कोटा. एशिया भामाशाह कृषि उपज मंडी में शनिवार को मुहूर्त हुआ और 10 दिन बाद नीलामी शुरू हुई. पहले ही दिन धान और सोयाबीन की बंपर आवक (Seth Bhamashah Mandi in Kota) हुई. जिसके चलते मंडी की सड़कें भी जिंसों से भर गई. मंडी में सवा दो लाख (2.25 लाख) बोरी माल आया. हालात ऐसे हैं कि पैर रखने की जगह भी नहीं मिल रही है. लगातार अगले एक डेढ़ महीने तक इसी तरह के हालात बने रहेंगे. लगातार जिंसों की आवक होगी और किसानों को इससे परेशानी होना भी लाजमी है, क्योंकि कई बार मंडी से माल का उठाव नहीं हो पाता है और इसी के चलते नीलामी रोकनी पड़ती है और किसानों को 1 से 2 दिन तक रुकना पड़ता है. इसी कारण मंडी व्यापारियों ने एक बार फिर मंडी के विस्तार का मुद्दा उठाया है.
व्यापाररियों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी इसकी पैरवी करने की मांग की है. साथ ही व्यापारियों ने यह भी कहा कि मंडी के विस्तार से सरकार को रेवेन्यू भी ज्यादा मिलेगा और किसानों को भी उपज समय पर बेचने का फायदा मिलेगा.
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5 साल पहले बनी थी योजना: भामाशाह मंडी के ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी ने कहा कि मंडी के विस्तार के लिए 7 साल पहले से ही योजना है. मंडी समिति ने विस्तार के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया है. मंडी से लगती हुई करीब 600 बीघा जमीन वन विभाग की है, जिसका कन्वर्जन होने के बाद मंडी का विस्तार हो जाएगा. इस कन्वर्जन की फाइल को तुरंत स्वीकृति दी जाए.
डेढ़ लाख बोरी धान आया: पहले दिन ही मंडी में पैर रखने की जगह नहीं मिल रही है. करीब डेढ़ लाख बोरी धान और कुल सवा दो लाख बोरी माल आया है. लगातार 3 दिन के लिए मंडी में ऐसा ही रहा तो माल की लोडिंग नहीं होने पर जाम की स्थिति हो जाएगी. राज्य सरकार और वन विभाग किसान हित में मंडी का विस्तार में सहयोग करें. कोटा भामाशाह कृषि उपज मंडी की क्रेडिबिलिटी के चलते यहां पर मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश सभी माल आता है. ऐसे में किसानों को 1 से 2 दिन तक बाहर ही वेटिंग करना पड़ता है.
विस्तार के बाद 6 लाख बोरी माल में भी नहीं होगी समस्या: अविनाश राठी ने कहा कि वर्तमान में केवल सवा दो लाख बोरी माल मंडी में आ पाता है, जबकि विस्तार के बाद यह मात्रा बढ़ कर 6 लाख बोरी हो जाएगी. नए प्लान में दुकान बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है, महज नीलामी शेड, रेलवे लाइन और गोदाम बनने हैं. इससे लोडिंग भी जल्दी हो जाएगी. यह माल विक्रय होने के साथ तुरंत लोड हो जाएगा. वर्तमान में मंडी जाम होने की स्थिति होती है. उन्होंने कहा कि यह मंडी सीजनल नहीं है यह साल भर चलने वाली मंडी है और प्रतिदिन दो से ढाई लाख बोरी माल यहां पर आता है. विस्तार के बाद जब मंडी में 6 लाख बोरी माल भी आ जाएगा और मंडी जाम जैसे हालात भी नहीं रहेंगे.
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हाईवे से जुड़े होने के चलते शहर का ट्रैफिक भी सुधरेगा: उन्होंने बताया कि वर्तमान में मंडी में आने वाले वाहन शहर के बीच में होकर आते हैं. जिनमें ट्रैक्टर ट्रॉली के अलावा ट्रक और बड़े वाहन भी शामिल हैं, लेकिन मंडी विस्तार होने के चलते लेन हाईवे से सीधी जुड़ जाएगी. इसके बाद आसपास के गांवों से अपनी जिंसों को मंडी में बेचने आने वाले किसान सीधे फोरलेन हाईवे के जरिए मंडी में प्रवेश कर जाएंगे. मंडी से बाहर ट्रकों से जाने वाला माल भी सीधे हाईवे पर पहुंच जाएगा. इससे शहर के यातायात को राहत मिलेगी, भारी वाहनों का शहर में प्रवेश कम होगा.
मंडी समिति का रेवेन्यू भी 3 गुना बढ़ेगा: अध्यक्ष अविनाश राठी ने बताया कि वर्तमान में मंडी 7 हजार करोड़ का टर्नओवर सालाना कर रही है, लेकिन जब मंडी का विस्तार हो जाएगा, तो यह टर्नओवर बढ़कर 20 हजार करोड़ के आसपास पहुंच जाएगा. इससे मंडी समिति की आय भी 3 गुना बढ़ जाएगी. उन्हें ज्यादा मंडी टैक्स मिलेगा. इसके चलते हाड़ौती के किसानों के अलावा राज्य के हित में भी यह है. उनका कहना है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी इस संबंध में उन्होंने बातचीत की है और वह भी राज्य सरकार से इस संबंध में कार्रवाई करवाएंगे.