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कोटा में यूआईटी के निर्माण की खुली पोल, 70 करोड़ से बनी अस्पताल की दो बिल्डिंग से टपका पानी

कोटा के जेके लोन और एमबीएस अस्पताल में 70 करोड़ रुपए से बनी नई बिल्डिंगों में निम्न स्तरीय निर्माण की पोल खुल गई है. छत पर जमा बारिश का पानी रिसकर अस्पताल के अंदर पहुंच रहा है. जिसके चलते मरीजों और तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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कोटा में यूआईटी के निर्माण की खुली पोल
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Published : Jun 26, 2023, 1:10 PM IST

कोटा में यूआईटी के निर्माण की खुली पोल

कोटा. मेडिकल कॉलेज कोटा के जेकेलोन और एमबीएस अस्पताल में 70 करोड़ रुपए से दो नई बिल्डिंग का निर्माण कराया गया था. जिसमें एमबीएस अस्पताल की ओपीडी बिल्डिंग और जेके लोन अस्पताल में ओपीडी आईपीडी ब्लॉक का निर्माण शामिल है. दोनों ही निर्माण तुरंत करवाने की एवज में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने नगर विकास न्यास को जिम्मा सौंपा था. हालांकि नगर विकास न्यास के कार्य का नमूना दोनों बिल्डिंगों में वर्तमान में देखा जा सकता है. पूरे निर्माण की पोल पानी का रिसाव खोल रहा है. एमबीएस अस्पताल में भी पानी बहकर आ रहा है. वहीं जेके लोन अस्पताल में फॉल सीलिंग से रिसाव हुआ. जिसके चलते मरीज, तीमारदार और स्टॉफ सभी परेशान हो रहा है.

इस साल ही मरीजों के लिए शुरू की गई है बिल्डिंगः जेके लोन और एमबीएस की दोनों नई बिल्डिंग इस साल ही शुरू की गई हैं. एमबीएस अस्पताल में मई माह में ही ओपीडी ब्लॉक को शिफ्ट किया गया है. जबकि जेके लोन अस्पताल में जनवरी महीने में ओपीडी और आईपीडी शिफ्ट हुए है. जेके लोन अस्पताल की बिल्डिंग का निर्माण बीते साल हो गया था. जबकि एमबीएस अस्पताल की बिल्डिंग का निर्माण इस साल ही हुआ था. ऐसे में निर्माण के पहले साल में ही पानी का रिस जाना, बिल्डिंग की निम्न क्वालिटी को दर्शा रहा है. वहीं मरीज के तीमारदार साजिद का कहना है कि घटिया निर्माण अस्पताल में हुआ है. इसी के चलते पानी जगह जगह जमा हो रहा है और रिसाव भी हो रहा है. इससे करंट का खतरा भी बना हुआ है. वहीं अन्य तीमारदार चेतन वर्मा का कहना है कि ठेकेदार और निर्माण करवाने वाले लोगों की गलती रही है.

ये भी पढ़ेंः ऐसे बजट का सपना, घर बन सके 'अपना'... बिल्डिंग मैटेरियल पर जीएसटी हो कम

पानी टपकने से तीमारदारों को नहीं बैठने की जगहः जेके लोन अस्पताल में रविवार रात को फॉल सीलिंग से ही भारी मात्रा में पानी बहने लगा. यह गलियारों और लिफ्ट में भी आने लगा था. जिसका वहां पर कार्यरत स्टॉफ ने वीडियो बना लिया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस पानी की वजह से तीसरे फ्लोर पर तीमारदारों के बैठने की जगह भी नहीं बन पा रही है. रात के समय उन्हें दूसरे फ्लोर पर ही इंतजार करना पड़ा.

ड्रेन चोक होने से छत में जमा हो गया था बारिश का पानीः अधीक्षक डॉ. आशुतोष शर्मा का कहना है कि छत पर बारिश का पानी जमा हो गया था. उसकी निकासी नहीं हो पा रही थी. छत के कुछ ड्रेन भी चोक थे. इसके चलते जमा पानी ड्रेन और लिफ्ट की वायरिंग के बीच की जगह से फॉल सीलिंग में प्रवेश कर गया. जहां से तीसरे फ्लोर का कुछ हिस्सा गिर गया है. छत पर जमा पानी की निकासी कर रहे हैं. हालांकि अब पानी नहीं आ रहा है. सभी ड्रेन की पूरी तरह से सफाई करा रहे हैं. डॉ. शर्मा ने दावा किया है कि वार्ड में किसी तरह का पानी नहीं गया. अस्पताल के नर्सिग अधीक्षक शिव भगवान मीणा का कहना है कि छत भी कई जगह से खुदी हुई है, इसको दुरुस्त करवाया जाएगा.

कोटा में यूआईटी के निर्माण की खुली पोल

कोटा. मेडिकल कॉलेज कोटा के जेकेलोन और एमबीएस अस्पताल में 70 करोड़ रुपए से दो नई बिल्डिंग का निर्माण कराया गया था. जिसमें एमबीएस अस्पताल की ओपीडी बिल्डिंग और जेके लोन अस्पताल में ओपीडी आईपीडी ब्लॉक का निर्माण शामिल है. दोनों ही निर्माण तुरंत करवाने की एवज में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने नगर विकास न्यास को जिम्मा सौंपा था. हालांकि नगर विकास न्यास के कार्य का नमूना दोनों बिल्डिंगों में वर्तमान में देखा जा सकता है. पूरे निर्माण की पोल पानी का रिसाव खोल रहा है. एमबीएस अस्पताल में भी पानी बहकर आ रहा है. वहीं जेके लोन अस्पताल में फॉल सीलिंग से रिसाव हुआ. जिसके चलते मरीज, तीमारदार और स्टॉफ सभी परेशान हो रहा है.

इस साल ही मरीजों के लिए शुरू की गई है बिल्डिंगः जेके लोन और एमबीएस की दोनों नई बिल्डिंग इस साल ही शुरू की गई हैं. एमबीएस अस्पताल में मई माह में ही ओपीडी ब्लॉक को शिफ्ट किया गया है. जबकि जेके लोन अस्पताल में जनवरी महीने में ओपीडी और आईपीडी शिफ्ट हुए है. जेके लोन अस्पताल की बिल्डिंग का निर्माण बीते साल हो गया था. जबकि एमबीएस अस्पताल की बिल्डिंग का निर्माण इस साल ही हुआ था. ऐसे में निर्माण के पहले साल में ही पानी का रिस जाना, बिल्डिंग की निम्न क्वालिटी को दर्शा रहा है. वहीं मरीज के तीमारदार साजिद का कहना है कि घटिया निर्माण अस्पताल में हुआ है. इसी के चलते पानी जगह जगह जमा हो रहा है और रिसाव भी हो रहा है. इससे करंट का खतरा भी बना हुआ है. वहीं अन्य तीमारदार चेतन वर्मा का कहना है कि ठेकेदार और निर्माण करवाने वाले लोगों की गलती रही है.

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पानी टपकने से तीमारदारों को नहीं बैठने की जगहः जेके लोन अस्पताल में रविवार रात को फॉल सीलिंग से ही भारी मात्रा में पानी बहने लगा. यह गलियारों और लिफ्ट में भी आने लगा था. जिसका वहां पर कार्यरत स्टॉफ ने वीडियो बना लिया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस पानी की वजह से तीसरे फ्लोर पर तीमारदारों के बैठने की जगह भी नहीं बन पा रही है. रात के समय उन्हें दूसरे फ्लोर पर ही इंतजार करना पड़ा.

ड्रेन चोक होने से छत में जमा हो गया था बारिश का पानीः अधीक्षक डॉ. आशुतोष शर्मा का कहना है कि छत पर बारिश का पानी जमा हो गया था. उसकी निकासी नहीं हो पा रही थी. छत के कुछ ड्रेन भी चोक थे. इसके चलते जमा पानी ड्रेन और लिफ्ट की वायरिंग के बीच की जगह से फॉल सीलिंग में प्रवेश कर गया. जहां से तीसरे फ्लोर का कुछ हिस्सा गिर गया है. छत पर जमा पानी की निकासी कर रहे हैं. हालांकि अब पानी नहीं आ रहा है. सभी ड्रेन की पूरी तरह से सफाई करा रहे हैं. डॉ. शर्मा ने दावा किया है कि वार्ड में किसी तरह का पानी नहीं गया. अस्पताल के नर्सिग अधीक्षक शिव भगवान मीणा का कहना है कि छत भी कई जगह से खुदी हुई है, इसको दुरुस्त करवाया जाएगा.

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