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NCC ने आर्मी डे पर आयोजित किया ब्लड डोनेशन कैंप, गर्ल्स कैडेट में नॉर्मल लड़कियों से ज्यादा मिला हीमोग्लोबिन - NCC organized blood donation camp

एनसीसी की ओर से आर्मी डे के मौके पर मंगलवार को ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया. इस दौरान आर्मी व एनसीसी के अधिकारी और जवानों ने ब्लड डोनेट किया.

ब्लड डोनेशन कैंप
ब्लड डोनेशन कैंप
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 16, 2024, 4:00 PM IST

Updated : Jan 16, 2024, 4:30 PM IST

आर्मी डे पर आयोजित किया ब्लड डोनेशन कैंप

कोटा. नेशनल कैडेट कोर ने आर्मी डे के अवसर पर मंगलवार को ब्लड डोनेशन कैंप हेड क्वार्टर में आयोजित किया. इसमें कोटा के आर्मी व एनसीसी के अधिकारी और जवानों ने ब्लड डोनेट किया. सामान्य तौर पर युवा लड़कियों में हीमोग्लोबिन की कमी पाई जाती है, लेकिन ऐसा एनसीसी की गर्ल्स कैडेट्स में कम देखने को मिला है. चिकित्सक डॉ. प्रवीण झा का कहना है कि एनसीसी गर्ल्स कैडेट में हीमोग्लोबिन कम होने की शिकायत कम थी, क्योंकि उनकी फिजिकल फिटनेस काफी अच्छी है. अधिकांश कॉलेज जाने वाली छात्राओं का वजन भी 50 से काम रहता है, लेकिन एनसीसी की गर्ल्स कैडेट का वजन भी अच्छा था.

एनसीसी के फायदे : एनसीसी हेडक्वाटर कोटा के ग्रुप कमांडर कर्नल सुधांशु शेखर ने कहा कि कैंप में करीब 100 यूनिट ब्लड डोनेशन हुआ है. साथ ही उन्होंने युवाओं को एनसीसी से जुड़ने का आह्वान भी किया. उनका कहना है कि एनसीसी से विद्यार्थियों को कई फायदे मिलते हैं, एक तो आर्मी की तरह का डिसिप्लिन सीख जाते हैं. यह उनके जीवन में काफी काम आता है. साथ ही फिजिकल फिटनेस भी काफी अच्छी हो जाती है. उन्हें कई जॉब्स में एनसीसी के सर्टिफिकेट के जरिए मदद मिलती है.

पढ़ें. भारतीय सेना के जवानों ने युद्धाभ्यास के दौरान 'दुश्मन के ठिकानों' को किया नेस्तनाबूद

दूसरी तरफ आर्मी में जवान से लेकर अफसर तक एनसीसी के सी सर्टिफिकेट वालों के लिए अलग वैकेंसी होती है. उन्होंने कहा कि कोटा हेडक्वार्टर के अधीन 7 यूनिट चल रही है, जिसमें दो यूनिट अलवर और 2 यूनिट भरतपुर में हैं. इसके अलावा तीन यूनिट कोटा में है. कोटा में एयर एनसीसी की विग व गर्ल्स के लिए अलग विंग भी है. सभी जगह मिलकर 5000 कैडेट्स हैं, जिनमें आधे करीब 2500 के आसपास कोटा एरिया में हैं. इनकी ट्रेनिंग के लिए करीब एक दर्जन अधिकारी और 350 जवान भी लगे हुए हैं.

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को चढ़ाया जाएगा ब्लड: कोटा ब्लड बैंक के संस्थापक अध्यक्ष मंजू कासलीवाल ने कहा कि ब्लड डोनेशन में मिला रक्त, थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को चढ़ाया जाएगा. इन बच्चों की जांच उनकी संस्था निःशुल्क करती है और ब्लड चढ़ाने का भी कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. ब्लड डोनेशन कैंप में पहुंचे सभी एनसीसी कैडेट्स और आर्मी के जवानों के खून की कई तरह की जांच भी की गई है.

आर्मी डे पर आयोजित किया ब्लड डोनेशन कैंप

कोटा. नेशनल कैडेट कोर ने आर्मी डे के अवसर पर मंगलवार को ब्लड डोनेशन कैंप हेड क्वार्टर में आयोजित किया. इसमें कोटा के आर्मी व एनसीसी के अधिकारी और जवानों ने ब्लड डोनेट किया. सामान्य तौर पर युवा लड़कियों में हीमोग्लोबिन की कमी पाई जाती है, लेकिन ऐसा एनसीसी की गर्ल्स कैडेट्स में कम देखने को मिला है. चिकित्सक डॉ. प्रवीण झा का कहना है कि एनसीसी गर्ल्स कैडेट में हीमोग्लोबिन कम होने की शिकायत कम थी, क्योंकि उनकी फिजिकल फिटनेस काफी अच्छी है. अधिकांश कॉलेज जाने वाली छात्राओं का वजन भी 50 से काम रहता है, लेकिन एनसीसी की गर्ल्स कैडेट का वजन भी अच्छा था.

एनसीसी के फायदे : एनसीसी हेडक्वाटर कोटा के ग्रुप कमांडर कर्नल सुधांशु शेखर ने कहा कि कैंप में करीब 100 यूनिट ब्लड डोनेशन हुआ है. साथ ही उन्होंने युवाओं को एनसीसी से जुड़ने का आह्वान भी किया. उनका कहना है कि एनसीसी से विद्यार्थियों को कई फायदे मिलते हैं, एक तो आर्मी की तरह का डिसिप्लिन सीख जाते हैं. यह उनके जीवन में काफी काम आता है. साथ ही फिजिकल फिटनेस भी काफी अच्छी हो जाती है. उन्हें कई जॉब्स में एनसीसी के सर्टिफिकेट के जरिए मदद मिलती है.

पढ़ें. भारतीय सेना के जवानों ने युद्धाभ्यास के दौरान 'दुश्मन के ठिकानों' को किया नेस्तनाबूद

दूसरी तरफ आर्मी में जवान से लेकर अफसर तक एनसीसी के सी सर्टिफिकेट वालों के लिए अलग वैकेंसी होती है. उन्होंने कहा कि कोटा हेडक्वार्टर के अधीन 7 यूनिट चल रही है, जिसमें दो यूनिट अलवर और 2 यूनिट भरतपुर में हैं. इसके अलावा तीन यूनिट कोटा में है. कोटा में एयर एनसीसी की विग व गर्ल्स के लिए अलग विंग भी है. सभी जगह मिलकर 5000 कैडेट्स हैं, जिनमें आधे करीब 2500 के आसपास कोटा एरिया में हैं. इनकी ट्रेनिंग के लिए करीब एक दर्जन अधिकारी और 350 जवान भी लगे हुए हैं.

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को चढ़ाया जाएगा ब्लड: कोटा ब्लड बैंक के संस्थापक अध्यक्ष मंजू कासलीवाल ने कहा कि ब्लड डोनेशन में मिला रक्त, थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को चढ़ाया जाएगा. इन बच्चों की जांच उनकी संस्था निःशुल्क करती है और ब्लड चढ़ाने का भी कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. ब्लड डोनेशन कैंप में पहुंचे सभी एनसीसी कैडेट्स और आर्मी के जवानों के खून की कई तरह की जांच भी की गई है.

Last Updated : Jan 16, 2024, 4:30 PM IST
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