कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE MAIN 2023) के दूसरे सत्र को 6 से 12 अप्रैल के बीच में आयोजित करने वाली है. परीक्षा को होने में आज से 10 दिन का समय बचा है, ऐसे में विद्यार्थियों को परीक्षा शहर और तारीख का बेसब्री से इंतजार है. करीब 10 लाख से ज्यादा बच्चे इस परीक्षा में शामिल होंगे. कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट के रूप में यह परीक्षा देश भर के 424 शहरों में 7 दिन तक आयोजित आयोजित होने वाली है. एनटीए ने परीक्षा शहरों की घोषणा के लिए मार्च के अंतिम सप्ताह में होने की बात कही थी.
बता दें कि जेईई मेन 2023 देश के 399 परीक्षा-विदेश के 25 शहर है. प्रदेश में इस परीक्षा के लिए 17 शहरों में परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं. इसमें कोटा, जयपुर, जोधपुर, अजमेर, अलवर, बाडमेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, दौसा, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, सीकर, सिरोही, श्रीगंगानगर और उदयपुर शामिल है.
जनवरी अटेम्प्ट में नहीं मिले थे कई विद्यार्थियों को भरे हुए परीक्षा शहर : एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से आयोजित किए गए जेईईमेन जनवरी सेशन में कई विद्यार्थी ऐसे भी थे, जिन्हें भरे गए परीक्षा शहरों के चारों ऑप्शन में से एग्जाम सिटी आवंटित नहीं की गई थी. ऐसे विद्यार्थियों के सामने काफी समस्या आ गई थी. ऐसे कई विद्यार्थी असमंजस में हो गए थे. ऐसे कई कई विद्यार्थियों को नया शहर आवंटित हो गया था, जहां पर वे जाना भी नहीं चाह रहे थे. साथ ही उन शहरों की संबंध में जानकारी भी नहीं थी. उन्होंने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से पहले से भरे गए परीक्षा शहर आवंटित करने की मांग मेल से भी की थी. जिसके बाद कई विद्यार्थियों को परीक्षा शहर भी बदलने की प्रक्रिया नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने की थी.
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एग्जाम में बैठने वाले हैं यूनिक कैंडिडेट का भी बन सकता है रिकॉर्ड : अप्रैल अटेम्प्ट के रजिस्ट्रेशन तिथि बढ़ने के बाद बार में 16 मार्च तक हुए थे. इस बार यूनिक कैंडिडेट की संख्या बढ़ेगी. यह संख्या करीब 11 लाख 60 हजार से ज्यादा हो सकती है, क्योंकि जनवरी अटेम्प्ट में करीब 9 लाख 6 हजार विद्यार्थियों ने आवेदन किया था. जबकि अप्रैल कैंप के लिए 3 लाख 40 विद्यार्थी आवेदन कर चुके हैं. यह रजिस्ट्रेशन मिलाकर करीब 12 लाख 45 हजार के आसपास हो रहा है. जनवरी अटेंप्ट में उपस्थिति जनवरी ट्रेंड के मुताबिक 95.79 फीसदी से ज्यादा थी. इस हिसाब से परीक्षा में करीब सवा तीन लाख के आसपास बच्चे नए बैठेंगे. ऐसे में 11 लाख 60 हजार से ज्यादा बच्चे परीक्षा दे सकते हैं.