ETV Bharat / state

कोटा में चिकित्सा व्यवस्था फेल...सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं है कोई डॉक्टर...ग्रामीण परेशान

कोटा जिले के रामगंजमंडी उपखण्ड क्षेत्र में मोड़क स्टेशन ग्राम पंचायत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 डॉक्टर के पद स्वीकृत हैं, लेकिन सभी पद अभी रिक्त चल रहे हैं. वहीं, इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे लगभग 50 गांव के ग्रामीण अपना इलाज करवाने आते हैं. ग्रामीणों ने सरकार की चिकित्सा व्यवस्था को फेल बताया.

government fails in medical system, doctors not in available in hospital, kota news, अस्पतालो में नही डॉक्टर, कोटा न्यूज
author img

By

Published : Sep 18, 2019, 5:37 PM IST

Updated : Sep 19, 2019, 3:31 PM IST

रामगंजमंडी(कोटा) उपखण्ड क्षेत्र में मोड़क स्टेशन ग्राम पंचायत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 डॉक्टर के पद स्वीकृत हैं. लेकिन सभी पद अभी रिक्त चल रहे हैं.

चिकित्सा व्यवस्था में सरकार फेल

वहीं इस अस्पताल में 70 से 80 महिलाओं के प्रसव भी करवाये जाते हैं. लेकिन मरीजो की जिन्दगी कंपाउंडर या नर्स के भरोसे चलती है. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि आये दिन यहां डॉक्टर के नही होने गंभीर मरीजो की जान पर आ जाती हैं और मरीज को रामगंजमंडी अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. लेकिन मरीज को रामगंजमंडी अस्पताल में भी सुविधाओं के अभाव में झालावाड़ अस्पताल रेफर किया जाता है.

पढ़ेंः कोटा: नगरीय निकाय चुनाव के लिए निकाली गई लॉटरी...देखें कौन वार्ड किसके लिए आरक्षित

कस्बे के निवासी युगल मेवाड़ा का कहना है की कांग्रेस सरकार चिकित्सा व्यवस्था में फेल होती नजर आ रही है. जिसका खामियाजा ग्रामीण मरीजो को भुगतना पड़ रहा हैं. इस अस्पताल के हालात इतने खराब है कि अभी मौसमी बीमारियों का दौर चल रहा हैं. जिसके चलते 300 के करीब मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं. लेकिन डॉक्टरों के नही होने पर मौजूदा स्टाफ गोलीया देकर मरीजो को रवाना कर देते हैं या ज्यादा परेशानी आने पर तुरन्त रेफर कर दिया जाता है. वहीं कस्बा नीवासी लोकेश सेन का कहना है कि अस्पताल में हो रही अव्यवस्था पर चिकित्सा विभाग का कोई ध्यान नही हैं.

रामगंजमंडी(कोटा) उपखण्ड क्षेत्र में मोड़क स्टेशन ग्राम पंचायत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 डॉक्टर के पद स्वीकृत हैं. लेकिन सभी पद अभी रिक्त चल रहे हैं.

चिकित्सा व्यवस्था में सरकार फेल

वहीं इस अस्पताल में 70 से 80 महिलाओं के प्रसव भी करवाये जाते हैं. लेकिन मरीजो की जिन्दगी कंपाउंडर या नर्स के भरोसे चलती है. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि आये दिन यहां डॉक्टर के नही होने गंभीर मरीजो की जान पर आ जाती हैं और मरीज को रामगंजमंडी अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. लेकिन मरीज को रामगंजमंडी अस्पताल में भी सुविधाओं के अभाव में झालावाड़ अस्पताल रेफर किया जाता है.

पढ़ेंः कोटा: नगरीय निकाय चुनाव के लिए निकाली गई लॉटरी...देखें कौन वार्ड किसके लिए आरक्षित

कस्बे के निवासी युगल मेवाड़ा का कहना है की कांग्रेस सरकार चिकित्सा व्यवस्था में फेल होती नजर आ रही है. जिसका खामियाजा ग्रामीण मरीजो को भुगतना पड़ रहा हैं. इस अस्पताल के हालात इतने खराब है कि अभी मौसमी बीमारियों का दौर चल रहा हैं. जिसके चलते 300 के करीब मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं. लेकिन डॉक्टरों के नही होने पर मौजूदा स्टाफ गोलीया देकर मरीजो को रवाना कर देते हैं या ज्यादा परेशानी आने पर तुरन्त रेफर कर दिया जाता है. वहीं कस्बा नीवासी लोकेश सेन का कहना है कि अस्पताल में हो रही अव्यवस्था पर चिकित्सा विभाग का कोई ध्यान नही हैं.

Intro:रामगंजमंडी / कोटा
उपखण्ड क्षेत्र में मोड़क स्टेशन ग्राम पंचायत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 डॉक्टर के पद स्वीकृत है लेकिन सभी पद अभी रिक्त चल रहे है। वही इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे लगभग 50 गांव के ग्रामीण अपना इलाज करवाने आते है।ग्रामीणों ने सरकार की चिकित्सा व्यवस्था को फैल बताया।Body:रामगंजमंडी / कोटा
उपखण्ड क्षेत्र में मोड़क स्टेशन ग्राम पंचायत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 डॉक्टर के पद स्वीकृत है लेकिन सभी पद अभी रिक्त चल रहे है। वही इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे लगभग 50 गांव के ग्रामीण अपना इलाज करवाने आते है। वही इस अस्पताल में 70 से 80 महिलाओं के प्रसव भी करवाये जाते है लेकिन मरीजो की जिन्दगी कंपाउंडर या नर्स के भरोसे चलता है। वही ग्रामीणों ने बताया कि आये दिन यहाँ डॉक्टर के नही होने गम्भीर मरीजो की जान पर आ जाती है और मरीज को रामगंजमंडी अस्पताल रेफर कर दिया जाता है । लेकिन मरीज को रामगंजमंडी अस्पताल में भी सुविधाओं के अभाव में झालावाड़ अस्पताल रेफर किया जाता है । कस्बे के निवासी युगल मेवाड़ा का कहना है की कोंग्रेस सरकार चिकित्सा व्यवस्था में फैल होती नजर आ रही है । जिसका खामियाजा ग्रामीण मरीजो को भुगतना पड़ रहा है। इस अस्पताल के हालात इतने खराब है कि अभी मौसमी बीमारियों का दौर चल रहा है जिसके चलते 300 के करीब मरीज अपना इलाज करवाने आते है लेकिन डॉक्टरों के नही होने पर मौजूदा स्टाफ गोलीया देकर मरीजो को रवाना कर देते है या ज्यादा परेशानी आने पर तुरन्त रेफर कर दिया जाता है ।वही कस्बा नीवासी लोकेश सेन का कहना है कि अस्पताल में हो रही अव्यवस्था पर चिकित्सा विभाग का कोई ध्यान नही है मंगलवार को मेंरे पड़ोस में रहनेवाले कुलदीप की माँ की अचानक तबियत खराब होने पर उनको सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोड़क स्टेशन लेकर आये ।लेकिन यहां मरीजो को देखने के लिये कोई डॉक्टर मौजूद नही मिला तकरीबन 1 घंटे तक मौजूदा स्टाफ से डॉक्टर की पूछताछ की तो यही अस्वाशन मिलता रहा कि आ रहे है । इतने में कुलदीप की माँ की तबियत जैसे जैसे ज्यादा खराब होने लगी तो निजी वहान से कोटा जिला अस्पताल ले जाया गया। वही कस्बे नीवासी श्याम सुंदर का कहना है कि अस्पताल में हो रही असुविधा पर चिकित्सा विभाग ने ध्यान नही दिया तो ग्रामीणों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। वही राजेन्द्र चौहान का कहना है कि अस्पताल में कई स्टाफ कोटा से उपडाउन करता है और समय पर अस्पताल नही पहुचता इस पर मरीजो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।वही मंगलवार को अस्पताल में हुए हंगामे को देख बुधवार को एक डॉक्टर को ऐस्थाई लगाया गया। वही ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए बताया कि अगर अस्पताल में आगामी 10 दिनों में व्यवस्थाओ में सुधार कर डॉक्टरों की रिक्त पदों की पूर्ति नही की तो ग्रामीणों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा ।Conclusion:रामगंजमंडी / कोटा
उपखण्ड क्षेत्र में मोड़क स्टेशन ग्राम पंचायत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 डॉक्टर के पद स्वीकृत है लेकिन सभी पद अभी रिक्त चल रहे है। वही इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे लगभग 50 गांव के ग्रामीण अपना इलाज करवाने आते है।ग्रामीणों ने सरकार की चिकित्सा व्यवस्था को फैल बताया। वही सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 10 दिनों में व्यवस्था को सुधार नही तो ग्रामीण सड़क पर आ जाएंगे।
बाईट- स्थानीय निवासी जुगल मेवाड़ा
बाईट-स्थानीय निवासी लोकेश सेन
बाईट-स्थानीय निवासी राजेन्द्र चौहान
बाईट-श्याम सुंदर धाकड़
Last Updated : Sep 19, 2019, 3:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.