कोटा. जेईई एडवांस परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को घोषित हुआ. कोटा के दो स्टूडेंट्स टॉप टेन में शामिल हैं. इनमें से छठवीं रैंक लाने वाले निशांत अभंगी हैं. इनकी जेईई मेंस परीक्षा में भी छठवीं रैंक आई थी. उन्होंने कहा कि उन्हें अलग ही फीलिंग हो रही है, उन्हें बहुत खुशी है जिन्हें वे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते हैं.
निशांत ने कहा कि वे सुबह ही कोचिंग संस्थान में चले जाते थे. उसके बाद चार घंटे तक होमवर्क करते थे. बाकी जो समय बचता था. उसको इक्वली सभी सब्जेक्ट के अनुसार बांटकर पढ़ाई करते थे. उन्होंने कहा कि उन्हें मुंबई आईआईटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करना है और आगे एमटेक या एमबीए अभी मैंने डिसाइड नहीं किया है. अपना लक्ष्य कैसे उन्होंने प्राप्त किया, इसके बारे में बताते हुए निशांत ने कहा कि लास्ट के दो-तीन महीने रिवाइज करना चाहिए. इसके पहले अपने कोर्स को पूरा कर लेना चाहिए. पुराने पेपर सॉल्व करने की आदत डालनी चाहिए. लेकिन जो नया पेपर आएगा. वह हमेशा टफ आएगा. इसलिए रिवीजन बेहद जरूरी है.
वहीं निशांत की मां भावना का कहना है कि वह दो साल तक कोटा में ही निशांत के साथ रहीं और पढ़ाई में उसका साथ दी हैं. उन्होंने कहा कि निशांत पूरी तरह से अपना शेड्यूल बनाकर ही स्टडी करता था. जरूरत पड़ने पर वे उसको मोटिवेट करती थीं और उसकी सहायता भी करती थीं.
निशांत के पिता विनोद का कहना है कि उसका बचपन से ही लक्ष्य था कि वह आईआईटी मुंबई से पढ़ाई करें और कंप्यूटर साइंस में बीटेक करे. उन्होंने दूसरे बच्चों को सलाह दी कि जीवन में कुछ करना है, तो सिस्टमैटिक लाइफ करानी पड़ती है. उसके पिता ने कहा कि आजकल के बच्चे बहुत ज्यादा समय गैजेट्स में बर्बाद कर रहे हैं. सिस्टमैटिक टाइम शेड्यूल बनाकर अगर पढ़ाई करें तो सफलता मिल सकती है. बता दें कि निशांत मूलत: गुजरात राज्य में राजकोट के रहने वाले हैं. इनकी मां भावना गृहणी हैं. उनके पिता विनोद बिजनेस मैन हैं. निशांत की एक बहन है, जो गांधीनगर के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रही है.