कोटा. मेडिकल कॉलेज के महाराव भीमसिंह चिकित्सालय में हंगामे का मामला सामने आया है. जिसमें कोटा शहर के बोरखेड़ा निवासी 22 वर्षीय शाइस्ता परवीन (पत्नी जुबैर) की मौत के बाद इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड में जमकर हंगामा हुआ (Kota MBS hospital vandalized). आरोप है कि परिजनों ने इमरजेंसी डॉक्टर रूम में जाकर भी शोर शराबा किया. इस मामले में रेजिडेंट डॉक्टरों ने परिजनों पर मारपीट और अस्पताल में तोड़फोड़ का आरोप भी लगा दिया. घटना देर रात 12:00 से 1:00 के बीच की.
देर रात हंगामा इतना बढ़ा कि पुलिस उप अधीक्षक शंकर लाल मीणा, एसएचओ नयापुरा राजेंद्र कमांडो सहित भारी पुलिस जाब्ता अस्पताल पहुंचा. इसके बाद मृतक महिला के शव को भी परिजनों को लिखित में लेकर सुपुर्द किया गया है. सीएमओ ड्यूटी कर रहे डॉ मुकेश मालव ने इस संबंध में एमबीएस अधीक्षक डॉ. दिनेश वर्मा और उच्च अधिकारियों को सूचना दी है.
हंगामे से दूसरे मरीजों का उपचार भी प्रभावित हुआ. अस्पताल में मौजूद सर्जरी व मेडिसिन के रेजिडेंट डॉक्टर भी एकत्रित हो गए और उन्होंने भी देर तक काम रोक दिया था. कोटा रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सुमेर गुर्जर के मुताबिक करीब 30 से 40 लोगों ने अस्पताल में हंगामा किया. हंगामा कर रहे लोगों ने जो भी व्यक्ति डॉक्टर या नर्सिंग कर्मी लगा, उसके साथ मारपीट की. कुर्सियां उठाकर डॉक्टरों पर फेंकी गई. ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई. अब उनका कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है, रेजिडेंट डॉक्टर काम पर नहीं आएंगे.
इस पूरे प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराने की रिपोर्ट रेजीडेंट डॉ. एस यशवर्धन सोनी ने जुबैर व उसके परिजनों के खिलाफ दी है. नयापुरा थाने के एएसआई कृष्ण गोपाल मीणा का कहना है कि दर्ज मुकदमे में राजकार्य में बाधा, मारपीट व अस्पताल में तोड़फोड़ की धाराएं जोड़ी गई है.
एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ दिनेश वर्मा का कहना है कि महिला डेंगू सिंड्रोम से पीड़ित थी. उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे आईसीयू में भी शिफ्ट किया गया था, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. इस पर ही अटेंडेंट ने अस्पताल में हंगामा कर दिया. इसकी रिपोर्ट भी दर्ज करवा दी गई है. इस पूरे मसले पर एक कमेटी बनाकर जांच भी करवाई जाएगी.