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कोटा: किसानों ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, सरकार से मांगा मुआवजा और ऋणमाफी - कोटा में अतिवृष्टि के चलते फसल नष्ट

कोटा में शुक्रवार को किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. किसानों की मांग है कि अतिवृष्टि के कारण उनके जो भी फसलें बर्बाद हुई हैं उन सब को देखते हुए सरकार संपूर्ण जिले को आपदा ग्रस्त घोषित करके किसानों को तुरंत अकाल राहत कोष से मुआवजा दे.

कोटा में किसानों ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, In Kota farmers do strike on collectorate
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Published : Oct 4, 2019, 6:35 PM IST

कोटा. जिले में किसानों की फसल अतिवृष्टि के चलते लगभग चौपट हो गई है. ऐसे में किसान संघ ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर जमकर प्रदर्शन किया और मुआवजे की मांग की. साथ ही किसानों ने कहा कि संपूर्ण जिले में 80 से 100 फीसदी फसल नष्ट हो चुकी है. ऐसे में किसानों ने मांग की है कि संपूर्ण जिले को आपदा ग्रस्त घोषित करके किसानों को तुरंत अकाल राहत कोष से मुआवजा दिलाया जाए.

किसानों ने सरकार से मांगा मुआवजा और ऋणमाफी

इस कड़ी में किसान संघ ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन भी अधिकारियों को सौंपा है. कलेक्ट्रेट पर मौजूद सैकड़ों की संख्या में किसानों ने सरकार विरोधी नारेबाजी की. साथ ही सारे किसान अपनी खराब हुई फसलों को भी लेकर आए थे और उसके साथ उन्होंने धरना दिया. सैकड़ों की संख्या में महिला किसान भी इस धरना में मौजूद थी. धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलें और आवास पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं. ऐसे में जिन पटवार सर्किल में पटवारी नहीं है, वहां भी तुरंत सर्वे की व्यवस्था की जाए.

पढ़े: जोधपुरः फलोदी में शिक्षक का तबादला करने के विरोध में छात्रों का अहिंसात्मक आंदोलन

वहीं जिन किसानों के बाढ़ में आवास नष्ट हुए हैं. उनको राशि दी जा रही है, वह पर्याप्त नहीं है. ऐसे में सभी किसानों को प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास उपलब्ध कराया जाए. किसानों को ऋण से उभारने के लिए 20 हजार प्रति हेक्टेयर वार्षिक उत्पादन पर प्रोत्साहन राशि दी जाए. साथ ही किसानों ने राज्य सरकार से मांग की है कि उनके सहकारी ऋण माफी की जाए और अपने वादे के अनुसार राष्ट्रीय कृत बैंको के ऋण को भी शीघ्र माफ करें.

कोटा. जिले में किसानों की फसल अतिवृष्टि के चलते लगभग चौपट हो गई है. ऐसे में किसान संघ ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर जमकर प्रदर्शन किया और मुआवजे की मांग की. साथ ही किसानों ने कहा कि संपूर्ण जिले में 80 से 100 फीसदी फसल नष्ट हो चुकी है. ऐसे में किसानों ने मांग की है कि संपूर्ण जिले को आपदा ग्रस्त घोषित करके किसानों को तुरंत अकाल राहत कोष से मुआवजा दिलाया जाए.

किसानों ने सरकार से मांगा मुआवजा और ऋणमाफी

इस कड़ी में किसान संघ ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन भी अधिकारियों को सौंपा है. कलेक्ट्रेट पर मौजूद सैकड़ों की संख्या में किसानों ने सरकार विरोधी नारेबाजी की. साथ ही सारे किसान अपनी खराब हुई फसलों को भी लेकर आए थे और उसके साथ उन्होंने धरना दिया. सैकड़ों की संख्या में महिला किसान भी इस धरना में मौजूद थी. धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलें और आवास पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं. ऐसे में जिन पटवार सर्किल में पटवारी नहीं है, वहां भी तुरंत सर्वे की व्यवस्था की जाए.

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वहीं जिन किसानों के बाढ़ में आवास नष्ट हुए हैं. उनको राशि दी जा रही है, वह पर्याप्त नहीं है. ऐसे में सभी किसानों को प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास उपलब्ध कराया जाए. किसानों को ऋण से उभारने के लिए 20 हजार प्रति हेक्टेयर वार्षिक उत्पादन पर प्रोत्साहन राशि दी जाए. साथ ही किसानों ने राज्य सरकार से मांग की है कि उनके सहकारी ऋण माफी की जाए और अपने वादे के अनुसार राष्ट्रीय कृत बैंको के ऋण को भी शीघ्र माफ करें.

Intro:कलेक्ट्रेट पर मौजूद सैकड़ों की संख्या में किसानों ने सरकार विरोधी नारेबाजी की. साथ ही यह अपनी खराब हुई फसल को भी लेकर आए थे और उसके साथ उन्होंने धरना दिया. सैकड़ों की संख्या में महिला किसान भी इस दौरान मौजूद थी, जो भी सरकार विरोधी नारेबाजी कर रही थी.


Body:कोटा.
कोटा जिले में किसानों की फसल अतिवृष्टि के चलते लगभग चौपट हो गई है. ऐसे में किसान संघ ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और मुआवजे की मांग की है. साथ ही किसानों ने कहा कि संपूर्ण जिले में 80 से 100 फ़ीसदी फसल नष्ट हो चुकी है. किसानों ने मांग की है कि संपूर्ण जिले को आपदा ग्रस्त घोषित करके किसानों को तुरंत अकाल राहत कोष से मुआवजा दिलाया जाए. इसके लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन भी अधिकारियों को सौंपा है.

कलेक्ट्रेट पर मौजूद सैकड़ों की संख्या में किसानों ने सरकार विरोधी नारेबाजी की. साथ ही यह अपनी खराब हुई फसल को भी लेकर आए थे और उसके साथ उन्होंने धरना दिया. सैकड़ों की संख्या में महिला किसान भी इस दौरान मौजूद थी, जो भी सरकार विरोधी नारेबाजी कर रही थी.
इस धरने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलें और आवास पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं. ऐसे में जिन पटवार सर्किल में पटवारी नहीं है, वहां भी तुरंत सर्वे की व्यवस्था की जाए, जिन किसानों के बाढ़ में आवास नष्ट हुए हैं.


Conclusion:उनको राशि दी जा रही है, वह पर्याप्त नहीं है. इन किसानों को प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास उपलब्ध कराया जाए, किसानों को ऋण से उभारने के लिए 20 हजार प्रति हेक्टेयर वार्षिक उत्पादन पर प्रोत्साहन राशि दी जाए. साथ ही किसानों ने राज्य सरकार से मांग की है कि उनके सहकारी ऋण माफी की जाए और अपने वादे के अनुसार राष्ट्रीय कृत बैंको के ऋण को भी शीघ्र माफ किया जाए.


बाइट का क्रम

बाइट-- गिर्राज चौधरी, प्रांत अध्यक्ष, भारतीय किसान संघ
बाइट-- गिर्राज चौधरी, प्रांत अध्यक्ष, भारतीय किसान संघ
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