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विधायक भरत सिंह ने मंत्री प्रमोद जैन भाया पर साधा निशाना, CM को पत्र लिखकर मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की उठाई मांग

अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए चर्चा में रहने वाले कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने सीएम गहलोत को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने लिखा कि प्रदेश के प्रभारी मंत्रियों का जिले बदलने के साथ ही मंत्रिमंडल में भी भ्रष्टाचार की गंगा बहाने वाले भ्रष्ट मंत्रियों को बाहर करना होगा.

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विधायक भरत सिंह ने मंत्री प्रमोद जैन भाया पर साधा निशाना
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Published : Sep 15, 2020, 10:25 PM IST

कोटा. सांगोद विधानसभा सीट से विधायक और पूर्व मंत्री भरत सिंह ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बार उन्होंने बिना नाम लिए हाड़ौती से ही दूसरे दिग्गज नेता और प्रदेश सरकार में खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है.

जिसमें साफ तौर पर उन्होंने लिखा कि प्रदेश के प्रभारी मंत्रियों का जिले बदलने के साथ ही मंत्रिमंडल में भी भ्रष्टाचार की गंगा बहाने वाले भ्रष्ट मंत्रियों को बाहर करना होगा. साथ ही भरत सिंह ने यह भी लिखा है कि प्रभारी मंत्रियों के जिले में फेरबदल करने से कितना लाभ होगा. यह बाद में देखने को मिलेगा.

पढ़ें- SPECIAL : कोरोना ने तोड़ी मूर्तिकारों की कमर, पहले करते थे रोज 500 रुपए की कमाई... अब दयनीय स्थिति में गुजर रहा जीवन

विधायक भरत सिंह ने पत्र में मंत्री प्रमोद जैन भाया का नाम तो नहीं लिया, लेकिन साफ शब्दों में हिंट देते हुए लिखा कि पिछली सरकार के समय आप मुख्यमंत्री रहते हुए पहले भी उन्हें हटा चुके हैं, यह भ्रष्टाचार के माफिया हैं. साथ ही उन्होंने लिखा है कि गंदगी की बदबू नजदीक के लोगों को ज्यादा दुर्गंध देती है. ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए उन्होंने साफ कह दिया कि वे मीडिया में इस संबंध में कोई बातचीत नहीं करेंगे.

हालांकि फोन पर हुई वार्ता के दौरान भरत सिंह ने कहा कि उन्होंने यह पत्र मीडिया को नहीं दिया था. गोपनीय रूप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा था, लेकिन यह मीडिया में कैसे वायरल हो गया उन्हें जानकारी नहीं है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया है कि वह इस तरह का पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिख चुके हैं, लेकिन वह कैमरे के सामने इस बारे में बातचीत नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि पत्र में कुछ बातें मैंने लोगों के लिए छोड़ी है, मैंने तो लिखा है कि जो भ्रष्ट हैं.

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उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में इतनी ख्याति प्राप्त कर ली कि पूरा प्रदेश जानता है. उनका पद पर बने रहना ठीक नहीं है. एक दिन ऐसा नहीं जाता जिस दिन भ्रष्टाचारी पकड़ा नहीं जाता है. मैं उस मुकाम पर हूं जो कुछ बोलता हूं तो आवाज जाती है. मुझे भी पार्टी के चलते डेकोरम बनाना है. इसलिए मैंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. वैसे तो डेकोरम यह भी कहता है कि मुझे चुप रहना चाहिए, लेकिन मैं बोलता हूं क्योंकि अनुशासन तोड़ता हूं. मुझे लगता है कि बोलना जरूरी है.

कोटा. सांगोद विधानसभा सीट से विधायक और पूर्व मंत्री भरत सिंह ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बार उन्होंने बिना नाम लिए हाड़ौती से ही दूसरे दिग्गज नेता और प्रदेश सरकार में खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है.

जिसमें साफ तौर पर उन्होंने लिखा कि प्रदेश के प्रभारी मंत्रियों का जिले बदलने के साथ ही मंत्रिमंडल में भी भ्रष्टाचार की गंगा बहाने वाले भ्रष्ट मंत्रियों को बाहर करना होगा. साथ ही भरत सिंह ने यह भी लिखा है कि प्रभारी मंत्रियों के जिले में फेरबदल करने से कितना लाभ होगा. यह बाद में देखने को मिलेगा.

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विधायक भरत सिंह ने पत्र में मंत्री प्रमोद जैन भाया का नाम तो नहीं लिया, लेकिन साफ शब्दों में हिंट देते हुए लिखा कि पिछली सरकार के समय आप मुख्यमंत्री रहते हुए पहले भी उन्हें हटा चुके हैं, यह भ्रष्टाचार के माफिया हैं. साथ ही उन्होंने लिखा है कि गंदगी की बदबू नजदीक के लोगों को ज्यादा दुर्गंध देती है. ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए उन्होंने साफ कह दिया कि वे मीडिया में इस संबंध में कोई बातचीत नहीं करेंगे.

हालांकि फोन पर हुई वार्ता के दौरान भरत सिंह ने कहा कि उन्होंने यह पत्र मीडिया को नहीं दिया था. गोपनीय रूप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा था, लेकिन यह मीडिया में कैसे वायरल हो गया उन्हें जानकारी नहीं है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया है कि वह इस तरह का पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिख चुके हैं, लेकिन वह कैमरे के सामने इस बारे में बातचीत नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि पत्र में कुछ बातें मैंने लोगों के लिए छोड़ी है, मैंने तो लिखा है कि जो भ्रष्ट हैं.

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उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में इतनी ख्याति प्राप्त कर ली कि पूरा प्रदेश जानता है. उनका पद पर बने रहना ठीक नहीं है. एक दिन ऐसा नहीं जाता जिस दिन भ्रष्टाचारी पकड़ा नहीं जाता है. मैं उस मुकाम पर हूं जो कुछ बोलता हूं तो आवाज जाती है. मुझे भी पार्टी के चलते डेकोरम बनाना है. इसलिए मैंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. वैसे तो डेकोरम यह भी कहता है कि मुझे चुप रहना चाहिए, लेकिन मैं बोलता हूं क्योंकि अनुशासन तोड़ता हूं. मुझे लगता है कि बोलना जरूरी है.

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