कोटा. जोसा काउंसलिंग राउंड-1 सीट आवंटन का परिणाम जारी होते ही सीट आवंटन में सफल विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे. कुछ विद्यार्थियों को कंप्यूटर साइंस नहीं मिलने का मलाल जरूर है, लेकिन मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग मिलने का संतोष भी है.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि 1510 रैंक लाने वाले विद्यार्थी मथुरा, उत्तर प्रदेश के नैतिक जैन को कंप्यूटर साइंस नहीं मिलने का फिलहाल मलाल तो है, लेकिन आईआईटी बीएचयू में मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग मिलने की खुशी भी है. उसे आशा है कि सीट-अलॉटमेंट के आने वाले राउंड्स में उसे कंप्यूटर साइंस आवंटित हो सकती है.
पढ़ें: जेईई टॉपर्स की IIT बॉम्बे पहली पसंद, 6 आईआईटी की 29 सीट पर कोई रुचि नहीं
आवंटित सीट से संतुष्ट हैं या नहीं, ऑनलाइन-रिपोर्टिंग जरूरीः देव शर्मा ने बताया कि राउंड-1 में सीट-आवंटित होने पर विद्यार्थी को अत्यधिक सावधानी बरतनी होगी. विद्यार्थी राउंड-1 से आवंटित सीट से संतुष्ट हो या असंतुष्ट, दोनों ही परिस्थितियों में उन्हें ऑनलाइन रिपोर्टिंग प्रक्रिया जरूर पूरी करनी होगी. अन्यथा वे काउंसलिंग के आगामी सभी राउंड्स में शामिल होने की पात्रता खो देंगे. यानी कि पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे. मनचाही सीट आवंटित नहीं होने पर कई बार विद्यार्थी ऑनलाइन रिपोर्टिंग प्रक्रिया पूरी नहीं करने की गलती कर बैठते हैं और फिर इसका बड़ा खामियाजा भुगतते हैं.
पढ़ें: JoSAA Counselling 2023: पहला मॉक सीट अलॉटमेंट जारी, 1.55 लाख स्टूडेंट्स ने भरी 1.62 करोड़ च्वाइस
इन चार चरणों में पूरी होगी ऑनलाइन प्रक्रियाः प्रथम चरण में आवंटित सीट असेप्ट करें व आवश्यकतानुसार फ्लोट, फ्रीज या स्लाइड ऑप्शन का उपयोग करें. द्वितीय चरण में संबंधित आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें. तृतीय चरण में सीट-असेप्टेंस फीस डिपॉजिट करें, तय समय पर सीट एक्सेप्टेंस फीस जमा नहीं करने पर विद्यार्थी का सीट आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा. आगामी राउंड में काउंसलिंग की पात्रता भी नहीं मिलेगी. चतुर्थ चरण में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन ऑफिसर के प्रश्नों का जवाब दें. चार चरणों की प्रक्रिया पूरी ऑनलाइन ही होगी. ऑनलाइन रिपोर्टिंग का एक भी चरण अधूरा रह जाता है, तो विद्यार्थी की आवंटित सीट निरस्त होगी.
इस तरह से समझें फ्रीज, फ्लॉट व स्लाइड ऑप्शन कोः विद्यार्थी आवंटित सीट से पूरी तरह संतुष्ट है, तो उसे ’फ्रीज’ ऑप्शन का उपयोग करना होगा. ’फ्रीज’ ऑप्शन के उपयोग से विद्यार्थी अन्य शर्तें पूरी करने पर संबंधित संस्थान की संबंधित ब्रांच में प्रवेश का पात्र हो जाएगा. क्योंकि विद्यार्थी सीट आवंटन से संतुष्ट है. वह सीट आवंटन के अन्य चरणों में भाग नहीं ले पाएगा आवंटित सीट से पूर्णतया असंतुष्ट है, तो वह ’फ्लाट’ ऑप्शन का उपयोग करें.
’फ्लाट’ ऑप्शन से विद्यार्थी आगामी चरणों में चॉइस फिलिंग के प्रायरिटी-आर्डर में अपवर्ड मूवमेंट का पात्र होगा. यदि काउंसलिंग के आगामी राउंड्स में अपवर्ड-मूवमेंट संभव नहीं होता है, तो भी विद्यार्थी को आवंटित सीट सुरक्षित ही रहेगी. वहीं आवंटित संस्थान से संतुष्ट, लेकिन आवंटित-ब्रांच से असंतुष्ट होने पर विद्यार्थियों को स्लाइड ऑप्शन का उपयोग करना होगा. स्लाइड ऑप्शन के उपयोग से विद्यार्थी को आगामी काउंसलिंग राउंड्स में आवंटित-संस्थान में ही अपवर्ड-मूवमेंट का मौका मिलेगा, अन्य किसी संस्थान में नहीं. इस स्थिति में भी विद्यार्थी की आवंटित सीट सुरक्षित ही रहेगी.