सांगोद (कोटा). पुलवामा हमले के शहीद हेमराज मीणा की वीरांगना मधुबाला मीणा अपने पैतृक गांव विनोद कला की जगह सांगोद में सेन कॉलोनी में रहती हैं. बीते दिनों जयपुर में राज्यसभा सदस्य किरोड़ीलाल मीणा और अन्य वीरांगनाओं के साथ धरना दे रही थीं. वह अदालत चौराहे पर शहीद हेमराज मीणा की प्रतिमा लगाने और पैतृक गांव में सड़क निर्माण करवाने की मांग को लेकर अड़ी हुई थी. इसी मसले को लेकर जयपुर में धरना प्रदर्शन चल रहा था.
सांगोद में कैद हैं वीरांगना मधुबालाः सरकार ने वीरांगना मधुबाला मीणा को वहां से कोटा भेज दिया और सांगोद में उसके घर पर रखा हुआ है. पहले उनका एक-दो दिन उपचार भी चला, लेकिन अब वह स्वस्थ हैं. मधुबाला मीणा का आरोप है कि घर के बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है.सरकार के निर्देश पर पुलिस ने उन्हें नजरबंद किया हुआ है और घर के बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है. इसके साथ ही यह भी आरोप लगाया कि उनके घर का राशन बिगड़ गया है.घर के किसी भी सदस्य को सामान लेने के लिए भी बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है. इसी मामले को लेकर आज सांगोद के पूर्व विधायक हीरालाल नागर भी उनके आवास पर पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने वीरांगना मधुबाला मीणा से बातचीत की. वीरांगना मधुबाला मीणा के आवास के बाहर पुलिस तैनाती के बारे में भी पुलिस के अधिकारियों से बातचीत की है.
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वीरांगना के परिवार को राशन उपलब्ध करायाः हीरालाल नागर ने कहा कि वीरांगना के परिवार के लिए जरूरी राशन उपलब्ध कराया है. उनके घर पर राशन खत्म हो गया है. हरी सब्जी के लिए भी परिजनों को परेशान होना को पड़ रहा है. पूर्व विधायक नागर ने यह भी कहा कि कोटा ग्रामीण एसपी कावेंद्र सिंह सागर और आईजी प्रसन्न खमेसरा से भी बात की है. वीरांगना के घर पर क्यों पुलिस जाब्ता लगा रखा है. इस संबंध में कोई जानकारी दोनों अधिकारी नहीं दे पाए हैं. नागर ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सरकार के निर्देश पर ही वीरांगना को घर में ही कैद किया गया है, जो कि उसके संवैधानिक नियमों की अवहेलना कर रहा है. इस तरह से वीरांगना के साथ व्यवहार सरकार की क्रूरता को दर्शा रहा है. सरकार शहीदों के साथ किस तरह से व्यवहार कर रही है, यह भी निंदनीय है.