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NEET UG 2023: इस बार 605 के स्कोर पर मिलेगा ऑल इंडिया कोटा में सरकारी मेडिकल कॉलेज!

नीट यूजी 2023 में इस बार 605 के स्कोर पर सरकारी मेडिकल कॉलेज ऑल इंडिया कोटे में अभ्यर्थियों को मिल सकते हैं. बीते साल की तुलना में इस साल परीक्षार्थियों से लेकर टॉपर्स तक की संख्या में इजाफा हुआ है. ऐसे में इस बार कट ऑफ ज्यादा हो सकता है. कोटा के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट से समझिए सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में एमबीबीएस सीटों का गणित....

NEET UG 2023 Cut off For MBBS
NEET UG 2023 Cut off For MBBS
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Published : Jun 19, 2023, 10:06 PM IST

Updated : Jun 20, 2023, 2:20 PM IST

कोटा. देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम (नीट यूजी 2023) का परिणाम जारी हो गया है. अब सभी अभ्यर्थियों को मेडिकल काउंसलिंग का इंतजार है, जिसके जरिए उन्हें मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलेगा. हालांकि इस परीक्षा के जरिए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश का ही क्रेज रहता है, क्योंकि उनमें फीस काफी कम रहती है. जबकि निजी और डीम्ड यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेजों में 35 लाख रुपए से लेकर सवा करोड़ रुपए तक फीस है. ऐसे में अभ्यर्थियों की उत्सुकता है कि उनकी रैंक के आधार पर उन्हें इस बार सरकारी मेडिकल कॉलेज मिलेगा या नहीं.

MBBS के लिए प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस
MBBS के लिए प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस

कोटा के एक्सपर्ट्स ने ऐसे अभ्यर्थियों की जिज्ञासा को देखते हुए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की कटऑफ की कैलकुलेशन की है. कोटा के निजी कोचिंग के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि इस बार 605 के स्कोर पर अभ्यर्थियों को ऑल इंडिया कोटे में सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल जाएगा. जनरल, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी के अभ्यर्थियों की कटऑफ सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए 605 जाएंगी. हालांकि मिश्रा का कहना है कि उनके कैलकुलेशन में प्लस या माइनस 5 अंक कटऑफ में ऊपर नीचे हो सकते हैं, यानी 600 से लेकर 610 तक मार्क्स लाने वाले अभ्यर्थियों को ऑल इंडिया कोटा में सीट मिल सकती है.

NEET UG 2023 Cut off For MBBS
MBBS के लिए इतने प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं

पढ़ें. NEET UG 2023 Result Analysis : 43 फीसदी स्टूडेंट्स क्रॉस नहीं कर सके कट ऑफ, ये राज्य रहे फिसड्डी

इन्हें मिल सकती है सरकारी सीट : परिजात मिश्रा के अनुसार बीते साल 596 अंक पर ही जनरल, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों को एमबीबीएस में प्रवेश मिला था. इसके अनुसार ही ऑल इंडिया कोटे में 22500 रैंक तक कटऑफ चली गई थी. इस बार करीब 9000 एमबीबीएस की सीटें बढ़ी हैं और टॉपर्स भी बढ़ें हैं. ऐसे में करीब 25000 रैंक तक अभ्यर्थियों को ऑल इंडिया कोटे के तहत एमबीबीएस की सरकारी कॉलेज की सीट मिल जाएगी. एससी कैटेगरी के लिए 1.20 से 1.25 लाख तक रैंक रहेगी. इसी तरह से एसटी कैटेगरी में 1.5 से 1.6 लाख तक रैंक वाले अभ्यर्थियों को सरकारी कॉलेज से एमबीबीएस का मौका मिल सकता है.

दिल्ली एम्स में 710 अंक पर प्रवेश : दिल्ली एम्स का क्रेज अभ्यर्थियों में रहता है. टॉपर स्टूडेंट दिल्ली एम्स को ही अपनी सर्वाधिक प्राथमिकता मानते हैं. दिल्ली एम्स में जहां पर 132 एमबीबीएस की सीटें हैं, जिनमें 51 फीसदी एडमिशन जनरल कोटे और 49 फीसदी आरक्षित कोटे से होता है. नीट के टॉपर्स की सूची में ही 710 अंकों तक 50 अभ्यर्थी आ गए थे. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रवेश की वरीयता जनरल की सूची में 710 अंक तक ही एम्स मिलेगा, जबकि ईडब्ल्यूएस और ओबीसी एनसीएल को 700 अंक पर एमबीबीएस की सीट एम्स दिल्ली में मिल जाएगी. वहीं, एससी को 690 और एसटी को 680 अंक पर सीट मिलेगी.

परीक्षा ने भी बनाया है रिकॉर्ड : इस बार नीट यूजी में सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन 2087360 हुए थे, जिनमें से 2038596 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है. इनमें से 1145976 अभ्यर्थियों का काउंसलिंग के लिए चयन हुआ है. वर्तमान में एमबीबीएस की सीटें 106300 के आसपास हैं. इनमें से करीब 54000 सीटें सरकारी मेडिकल कॉलेजों की हैं, जबकि शेष 51 हजार प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की हैं. इसके साथ ही इस बार कटऑफ भी 20 अंक बढ़कर 137 पर पहुंच गई है, जबकि साल 2022 में यह 117 अंक रही थी.

पढे़ं. Special : MBBS की दोगुनी सीट के साथ ढाई गुना बढ़ा कॉम्पिटिशन, NEET UG में अब एक सीट पर 20 दावेदार

प्रदेश में 30 लाख तक है फीस: एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि राजस्थान भी प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस के मामले में काफी आगे है. यहां पर शुरुआती फीस जयपुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज की 17.5 लाख रुपए है. इसमें अन्य खर्चे बाद में जोड़े जाते हैं, हालांकि यह सबसे कम फीस है. इसके बाद में जयपुर, उदयपुर और राजसमंद के अलावा अन्य जिलों के निजी और डीम्ड यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेजों की फीस काफी ज्यादा है. यह फीस 25 लाख रुपए तक पहुंच रही है. जबकि राजस्थान में मैनेजमेंट कोटे की सीट में फीस बढ़कर 30 लाख रुपए के आसपास पहुंच जाती है.

बीते साल से बढ़ी टॉपर्स की संख्या : पारिजात मिश्रा ने बताया कि नीट यूजी के परिणाम के आधार पर बीते साल से टॉपर्स अभ्यर्थियों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. साल 2022 में 656 अंक पर 3320 अभ्यर्थियों की ऑल इंडिया रैंक आई थी, जबकि साल 2023 में 656 अंक पर करीब 6000 अभ्यर्थियों की रैंक है. इसी तरह से बीते साल 2022 में जहां 620 अंक पर 12578 रैंक थी, इस बार 630 अंक पर ही 13600 रैंक आई हैं. इसी तरह से 563 अंक पर साल 2022 में 40000 रैंक थी, जबकि इस बार यह रैंक 582 अंक पर है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार एमबीबीएस की कटऑफ बढ़ेगी.

सबसे सस्ते एम्स संस्थान : देशभर में वर्तमान में 20 एम्स में 2169 से ज्यादा सीटों पर प्रवेश मिल रहा है. पारिजात मिश्रा ने बताया कि इन एम्स में फीस 1700 रुपए के आसपास ही है. ऐसे में एमबीबीएस की पूरी पढ़ाई ही 7.5 हजार रुपए में पूरी हो जाती है, इसलिए अभ्यर्थियों में इन एम्स के प्रति काफी रुचि नजर आती है. ज्यादातर टॉपर स्टूडेंट्स इन एम्स को ही पसंद करते हैं.

पढ़ें. Special : नीट यूजी 2023 रिजल्ट में छात्राएं टॉप 50 में आने से पिछड़ीं, ओवरऑल में छात्रों को पछाड़ा

सबसे महंगा सरकारी कॉलेज महाराष्ट्र का : परिजात मिश्रा ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सबसे महंगा महाराष्ट्र के वर्धा का महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज सेवाग्राम है. यहां की फीस 2.2 लाख रुपए सालाना है. इसके अलावा अन्य खर्चे मिलाकर यह करीब 3 लाख के आसपास पहुंच जाती है. यह देश का सबसे महंगा सरकारी मेडिकल कॉलेज है, जबकि अधिकांश सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक फीस है. राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों की बात की जाए तो एक लाख से कम फीस यहां है. वहीं, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के मैनेजमेंट कोटा सीटों की बात की जाए तो वहां पर भी 7 से 8 लाख रुपए के बीच फीस सालाना है.

देश में सबसे कम केरल में है फीस : देश के निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस की बात की जाए तो केरल में 7 से 11 लाख रुपए सालाना फीस के साथ यह सबसे कम फीस वाला राज्य है. इसके बाद कर्नाटक में 10 लाख रुपए सालाना की फीस है. मध्य प्रदेश में 7 से 8 लाख रुपए से शुरू होती है, जो बढ़कर 12 लाखों रुपए सालाना तक पहुंच जाती है. इसी तरह से उत्तर प्रदेश में 12.50 से 13.50 लाख रुपए तक की फीस है. अन्य राज्यों में 15 लाख रुपए से ज्यादा ही फीस मेडिकल कॉलेजों में है. इसी तरह से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा करीब 27 लाख रुपए सालाना फीस डीवाई पाटिल मेडिकल कॉलेज, मुंबई की है.

कोटा. देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम (नीट यूजी 2023) का परिणाम जारी हो गया है. अब सभी अभ्यर्थियों को मेडिकल काउंसलिंग का इंतजार है, जिसके जरिए उन्हें मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलेगा. हालांकि इस परीक्षा के जरिए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश का ही क्रेज रहता है, क्योंकि उनमें फीस काफी कम रहती है. जबकि निजी और डीम्ड यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेजों में 35 लाख रुपए से लेकर सवा करोड़ रुपए तक फीस है. ऐसे में अभ्यर्थियों की उत्सुकता है कि उनकी रैंक के आधार पर उन्हें इस बार सरकारी मेडिकल कॉलेज मिलेगा या नहीं.

MBBS के लिए प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस
MBBS के लिए प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस

कोटा के एक्सपर्ट्स ने ऐसे अभ्यर्थियों की जिज्ञासा को देखते हुए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की कटऑफ की कैलकुलेशन की है. कोटा के निजी कोचिंग के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि इस बार 605 के स्कोर पर अभ्यर्थियों को ऑल इंडिया कोटे में सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल जाएगा. जनरल, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी के अभ्यर्थियों की कटऑफ सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए 605 जाएंगी. हालांकि मिश्रा का कहना है कि उनके कैलकुलेशन में प्लस या माइनस 5 अंक कटऑफ में ऊपर नीचे हो सकते हैं, यानी 600 से लेकर 610 तक मार्क्स लाने वाले अभ्यर्थियों को ऑल इंडिया कोटा में सीट मिल सकती है.

NEET UG 2023 Cut off For MBBS
MBBS के लिए इतने प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं

पढ़ें. NEET UG 2023 Result Analysis : 43 फीसदी स्टूडेंट्स क्रॉस नहीं कर सके कट ऑफ, ये राज्य रहे फिसड्डी

इन्हें मिल सकती है सरकारी सीट : परिजात मिश्रा के अनुसार बीते साल 596 अंक पर ही जनरल, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों को एमबीबीएस में प्रवेश मिला था. इसके अनुसार ही ऑल इंडिया कोटे में 22500 रैंक तक कटऑफ चली गई थी. इस बार करीब 9000 एमबीबीएस की सीटें बढ़ी हैं और टॉपर्स भी बढ़ें हैं. ऐसे में करीब 25000 रैंक तक अभ्यर्थियों को ऑल इंडिया कोटे के तहत एमबीबीएस की सरकारी कॉलेज की सीट मिल जाएगी. एससी कैटेगरी के लिए 1.20 से 1.25 लाख तक रैंक रहेगी. इसी तरह से एसटी कैटेगरी में 1.5 से 1.6 लाख तक रैंक वाले अभ्यर्थियों को सरकारी कॉलेज से एमबीबीएस का मौका मिल सकता है.

दिल्ली एम्स में 710 अंक पर प्रवेश : दिल्ली एम्स का क्रेज अभ्यर्थियों में रहता है. टॉपर स्टूडेंट दिल्ली एम्स को ही अपनी सर्वाधिक प्राथमिकता मानते हैं. दिल्ली एम्स में जहां पर 132 एमबीबीएस की सीटें हैं, जिनमें 51 फीसदी एडमिशन जनरल कोटे और 49 फीसदी आरक्षित कोटे से होता है. नीट के टॉपर्स की सूची में ही 710 अंकों तक 50 अभ्यर्थी आ गए थे. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रवेश की वरीयता जनरल की सूची में 710 अंक तक ही एम्स मिलेगा, जबकि ईडब्ल्यूएस और ओबीसी एनसीएल को 700 अंक पर एमबीबीएस की सीट एम्स दिल्ली में मिल जाएगी. वहीं, एससी को 690 और एसटी को 680 अंक पर सीट मिलेगी.

परीक्षा ने भी बनाया है रिकॉर्ड : इस बार नीट यूजी में सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन 2087360 हुए थे, जिनमें से 2038596 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है. इनमें से 1145976 अभ्यर्थियों का काउंसलिंग के लिए चयन हुआ है. वर्तमान में एमबीबीएस की सीटें 106300 के आसपास हैं. इनमें से करीब 54000 सीटें सरकारी मेडिकल कॉलेजों की हैं, जबकि शेष 51 हजार प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की हैं. इसके साथ ही इस बार कटऑफ भी 20 अंक बढ़कर 137 पर पहुंच गई है, जबकि साल 2022 में यह 117 अंक रही थी.

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प्रदेश में 30 लाख तक है फीस: एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि राजस्थान भी प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस के मामले में काफी आगे है. यहां पर शुरुआती फीस जयपुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज की 17.5 लाख रुपए है. इसमें अन्य खर्चे बाद में जोड़े जाते हैं, हालांकि यह सबसे कम फीस है. इसके बाद में जयपुर, उदयपुर और राजसमंद के अलावा अन्य जिलों के निजी और डीम्ड यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेजों की फीस काफी ज्यादा है. यह फीस 25 लाख रुपए तक पहुंच रही है. जबकि राजस्थान में मैनेजमेंट कोटे की सीट में फीस बढ़कर 30 लाख रुपए के आसपास पहुंच जाती है.

बीते साल से बढ़ी टॉपर्स की संख्या : पारिजात मिश्रा ने बताया कि नीट यूजी के परिणाम के आधार पर बीते साल से टॉपर्स अभ्यर्थियों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. साल 2022 में 656 अंक पर 3320 अभ्यर्थियों की ऑल इंडिया रैंक आई थी, जबकि साल 2023 में 656 अंक पर करीब 6000 अभ्यर्थियों की रैंक है. इसी तरह से बीते साल 2022 में जहां 620 अंक पर 12578 रैंक थी, इस बार 630 अंक पर ही 13600 रैंक आई हैं. इसी तरह से 563 अंक पर साल 2022 में 40000 रैंक थी, जबकि इस बार यह रैंक 582 अंक पर है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार एमबीबीएस की कटऑफ बढ़ेगी.

सबसे सस्ते एम्स संस्थान : देशभर में वर्तमान में 20 एम्स में 2169 से ज्यादा सीटों पर प्रवेश मिल रहा है. पारिजात मिश्रा ने बताया कि इन एम्स में फीस 1700 रुपए के आसपास ही है. ऐसे में एमबीबीएस की पूरी पढ़ाई ही 7.5 हजार रुपए में पूरी हो जाती है, इसलिए अभ्यर्थियों में इन एम्स के प्रति काफी रुचि नजर आती है. ज्यादातर टॉपर स्टूडेंट्स इन एम्स को ही पसंद करते हैं.

पढ़ें. Special : नीट यूजी 2023 रिजल्ट में छात्राएं टॉप 50 में आने से पिछड़ीं, ओवरऑल में छात्रों को पछाड़ा

सबसे महंगा सरकारी कॉलेज महाराष्ट्र का : परिजात मिश्रा ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सबसे महंगा महाराष्ट्र के वर्धा का महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज सेवाग्राम है. यहां की फीस 2.2 लाख रुपए सालाना है. इसके अलावा अन्य खर्चे मिलाकर यह करीब 3 लाख के आसपास पहुंच जाती है. यह देश का सबसे महंगा सरकारी मेडिकल कॉलेज है, जबकि अधिकांश सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक फीस है. राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों की बात की जाए तो एक लाख से कम फीस यहां है. वहीं, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के मैनेजमेंट कोटा सीटों की बात की जाए तो वहां पर भी 7 से 8 लाख रुपए के बीच फीस सालाना है.

देश में सबसे कम केरल में है फीस : देश के निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस की बात की जाए तो केरल में 7 से 11 लाख रुपए सालाना फीस के साथ यह सबसे कम फीस वाला राज्य है. इसके बाद कर्नाटक में 10 लाख रुपए सालाना की फीस है. मध्य प्रदेश में 7 से 8 लाख रुपए से शुरू होती है, जो बढ़कर 12 लाखों रुपए सालाना तक पहुंच जाती है. इसी तरह से उत्तर प्रदेश में 12.50 से 13.50 लाख रुपए तक की फीस है. अन्य राज्यों में 15 लाख रुपए से ज्यादा ही फीस मेडिकल कॉलेजों में है. इसी तरह से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा करीब 27 लाख रुपए सालाना फीस डीवाई पाटिल मेडिकल कॉलेज, मुंबई की है.

Last Updated : Jun 20, 2023, 2:20 PM IST
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