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कोटा में गुरुवार देर रात तक हुआ 'बप्पा' का विसर्जन

कोटा की किशोर सागर तालाब की बारहदरी पर हजारों छोटी-बड़ी मूर्तियों को विसर्जित किया गया. तेज बारिश में भी भक्तों का जोश कम नहीं हो रहा था. भक्त जयकारे लगाते हुए बप्पा को विसर्जित कर रहे थे. इस बार बारिश के जुलूस में शामिल मुर्तिया 8:30 बजे ही पहुंच गई. वहीं देर बुधवार रात 2 बजे विसर्जन पूरा हुआ.

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Published : Sep 13, 2019, 9:18 AM IST

कोटा. 10 दिन की पूजा अर्चना के बाद गुरुवार को गणपति विसर्जन आयोजित हुआ. बप्पा को विदाई देने के लिए बारिश में भी भक्तों का उत्साह जबरदस्त रहा. तेज बारिश में भी जोश कम नहीं हो रहा था. वह जयकारे लगाते हुए बप्पा को विसर्जित कर रहे थे. कोटा किशोर सागर तालाब की पाल पर ऐसा नजारा देखने को मिला. यहां पर हजारों छोटी-बड़ी मूर्तियों को विसर्जित किया गया.

किशोर सागर तालाब की बारहदरी पर हजारों छोटी-बड़ी मूर्तियों का हुआ विसर्जन

हालांकि पिछले कुछ सालों से जुलूस में शामिल पहली मूर्ति करीब 11:30 बजे विसर्जन के लिए किशोर सागर तालाब की बारहदरी पर पहुंचती है. लेकिन इस बार बारिश के चलते वह 8:30 बजे ही पहुंच गई. वहीं देर रात 4 से 5 बजे तक चलने वाला विसर्जन रात 2 बजे ही पूरा हो गया.

यह भी पढ़ें- कोटा : रामगंजमंडी में हुई झमाझम बारिश, गणेश विसर्जन में हुई परेशानी

प्रशासन ने भी विसर्जन के लिए उचित इंतजाम किए हुए थे. नगर निगम की तरफ से करीब 8 नाव और 5 क्रेनों की व्यवस्था की गई थी. बड़ी मूर्तियों को क्रेन की मदद से किशोर सागर तालाब की पाल में विसर्जित किया जा रहा था. वहीं छोटी मूर्तियों को नाव के जरिए ठंडी किया जा रहा था. विसर्जन के दौरान करीब 9:30 बजे एक छोटी मूर्ति को लेकर भक्त आए थे. जिसको क्रेन से उठा विसर्जित किया जा रहा था. इस दौरान मूर्ति ठीक से क्रेन में नहीं बंधी और वह भक्तों के ऊपर गिर गई. हालांकि मूर्ति छोटी होने से एक-दो भक्तों को हल्की चोट आई. इसके बाद पुलिस ने सख्ती करते हुए विसर्जन स्थल पर जहां पर क्रेन से मूर्तियों को उठाया जा रहा था, वहां भक्तों को नहीं जाने दिया.

कोटा. 10 दिन की पूजा अर्चना के बाद गुरुवार को गणपति विसर्जन आयोजित हुआ. बप्पा को विदाई देने के लिए बारिश में भी भक्तों का उत्साह जबरदस्त रहा. तेज बारिश में भी जोश कम नहीं हो रहा था. वह जयकारे लगाते हुए बप्पा को विसर्जित कर रहे थे. कोटा किशोर सागर तालाब की पाल पर ऐसा नजारा देखने को मिला. यहां पर हजारों छोटी-बड़ी मूर्तियों को विसर्जित किया गया.

किशोर सागर तालाब की बारहदरी पर हजारों छोटी-बड़ी मूर्तियों का हुआ विसर्जन

हालांकि पिछले कुछ सालों से जुलूस में शामिल पहली मूर्ति करीब 11:30 बजे विसर्जन के लिए किशोर सागर तालाब की बारहदरी पर पहुंचती है. लेकिन इस बार बारिश के चलते वह 8:30 बजे ही पहुंच गई. वहीं देर रात 4 से 5 बजे तक चलने वाला विसर्जन रात 2 बजे ही पूरा हो गया.

यह भी पढ़ें- कोटा : रामगंजमंडी में हुई झमाझम बारिश, गणेश विसर्जन में हुई परेशानी

प्रशासन ने भी विसर्जन के लिए उचित इंतजाम किए हुए थे. नगर निगम की तरफ से करीब 8 नाव और 5 क्रेनों की व्यवस्था की गई थी. बड़ी मूर्तियों को क्रेन की मदद से किशोर सागर तालाब की पाल में विसर्जित किया जा रहा था. वहीं छोटी मूर्तियों को नाव के जरिए ठंडी किया जा रहा था. विसर्जन के दौरान करीब 9:30 बजे एक छोटी मूर्ति को लेकर भक्त आए थे. जिसको क्रेन से उठा विसर्जित किया जा रहा था. इस दौरान मूर्ति ठीक से क्रेन में नहीं बंधी और वह भक्तों के ऊपर गिर गई. हालांकि मूर्ति छोटी होने से एक-दो भक्तों को हल्की चोट आई. इसके बाद पुलिस ने सख्ती करते हुए विसर्जन स्थल पर जहां पर क्रेन से मूर्तियों को उठाया जा रहा था, वहां भक्तों को नहीं जाने दिया.

Intro:कोटा की किशोर सागर तालाब की बारहदरी पर हजारों छोटी बड़ी मूर्तियों को विसर्जित किया गया. तेज बारिश में भी भक्तों का जोश कम नहीं हो रहा था. वह जयकारे लगाते हुए बप्पा को विसर्जित कर रहे थे. इस बार बारिश के जुलूस में शामिल मुर्तिया 8:30 बजे ही पहुंच गई. वहीं देर रात 2 बजे विसर्जन पूरा हुआ.


Body:कोटा.
दस दिन पूजा अर्चना के बाद गुरुवार को गणपति विसर्जन आयोजित हुआ. बप्पा को विदाई देने के लिए बारिश में भी उत्साह दिखाया और तेज बारिश में भी भक्तों का जोश कम नहीं हो रहा था. वह जयकारे लगाते हुए बप्पा को विसर्जित कर रहे थे. कोटा किशोर सागर तालाब की पाल पर ऐसा नजारा देखने को मिला, जहां पर हजारों छोटी-बड़ी मूर्तियों को विसर्जित किया गया. हालांकि पिछले कुछ सालों से जुलूस में शामिल पहली मूर्ति करीब 11:30 बजे विसर्जन के लिए किशोर सागर तालाब की बारहदरी पर पहुंचती है. इस बार बारिश के चलते वह 8:30 बजे ही पहुंच गई. वहीं देर रात 4:00 से 5:00 बजे तक चलने वाला विसर्जन 2:00 बजे ही पूरा हो गया.
प्रशासन ने भी विसर्जन के लिए उचित इंतजाम किए हुए थे.
नगर निगम की तरफ से करीब 8 नाव और 5 ट्रेनों की व्यवस्था की गई थी. बड़ी मूर्तियों को क्रेन की मदद से किशोर सागर तालाब की पाल में विसर्जित किया जा रहा था. वही छोटी मूर्तियों को नाव के जरिए ठंडी किया जा रहा था.
विसर्जन के दौरान करीब 9:30 बजे एक छोटी मूर्ति को लेकर भक्त आए थे. जिसको क्रेन से उठा विसर्जित किया जा रहा था. इस दौरान मूर्ति ठीक से क्रेन में ठीक से नहीं बंधी और वह भक्तों के ऊपर गिर गई. हालांकि मूर्ति छोटी होने से एक दो भक्तों को हल्की चोट आई. इसके बाद पुलिस ने सख्ती करते हुए विसर्जन स्थल पर जहां पर क्रेन से मूर्तियों को उठाया जा रहा था, वहां भक्तों को नहीं जाने दिया.,


Conclusion:ऐसे हादसों से निपटने के लिए प्रशासन ने भी नगर निगम के गोताखोर, रेस्क्यू टीम, एसडीआरएफ और आरएसी के जवानों को नाव के साथ तालाब में तैनात किया था.
किशोर सागर तालाब की पाल पर गणेश विसर्जन को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे. पूरे तालाब की पाल पर पैर रखने की जगह भी नहीं मिल रही थी.
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