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कोटा: दशहरे मेले में समिति के निर्णयों को नहीं मान रहे अधिकारी

कोटा मेला समिति के सदस्यों ने बैठक में कहा कि निगम को जनता के सामने शर्मिंदा होना पड़ रहा है. चाहे मामला मेला परिसर में रोशनी, मेले का स्वागत प्रचार-प्रसार का हो या रावण परिवार के पुतलो के आधे-अधूरे दहन का हो. ऐसे में निगम ने रावण परिवार के आधे-अधूरे दहन की जांच बैठा दी है.

kota Dussehra fair meeting कोटा मेला समिति महापौर महेश विजय kota news
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Published : Oct 11, 2019, 6:29 AM IST

कोटा. जिले में 126 राष्ट्रीय दशहरा मेला चल रहा है. लेकिन नगर निगम में सत्ताधारी भाजपा बोर्ड और निगम के अधिकारियों में तालमेल का भारी अभाव नजर आ रहा है. वहीं बोर्ड की गुरूवार को मेला समिति की बैठक आयोजित हुई. जिसमें मेलाधिकारी कीर्ति राठौड़ के नहीं आने को लेकर समिति के सदस्यों ने महापौर के साथ भारी रोष प्रकट किया.

बता दें कि महापौर महेश विजय ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के मेले की मीटिंग को छोड़कर मेला अधिकारी प्रशासनिक मीटिंग में व्यस्त हैं. साथ ही महापौर ने निगम के अधिकारियों पर सीधा आरोप लगाया कि निगम के जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर अधिकारी गौर नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उम्मीद के मुताबिक मेला भव्यता के साथ आयोजित नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि निगम को जनता के सामने शर्मिंदा होना पड़ रहा है. चाहे मामला मेला परिसर में रोशनी, मेले का स्वागत प्रचार-प्रसार का हो या रावण परिवार के पुतलो के आधे अधूरे दहन का हो.

कोटा मेला समिति के सदस्यों ने की बैठक

ऐसे में निगम ने रावण परिवार के आधे अधूरे दहन की जांच बैठा दी है. समिति का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारियों ने इस बार बिना अनुभव ठेकेदार को रावण का पुतला बनाने का काम जोर-जबदस्ती दिया. वहीं मीटिंग में बॉडी बिल्डिंग कार्यक्रम का मामला भी जोर शोर से गरमाया. मेला समिति के सदस्यों ने निगम प्रशासन पर आरोप लगाया कि बिना समिति सहमति के कार्यक्रम के लिए 5 लाख तय कर दिया गया. समिति सदस्य कार्यक्रम को नहीं होने देंगे और कार्यक्रम होता है तो उसका भुगतान नहीं होने देंगे.

यह भी पढ़ें. सांगोद नगर पालिका चेयरमैन जमानत पर रिहा, लोगों ने किया स्वागत

इस बैठक में इस कार्यक्रम को समिति ने निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया. वहीं बैठक में पार्किंग स्टैंड का मामला भी जमकर गरमाया. स्टैंड के मामले को लेकर बैठक में जमकर हंगामा हुआ. मेला समिति अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में भी पूरी जांच करवाई जाएगी. आखिर बिना समिति की राय के ये फाइनल कैसे हो गया. साथ ही रावण के 1 दिन पहले दुकानों को हटाने के मामले में भी समिति ने महापौर के साथ अधिकारियों पर बिना प्लानिंग के मेला भरवाने का आरोप लगाया.

यह भी पढ़ें. कोटा : फायरिंग मामले में एक आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे, बोला- प्रॉपर्टी डीलर के कहने पर चलाई थी गोली

वहीं समिति ने एक स्वर में कहा अधिकारियों का इस मेले में कोई रुचि नहीं है. ना तो एलईडी स्क्रीन लगाई गई है, ना ही वीआईपी पास अभी तक बने हैं. मेले में आज भी कई दुकानें खाली पड़ी है. ऐसे में मेला समिति प्रशासनिक अधिकारियों से मांग करती कि वह समिति के साथ मिलकर मेले को भव्यता प्रदान करें.

कोटा के दशहरा मैदान में विजय श्री रंगमंच पर विचित्र प्रतियोगिता आयोजित

कोटा दशहरा मेला में विजयश्री रंगमंच पर विचित्र प्रतियोगिताओं का आयोजन शुरू हुआ. गुरुवार को पहले दिन सबसे लंबी महिला, सबसे छोटी महिला इसके साथ ही सबसे लंबा पुरुष और सबसे छोटा पुरुष प्रतियोगिता आयोजित की गई. इसमें कई प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. जिसमें पहले दूसरे और तृतीय स्थान पर रहे प्रतिभागी को मेला समिति की ओर से माला पहनाकर पुरस्कार वितरण किया.

कोटा मेले में विचित्र प्रतियोगित आयोजित

मेला दशहरा में विजयश्री रंगमंच पर रामलीला के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत से हो चुकी है. अब रोजाना अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन होगा. वहीं प्रतिभागियों में कार्यक्रम के दौरान उत्साह दिखाई दिया.

कोटा. जिले में 126 राष्ट्रीय दशहरा मेला चल रहा है. लेकिन नगर निगम में सत्ताधारी भाजपा बोर्ड और निगम के अधिकारियों में तालमेल का भारी अभाव नजर आ रहा है. वहीं बोर्ड की गुरूवार को मेला समिति की बैठक आयोजित हुई. जिसमें मेलाधिकारी कीर्ति राठौड़ के नहीं आने को लेकर समिति के सदस्यों ने महापौर के साथ भारी रोष प्रकट किया.

बता दें कि महापौर महेश विजय ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के मेले की मीटिंग को छोड़कर मेला अधिकारी प्रशासनिक मीटिंग में व्यस्त हैं. साथ ही महापौर ने निगम के अधिकारियों पर सीधा आरोप लगाया कि निगम के जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर अधिकारी गौर नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उम्मीद के मुताबिक मेला भव्यता के साथ आयोजित नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि निगम को जनता के सामने शर्मिंदा होना पड़ रहा है. चाहे मामला मेला परिसर में रोशनी, मेले का स्वागत प्रचार-प्रसार का हो या रावण परिवार के पुतलो के आधे अधूरे दहन का हो.

कोटा मेला समिति के सदस्यों ने की बैठक

ऐसे में निगम ने रावण परिवार के आधे अधूरे दहन की जांच बैठा दी है. समिति का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारियों ने इस बार बिना अनुभव ठेकेदार को रावण का पुतला बनाने का काम जोर-जबदस्ती दिया. वहीं मीटिंग में बॉडी बिल्डिंग कार्यक्रम का मामला भी जोर शोर से गरमाया. मेला समिति के सदस्यों ने निगम प्रशासन पर आरोप लगाया कि बिना समिति सहमति के कार्यक्रम के लिए 5 लाख तय कर दिया गया. समिति सदस्य कार्यक्रम को नहीं होने देंगे और कार्यक्रम होता है तो उसका भुगतान नहीं होने देंगे.

यह भी पढ़ें. सांगोद नगर पालिका चेयरमैन जमानत पर रिहा, लोगों ने किया स्वागत

इस बैठक में इस कार्यक्रम को समिति ने निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया. वहीं बैठक में पार्किंग स्टैंड का मामला भी जमकर गरमाया. स्टैंड के मामले को लेकर बैठक में जमकर हंगामा हुआ. मेला समिति अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में भी पूरी जांच करवाई जाएगी. आखिर बिना समिति की राय के ये फाइनल कैसे हो गया. साथ ही रावण के 1 दिन पहले दुकानों को हटाने के मामले में भी समिति ने महापौर के साथ अधिकारियों पर बिना प्लानिंग के मेला भरवाने का आरोप लगाया.

यह भी पढ़ें. कोटा : फायरिंग मामले में एक आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे, बोला- प्रॉपर्टी डीलर के कहने पर चलाई थी गोली

वहीं समिति ने एक स्वर में कहा अधिकारियों का इस मेले में कोई रुचि नहीं है. ना तो एलईडी स्क्रीन लगाई गई है, ना ही वीआईपी पास अभी तक बने हैं. मेले में आज भी कई दुकानें खाली पड़ी है. ऐसे में मेला समिति प्रशासनिक अधिकारियों से मांग करती कि वह समिति के साथ मिलकर मेले को भव्यता प्रदान करें.

कोटा के दशहरा मैदान में विजय श्री रंगमंच पर विचित्र प्रतियोगिता आयोजित

कोटा दशहरा मेला में विजयश्री रंगमंच पर विचित्र प्रतियोगिताओं का आयोजन शुरू हुआ. गुरुवार को पहले दिन सबसे लंबी महिला, सबसे छोटी महिला इसके साथ ही सबसे लंबा पुरुष और सबसे छोटा पुरुष प्रतियोगिता आयोजित की गई. इसमें कई प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. जिसमें पहले दूसरे और तृतीय स्थान पर रहे प्रतिभागी को मेला समिति की ओर से माला पहनाकर पुरस्कार वितरण किया.

कोटा मेले में विचित्र प्रतियोगित आयोजित

मेला दशहरा में विजयश्री रंगमंच पर रामलीला के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत से हो चुकी है. अब रोजाना अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन होगा. वहीं प्रतिभागियों में कार्यक्रम के दौरान उत्साह दिखाई दिया.

Intro:मेला समिति के सदस्यों ने कहां कि निगम को जनता के सामने शर्मिंदा होना पड़ रहा है. चाहे मामला मेला परिसर में रोशनी, मेले का स्वागत प्रचार-प्रसार का हो या रावण परिवार के पुतलो के आधे अधूरे दहन का हो. ऐसे में निगम ने रावण परिवार के आधे अधूरे दहन की जांच बैठा दी है.


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कोटा में 126 राष्ट्रीय दशहरा मेला चल रहा है, लेकिन नगर निगम में सत्ताधारी भाजपा बोर्ड और निगम के अधिकारियों में तालमेल का भारी अभाव नजर आ रहा है. बोर्ड की आज मेला समिति की बैठक आयोजित हुई. जिसमें मेलाधिकारी कीर्ति राठौड़ के नहीं आने को लेकर समिति के सदस्यों ने महापौर के साथ भारी रोष प्रकट किया. महापौर महेश विजय ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के मेले की मीटिंग को छोड़कर मेला अधिकारी प्रशासनिक मीटिंग में व्यस्त हैं.
महापौर ने निगम के अधिकारियों पर सीधा आरोप लगाया कि निगम के जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर अधिकारी गौर नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उम्मीद के मुताबिक मेला भव्यता के साथ आयोजित नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि निगम को जनता के सामने शर्मिंदा होना पड़ रहा है. चाहे मामला मेला परिसर में रोशनी, मेले का स्वागत प्रचार-प्रसार का हो या रावण परिवार के पुतलो के आधे अधूरे दहन का हो. ऐसे में निगम ने रावण परिवार के आधे अधूरे दहन की जांच बैठा दी है. समिति का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारियों ने इस बार बिना अनुभव ठेकेदार को रावण का पुतला बनाने का काम जोर-जबदस्ती दिया. वहीं मीटिंग में बॉडीबिल्डिंग का मामला भी जोर शोर से गरमाया. मेला समिति के सदस्यों ने निगम प्रशासन पर आरोप लगाया कि बिना समिति के 5 लाख का तय कर दिया, समिति सदस्य कार्यक्रम को नहीं होने देंगे और कार्यक्रम होता है तो उसका भुगतान नहीं होने देंगे. बैठक में इस कार्यक्रम को समिति ने निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया. पार्किंग स्टैंड का मामला भी जमकर गरमाया. स्टैंड के मामले को लेकर बैठक में जमकर हंगामा हुआ. मेला समिति अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में भी पूरी जांच करवाई जाएगी. आखिर बिना समिति की राय के ये फाइनल कैसे हो गया. साथ ही रावण के 1 दिन पहले दुकानों को हटाने के मामले में भी समिति ने महापौर के साथ अधिकारियों पर बिना प्लानिंग के मेला भरवाने का आरोप लगाया.


Conclusion:समिति ने एक स्वर में कहा अधिकारियों का इस मेले में कोई रुचि नहीं है. ना तो एलईडी स्क्रीन लगाई गई है, ना ही वीआईपी पास अभी तक बने हैं. मेले में आज भी कई दुकानें खाली पड़ी है. सामाजिक धार्मिक संगठनों को प्रदर्शनी और समाजों को निशुल्क आवंटित नहीं की जा रही. ऐसे में मेला समिति प्रशासनिक अधिकारियों से मांग करती कि वह समिति के साथ मिलकर मेले को भव्यता प्रदान करें. महापौर ने कहा कि अधिकारियों से कोई झगड़ा नहीं है, अधिकारी मेले की परंपरा और भव्यता का ख्याल रखकर इसे आयोजित करवाए. साथ ही मेला समिति चेयरमैन ने 2 दिन पहले पुलिस पर झूला व्यापारियों के साथ मारपीट करने लगे आरोपों को लेकर मेला नगर निगम का है, व्यापारियों के साथ किसी तरह का गलत बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. निगम के जनप्रतिनिधि व्यापारियों के साथ खड़े हैं.

बाइट का क्रम


बाइट-- महेश विजय, मेयर, कोटा
बाइट-- राममोहन मित्रा "बाबला", चेयरमैन, मेला समिति
बाइट-- राममोहन मित्रा "बाबला", चेयरमैन, मेला समिति
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