता के साथ होने वाले वीभत्स अत्याचार की करुण गाथा का रुदन स्वर में वर्णन किया.

पंडित मिश्रा ने कथा के दौरान कहा कि अपने बच्चों को कार नहीं संस्कार देना चाहिए. संस्कार आ गए तो वह कार की लाइन लगा देगा. उन्होंने कहा कि संस्कार बुजुर्ग देते हैं, लेकिन दादी को मोबाइल से और पोते को पढ़ाई से फुर्सत नहीं है. बच्चों को कहानी सुना कर संस्कार दिए जा सकते हैं, ऐसी एजुकेशन बच्चों को दें कि वह बुढ़ापे में सेवा भी करें. उन्होंने कहा कि जो मंदिर जाने, शिव पर जल चढ़ाने को लेकर प्रश्न उठाता है. वह हमें सनातन धर्म से हटाकर अन्य धर्म में ले जाने की तैयारी कर रहा है. उन्होंने कहा कि शिव की प्रतीक्षा करो, परीक्षा मत लो. शिव महापुराण कथा कल्प वृक्ष है, जो मांगोगे मिलेगा.

पढ़ें: कथावाचक प्रदीप मिश्रा बोले-सनातन धर्म के लोग अगर कुछ अच्छा करते हैं, तो विरोधी उनकी टांग खींचते हैं

श्रद्धालुओं के पत्रों का भी किया वाचन: कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने भक्तों के भेजे गए पत्रों का वाचन श्रद्धालुओं के सामने वाचन किया. उन्होंने कहा कि महादेव की भक्ति करें, वही आपका भविष्य तय करेंगे. भगवान शंकर का भजन करें, वे दुनिया का भाग्य लिखने वाले हैं. उन्होंने कहा कि भक्ति करने वाला व्यक्ति किसी दौड़ में शामिल नहीं होता है. कोई एक व्रत करता है, तो उसे सुनकर दूसरा 11 व्रत करके सफल नहीं हो सकता. दिखावे की दौड़ से दूर रहोगे तो सुखी रहोगे. उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति सवा लाख बिल्व पत्र चढ़ाकर शिव को खुश नहीं कर सकता. इसके बजाय बिल्वपत्र के सवा लाख पौधे लगाने चाहिए.

Last Updated : Oct 2, 2023, 10:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.