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Special : वियतनाम मार्बल से बनी चंबल माता की 242 फीट ऊंची मूर्ति, 1500 टुकड़ों को जोड़कर बना स्ट्रक्चर, यह है खासियत

कोटा के चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट में स्थित चंबल माता की 242 फीट की मूर्ति पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी. यह मूर्ति वियतनाम के मार्बल के 1500 टुकड़ों को जोड़कर बनाई गई है. मूर्ति के हाथ में एक कलश है, जिससे पानी गिरता रहेगा. जानिए इसमें और क्या है खास....

Chambal Heritage River Front
चंबल माता की मूर्ति
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 10, 2023, 8:49 PM IST

चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट का उद्घाटन

कोटा. चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट का उद्घाटन 12 सितंबर को होने वाला है. यहां पर विश्व के कई अजूबे स्थापित किए गए हैं. इनमें से एक है चंबल माता की 242 फीट ऊंची प्रतिमा. दावा है कि ये विश्व की सबसे ऊंची मार्बल की स्टैचू है. इसे वियतनाम के सफेद मार्बल से तैयार किया गया है. इसमें 196 फीट ऊंचाई से पानी गिरेगा. ये स्ट्रक्चर 1500 टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है.

वियतनाम के मार्बल से बनी मूर्ति : नगर विकास न्यास के अधिशासी अभियंता ललित मीणा का कहना है कि चंबल माता की पूरी मूर्ति इसी सप्ताह बनकर तैयार हुई है. ये प्रतिमा कुल 242 फीट की है, जिसमें से मूर्ति का पेडस्टल करीब 65 फीट का है. शेष 177 फीट ऊंची यह मूर्ति है. मूर्ति का निर्माण करीब 1 साल पहले शुरू हुआ था, जिसकी लागत करीब 26 करोड़ आई है. यह पूरी मूर्ति वियतनाम के मार्बल से बनी है, जिसके 1500 अलग-अलग टुकड़े जयपुर से मूर्ति के शेप में बनवाकर मंगवाए गए थे. इन सभी को जोड़कर मूर्ति को तैयार किया गया है.

Chambal Mata Statue
यहां जानिए प्रतिमा की खासियत

पढ़ें. देसी-विदेशी लाइटों से जगमग रिवरफ्रंट से बढ़ेगा नाइट टूरिज्म, फाउंटेन शो लगाएगा चार चांद

7.60 लाख लीटर पानी हर घंटे होगा डिस्चार्ज : इसमें लगाए गए फाउंटेन की टेस्टिंग भी कर ली है. इसमें 75 हॉर्स पावर के चार पंप लगे हुए हैं, जिसका डिस्चार्ज 1 घंटे में 7.60 लाख लीटर है. यह ऐसा लगेगा कि पानी झरने से नीचे गिर रहा है. चंबल माता के हाथ में एक कलश है. इसी कलश से पानी लगातार प्रवाहित होगा. यह पानी रीसायकल होकर वापस पंपों के जरिए कलश से गिरेगा.

1500 क्विंटल है इसका वजन : एक्सईएन मीणा के अनुसार मजबूती देने के लिए एक बड़ा पेडस्टल भी इसमें बनाया गया है. इसके साथ ही मूर्ति को बड़ा करने के लिए कंक्रीट का भी काफी उपयोग किया गया है. पहले सरिया और कंक्रीट का स्ट्रक्चर तैयार किया गया था, बाद में लगभग 1000 क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट मूर्ति के भीतर भरी गई है. 100 से ज्यादा कारीगर जयपुर में भी इसके लिए कम कर रहे थे. इसका वजन करीब 1500 क्विंटल है.

Chambal Heritage River Front
रात को कुछ यूं जगमगाती नजर आएगी मूर्ति

पढ़ें. विश्व के सबसे बड़े घंटे की कास्टिंग के साथ चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट पर बना एक और रिकॉर्ड, 8 किमी तक सुनाई देगी आवाज

हर घाट से नजर आएगी ये मूर्ति : ललित मीणा ने बताया कि चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट का मुख्य आकर्षणों में से एक चंबल माता की विशाल प्रतिमा भी है. यह मूर्ति रिवरफ्रंट के हर भाग और घाट से नजर आएगी. इसमें हाई बीम लाइटिंग लगाई गई है. चंबल माता रात में बिल्कुल सफेद, दुधिया रोशनी में नजर आएंगी. लाइटों का रिफ्लेक्शन काफी दूर से नजर आएगा. इसमें काफी अच्छा कॉम्बिनेशन दिया गया.

रोज शाम को होगी आरती, तैयार की गई धुन : एक्सईएन मीणा का कहना है कि चंबल माता की मूर्ति पर रोज शाम को आरती की भी योजना बनाई गई है. इसके लिए एक धुन भी तैयार की गई है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को सुनाई देगी. उद्घाटन के समय 121 पंडितों के जरिए चंबल माता की आरती करवाई जाएगी.

पढे़ं. Kota Heritage Riverfront: राजस्थान की शान में चार चांद लगाएगा रिवरफ्रंट, जाने क्या है इसकी खासियत

इसी मूर्ति से होगा उद्घाटन : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 12 सितंबर को चंबल के हेरिटेज रिवर फ्रंट का लोकार्पण करेंगे. इसके बाद यह आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. लोकार्पण समारोह के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत समेत पूरी कैबिनेट कोटा आ रही है. यह सभी एक बोट के जरिए चंबल नदी के बीच में मौजूद रहेंगे. इसके बाद सीएम गहलोत रिमोट का बटन दबाएंगे और चंबल माता की इस मूर्ति में पानी के पंप चालू हो जाएंगे और कलश से पानी नीचे गिरने लगेगा.

चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट का उद्घाटन

कोटा. चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट का उद्घाटन 12 सितंबर को होने वाला है. यहां पर विश्व के कई अजूबे स्थापित किए गए हैं. इनमें से एक है चंबल माता की 242 फीट ऊंची प्रतिमा. दावा है कि ये विश्व की सबसे ऊंची मार्बल की स्टैचू है. इसे वियतनाम के सफेद मार्बल से तैयार किया गया है. इसमें 196 फीट ऊंचाई से पानी गिरेगा. ये स्ट्रक्चर 1500 टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है.

वियतनाम के मार्बल से बनी मूर्ति : नगर विकास न्यास के अधिशासी अभियंता ललित मीणा का कहना है कि चंबल माता की पूरी मूर्ति इसी सप्ताह बनकर तैयार हुई है. ये प्रतिमा कुल 242 फीट की है, जिसमें से मूर्ति का पेडस्टल करीब 65 फीट का है. शेष 177 फीट ऊंची यह मूर्ति है. मूर्ति का निर्माण करीब 1 साल पहले शुरू हुआ था, जिसकी लागत करीब 26 करोड़ आई है. यह पूरी मूर्ति वियतनाम के मार्बल से बनी है, जिसके 1500 अलग-अलग टुकड़े जयपुर से मूर्ति के शेप में बनवाकर मंगवाए गए थे. इन सभी को जोड़कर मूर्ति को तैयार किया गया है.

Chambal Mata Statue
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7.60 लाख लीटर पानी हर घंटे होगा डिस्चार्ज : इसमें लगाए गए फाउंटेन की टेस्टिंग भी कर ली है. इसमें 75 हॉर्स पावर के चार पंप लगे हुए हैं, जिसका डिस्चार्ज 1 घंटे में 7.60 लाख लीटर है. यह ऐसा लगेगा कि पानी झरने से नीचे गिर रहा है. चंबल माता के हाथ में एक कलश है. इसी कलश से पानी लगातार प्रवाहित होगा. यह पानी रीसायकल होकर वापस पंपों के जरिए कलश से गिरेगा.

1500 क्विंटल है इसका वजन : एक्सईएन मीणा के अनुसार मजबूती देने के लिए एक बड़ा पेडस्टल भी इसमें बनाया गया है. इसके साथ ही मूर्ति को बड़ा करने के लिए कंक्रीट का भी काफी उपयोग किया गया है. पहले सरिया और कंक्रीट का स्ट्रक्चर तैयार किया गया था, बाद में लगभग 1000 क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट मूर्ति के भीतर भरी गई है. 100 से ज्यादा कारीगर जयपुर में भी इसके लिए कम कर रहे थे. इसका वजन करीब 1500 क्विंटल है.

Chambal Heritage River Front
रात को कुछ यूं जगमगाती नजर आएगी मूर्ति

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हर घाट से नजर आएगी ये मूर्ति : ललित मीणा ने बताया कि चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट का मुख्य आकर्षणों में से एक चंबल माता की विशाल प्रतिमा भी है. यह मूर्ति रिवरफ्रंट के हर भाग और घाट से नजर आएगी. इसमें हाई बीम लाइटिंग लगाई गई है. चंबल माता रात में बिल्कुल सफेद, दुधिया रोशनी में नजर आएंगी. लाइटों का रिफ्लेक्शन काफी दूर से नजर आएगा. इसमें काफी अच्छा कॉम्बिनेशन दिया गया.

रोज शाम को होगी आरती, तैयार की गई धुन : एक्सईएन मीणा का कहना है कि चंबल माता की मूर्ति पर रोज शाम को आरती की भी योजना बनाई गई है. इसके लिए एक धुन भी तैयार की गई है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को सुनाई देगी. उद्घाटन के समय 121 पंडितों के जरिए चंबल माता की आरती करवाई जाएगी.

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इसी मूर्ति से होगा उद्घाटन : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 12 सितंबर को चंबल के हेरिटेज रिवर फ्रंट का लोकार्पण करेंगे. इसके बाद यह आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. लोकार्पण समारोह के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत समेत पूरी कैबिनेट कोटा आ रही है. यह सभी एक बोट के जरिए चंबल नदी के बीच में मौजूद रहेंगे. इसके बाद सीएम गहलोत रिमोट का बटन दबाएंगे और चंबल माता की इस मूर्ति में पानी के पंप चालू हो जाएंगे और कलश से पानी नीचे गिरने लगेगा.

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