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तीन IPS, पांच RPS और 250 पुलिस वालों ने ढूंढा तो कोटा में हत्याकांड का आरोपी निकला...तीरथ का मस्तराम - कोटा

कोटा शहर के हुए मां-बेटी के निर्मम हत्याकांड के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्त में ले लिया है. जहां घर में नौकरी कर रहे मस्तराम ने महज कुछ पैसो के लालच में अपने साथी लोकेश के साथ मिलकर दो निर्दोषों की निर्मम हत्या कर दी. हत्या को भयावह तरीके से अंजाम दिया गया.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
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Published : Feb 5, 2019, 7:30 AM IST

कोटा. दरअसल घटना कोटा शहर की है जहां तीरथ निवासी मस्तराम एक घर में नौकर का कार्य करता था. लेकिन उसकी नजर घर में मौजूद धन-संपत्ति पर थी. और इसी लालच में उसने दो हस्ती खेलती जिंदगियों को उजाड़ दिया. मौका पाकर मस्तराम ने घर में मौजूद मां-बेटी की सरियों से मार-मारकर जान ले ली. बदमाशों ने सरियों के ताबड़तोड़ वार से महज 10 मिनट में मां और बेटी को खत्म कर लूट की. इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दे दिया. जिसके बाद 37 लाख रुपये और 15 किलो जेवरात लेकर फरार हो गया. हत्या का मुख्य आरोपी पहले ढाई महीने तक घर पर नौकर रह चुका था.

घटना के समय ज्वेलर राजेंद्र विजय अपनी दुकान पर थे और उनके पिता चांदमल अपने नित्य दिनचर्या के अनुसार मंदिर गए हुए थे. तभी बदमाश मस्तराम और उसके साथी लोकेश ने मौका देख कर घर में प्रवेश कर जमकर उत्पात मचाया. अंदर जाते ही पहले उसने गायत्री से सेठ जी के लिए पूछा और तभी सरिये से गायत्री पर ताबड़तोड़ वार कर दिए. जिससे गायत्री लहूलुहान होकर फर्श पर गिर पड़ी. पास ही कमरे में बैठी पलक ने जब आवाज सुनी तो वह वहां पहुंची. बदमाशों ने उस मासूम को भी नहीं बख्शा और सरिए के वार से मौत के घाट उतार दिया.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
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बदमाशों ने पहले तो रुपए और ज्वेलरी का बैग अपने घर पर छिपाया और फिर बस से जयपुर घूमने निकल गए. लेकिन कहते हैं कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और गुनाहगार कितना भी चालाक हो लेकिन अपने गुनाह के निशान छोड़ देता है. बदमाश मस्तराम घटना के बाद अपने पुराने सेठ राजेंद्र के घर मातम पर शोक व्यक्त करने भी पहुंचा. जहां पुलिस को उसके हाव-भाव पर शक हुआ तो उसे पुलिस थाने बुलाकर पूछताछ की. जिसके बाद उसने अपने जुर्म की पूरी खौफनाक कहानी सुनाई. पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल मस्तराम के दूसरे साथी लोकेश को भी गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही बदमाशों के घर से लूट के 21 लाख रूपये और 15 किलो जेवरात से भरा बैग बरामद कर लिया है.

पत्रकार वार्ता में दोहरे हत्याकांड की पूरी घटना का खुलासा करते हुए कोटा रेंज आईजी विपिन कुमार पांडे ने बताया कि इस घटना का खुलासा करने में भीमगंज मंडी थाना पुलिस के कांस्टेबल शिवराज की अहम भूमिका रही. डीजीपी ने कांस्टेबल को विशेष सम्मान दिलाने की घोषणा भी की है. पुलिस की 10 से ज्यादा टीमें इस काम में दिन-रात जुटी हुई थी. जिसमें 3 आईपीएस, 5 आरपीएस भी शामिल थे. 96 घंटे के भीतर गायत्री और पलक की निर्मम हत्या की पूरी कहानी का खुलासा कोटा पुलिस द्वारा किया गया है.

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कोटा. दरअसल घटना कोटा शहर की है जहां तीरथ निवासी मस्तराम एक घर में नौकर का कार्य करता था. लेकिन उसकी नजर घर में मौजूद धन-संपत्ति पर थी. और इसी लालच में उसने दो हस्ती खेलती जिंदगियों को उजाड़ दिया. मौका पाकर मस्तराम ने घर में मौजूद मां-बेटी की सरियों से मार-मारकर जान ले ली. बदमाशों ने सरियों के ताबड़तोड़ वार से महज 10 मिनट में मां और बेटी को खत्म कर लूट की. इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दे दिया. जिसके बाद 37 लाख रुपये और 15 किलो जेवरात लेकर फरार हो गया. हत्या का मुख्य आरोपी पहले ढाई महीने तक घर पर नौकर रह चुका था.

घटना के समय ज्वेलर राजेंद्र विजय अपनी दुकान पर थे और उनके पिता चांदमल अपने नित्य दिनचर्या के अनुसार मंदिर गए हुए थे. तभी बदमाश मस्तराम और उसके साथी लोकेश ने मौका देख कर घर में प्रवेश कर जमकर उत्पात मचाया. अंदर जाते ही पहले उसने गायत्री से सेठ जी के लिए पूछा और तभी सरिये से गायत्री पर ताबड़तोड़ वार कर दिए. जिससे गायत्री लहूलुहान होकर फर्श पर गिर पड़ी. पास ही कमरे में बैठी पलक ने जब आवाज सुनी तो वह वहां पहुंची. बदमाशों ने उस मासूम को भी नहीं बख्शा और सरिए के वार से मौत के घाट उतार दिया.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
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बदमाशों ने पहले तो रुपए और ज्वेलरी का बैग अपने घर पर छिपाया और फिर बस से जयपुर घूमने निकल गए. लेकिन कहते हैं कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और गुनाहगार कितना भी चालाक हो लेकिन अपने गुनाह के निशान छोड़ देता है. बदमाश मस्तराम घटना के बाद अपने पुराने सेठ राजेंद्र के घर मातम पर शोक व्यक्त करने भी पहुंचा. जहां पुलिस को उसके हाव-भाव पर शक हुआ तो उसे पुलिस थाने बुलाकर पूछताछ की. जिसके बाद उसने अपने जुर्म की पूरी खौफनाक कहानी सुनाई. पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल मस्तराम के दूसरे साथी लोकेश को भी गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही बदमाशों के घर से लूट के 21 लाख रूपये और 15 किलो जेवरात से भरा बैग बरामद कर लिया है.

पत्रकार वार्ता में दोहरे हत्याकांड की पूरी घटना का खुलासा करते हुए कोटा रेंज आईजी विपिन कुमार पांडे ने बताया कि इस घटना का खुलासा करने में भीमगंज मंडी थाना पुलिस के कांस्टेबल शिवराज की अहम भूमिका रही. डीजीपी ने कांस्टेबल को विशेष सम्मान दिलाने की घोषणा भी की है. पुलिस की 10 से ज्यादा टीमें इस काम में दिन-रात जुटी हुई थी. जिसमें 3 आईपीएस, 5 आरपीएस भी शामिल थे. 96 घंटे के भीतर गायत्री और पलक की निर्मम हत्या की पूरी कहानी का खुलासा कोटा पुलिस द्वारा किया गया है.

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Intro:कोटा.
नाम मस्तराम,,,,, निवास स्थान '' तीरथ'' और गुनाह निर्दोष मां- बेटी की जघन्य हत्या ।महज पैसा कमाने के लिए तीरथ के इस पापी ने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर एक परिवार को तबाह कर दिया,,,, हस्ती खेलती 2-2 जिंदगियो को बर्बाद कर दिया ।बदमाशों ने सरियों के ताबड़तोड़ वार से महज 10 मिनट में मां और बेटी को खत्म कर लूट की इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दे दिया और से 37 लाख रुपये और 15 किलो जेवरात को लेकर फरार हो गया ।हत्या का मुख्य आरोपी पहले ढाई महीने तक घर पर नौकर रह चुका था।


Body:घटना के समय ज्वेलर राजेंद्र विजय अपनी दुकान पर थे और उनके पिता चांदमल अपने नित्य दिनचर्या के अनुसार मंदिर गए हुए थे कि तभी बदमाश मस्तराम और उसके साथी लोकेश ने मौका देख कर घर में प्रवेश कर जमकर उत्पात मचाया। अंदर जाते ही पहले उसने गायत्री से सेठ जी के लिए पूछा और तभी सरिये से गायत्री पर ताबड़तोड़ वार कर दिए ।जिससे गायत्री लहूलुहान होकर फर्श पर गिर गई। पास ही कमरे में बैठी पलक ने जब आवाज सुनी तो वह वहां पहुंची तो बदमाशों ने उसे भी सरिए के वार से मौत के घाट उतार दिया। सरिए से किए गए वार इतने जबरदस्त थे कि गायत्री और पलक की मौके पर ही मौत हो गई। और दोनों मां बेटियों को लहूलुहान हालत में पटक कर दोनों बदमाशों मस्तराम और लोकेश ने घर की अलमारी में रखे 37 लाख रुपये और 15 किलो जेवरात लूट लिए और बाइक से फरार हो गए।
बदमाशों ने पहले तो रुपए और ज्वेलरी का बैग अपने घर पर छिपाया और फिर बस से जयपुर घूमने निकल गए ।लेकिन कहते हैं कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और गुनाहगार कितना भी चालाक हो लेकिन अपने गुनाह के निशान छोड़ देता है। बदमाश मस्तराम घटना के बाद अपने पुराने सेठ राजेंद्र के घर मातम पर शोक व्यक्त करने भी पहुंचा। जहां पुलिस को उसके हाव-भाव पर शक हुआ तो उसे पुलिस थाने बुलाकर पूछताछ की गई और वह कुछ ही देर में ही टूट गया और उसने अपने जुर्म की पूरी ख़ौफ़नाक कहानी जब सुनाई तो पुलिस के पैरों की जमीन खिसक गई ।पुलिस ने दोहरा हत्याकांड में शामिल मस्तराम के दूसरे साथी लोकेश को भी गिरफ्तार कर लिया है ।साथ ही बदमाशों के घर से लूट के 21 लाख रूपये और 15 किलो जेवरात से भरा बैग बरामद कर लिया है।


Conclusion:पत्रकार वार्ता में दोहरे हत्याकांड की पूरी घटना का खुलासा करते हुए कोटा रेंज आईजी विपिन कुमार पांडे ने बताया कि इस घटना का खुलासा करने में भीमगंज मंडी थाना पुलिस के कांस्टेबल शिवराज की अहम भूमिका रही। जिसने आरोपियों का सबसे अहम सुराग दिया जिसके लिए डीजीपी ने कांस्टेबल को विशेष सम्मान दिलाने की घोषणा भी की है। पुलिस की 10 से ज्यादा टीमें इस काम में दिन-रात जुटी हुई थी ।जिस में 3 आईपीएस, 5 आरपीएस सहित दर्जनों पुलिस के अधिकारी शामिल थे। लगभग 150 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे ,300 लोगों से पूछताछ कर क्लू जुटाया गया और तब 96 घंटे के भीतर गायत्री और पलक की निर्मम हत्या की पूरी कहानी का खुलासा कोटा पुलिस द्वारा किया गया है।

बाइट विपिन कुमार (आईजी कोटा रेंज)
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