कोटा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोटा दौरे (Nirmala Sitharaman in kota) पर हैं. रविवार को उन्होंने जवाहर नगर स्थित समुन्नल बिल्डिंग के सद्गुण सभागार में कोचिंग स्टूडेंट्स से संवाद किया. इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी मौजूद रहे. निर्मला सीतारमण ने स्टूडेंट्स को संबोधित (Nirmala Sitharaman interacted with students) करते हुए कहा कि देश में वर्तमान में डेडीकेटेड लीडरशिप दिख रही है. करप्शन फ्री काम हो रहा है. अगर भ्रष्टाचार नहीं होता है, तब लोगों की साइकोलॉजी बदलती है. भारत की ज्यादातर आबादी युवा है. यहां 25 से 30 साल की जनसंख्या काफी बड़ी मात्रा में है. ऐसे में देश को मिलने वाला एक अच्छा नेतृत्व यहां पर युवा जनसंख्या पर भी काफी प्रभाव डालता है.
ऐसे में उनका भविष्य बेहतर किया जा सकता है. सभी युवाओं को भी यही आशा रहती है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि ज्यादा पैसे कमाना या फिर विदेश में छुट्टियां मनाना गलत नहीं है, लेकिन एक बार उन लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए जो गरीब हैं या फिर देश की रक्षा के लिए बॉर्डर पर खड़े हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है. ऐसे में यहां बच्चों का फ्यूचर काफी ब्राइट है.
पढ़ें. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहुंचीं कोटा, यह रहेगा शेड्यूल
देश के भविष्य के लिए डेडीकेटेड लीडरशिप होनी चाहिए जो कि वर्तमान में देश में है. उन्होंने कहा कि देश में क्लीन एडमिनिस्ट्रेशन होना चाहिए. यहां करप्ट नेता देश को नहीं चाहिए. करप्शन को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि "चार पैसा उन्होंने खाया लेकिन काम तो हुआ" यह सोच हमें बदलनी होगी. काम तो होना ही है तो चार पैसा क्यों घूस दी जाए. इसके लिए भ्रष्ट प्रशासन को दूर करना होगा.
पढ़ें. मोदी सरकार में पहली बार बैंकों को एनपीए का धन वापस मिला: निर्मला सीतारमण
कोटा की स्मार्टनेस के चलते ही यहां आ रहे देश भर के बच्चे
निर्मला सीतारमण से एक स्टूडेंट ने शहर के संबंध में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि कोटा की स्मार्टनेस के चलते ही यहां पर पूरे देश भर के बच्चे पढ़ाई करने के लिए आ रहे हैं. कोटा के एजुकेशन संस्थान इन बच्चों में वैल्यू एडिशन करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोटा में स्टूडेंट्स को हीरे की तरह तराशने का काम किया जाता है. छात्रा अंशिका बरोड़ा ने पूछा कि आप टैक्स जमा कराने के लिए लोगों को कैसे मोटिवेट करती हैं. इस सवाल के जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि अच्छी एजुकेशन, हेल्थ सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए, इसलिए टैक्स कलेक्शन की काफी जरूरत है. देश के किसानों, मजदूरों और समाज के सभी लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए टैक्स जरूरी होता है. इसलिए टैक्स काफी महत्वपूर्ण होता है.
पढ़ें. वित्त मंत्री सीतारमण नई दिल्ली के एम्स में भर्ती
स्टूडेंट चेष्टा दासवानी ने पूछा कि बजट में मेंटल हेल्थ टेली हेल्पलाइन शुरू करने का प्रावधान था, यह कहां तक पहुंचा है? इस पर उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद जब स्कूल बंद थे और बच्चे और पेरेंट्स घर पर ही थे, तब इसकी जरूरत महसूस हुई. हम दवा व वैक्सीन के लिए जूझ रहे थे. इस दौरान ये देखने को मिला कि कई बच्चे स्ट्रेस में हैं. उन्हें साइकेट्रिक हेल्प की जरूरत है. ऐसे में उन बच्चों तक पहुंचने के लिए यह अप्रोच हमने की है. इस संबंध में काफी डाटा हम कलेक्ट कर रहे हैं और इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा.
भारत से शिक्षित बच्चे को पूरे ग्लोब में कैसे रोजगार मिले, इस पर काम कर रहे
हरियाणा निवासी स्टूडेंट तमन्ना ने मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा और सीट की कमी पर सवाल पूछा. मंत्री सीतारमण ने इस पर कहा कि सरकार ज्यादा से ज्यादा मेडिकल कॉलेज खोल रही है. जिला स्तर तक मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं. कई जिलों में इसकी शुरुआत हो गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देना चाहते हैं. भारत के पढ़े बच्चों की जापान, सिंगापुर, इटली, जर्मनी में काफी डिमांड है. वहां पर इंजीनियर से लेकर डॉक्टर और नर्स तक भारत से बड़ी संख्या में जॉब करने जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इन बच्चों के लिए वहां की कंट्री के लोगों को बुलाकर हम लैंग्वेज सिखा रहे हैं ताकि उन्हें वहां पर किसी तरह की कोई समस्या न हो. वहां की यूनिवर्सिटी और एडमिनिस्ट्रेशन से यहां की डिग्री को भी रिकॉग्नाइज करवा रहे हैं. हम यह प्रयास कर रहे हैं कि पूरे विश्व में भारत से एजुकेटेड बच्चों को किस तरह से रोजगार मिले.
एंटरप्रेन्योर बनने के लिए उठानी पड़ेगी रिस्क : उत्तराखंड के छात्र समर भारद्वाज ने सवाल किया कि एक अच्छा एंटरप्रेन्योर बनने के लिए क्या खासियत होनी चाहिए ? इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि सबसे पहले तो अच्छी रिस्क लेने के लिए तैयार रहना चाहिए. जिसमें फाइनेंशियल और कोर बिजनेस जो आप करना चाहते हैं. दूसरी तरफ आपको सरकार की तरफ से एंटरप्रेन्योर के लिए क्या सुविधा मिल सकती है, इसका भी पता करें. बाजार में होने वाला कंपटीशन के बारे में भी पता करें. आप जिस फील्ड के एंटरप्रेन्योर बनना चाहते हैं, वहां पर टैक्स क्या है, इसकी भी जानकारी लें. कैसे अपने प्रोडक्ट को कॉस्ट इफेक्टिव बन सकते बना सकते हैं, यह भी आपको समझना होगा. चौथा अपना वेंचर स्टार्ट करें.
महक गुप्ता ने डिजिटल यूनिवर्सिटी को लेकर सवाल पर पूछा, इस पर निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया कि कई रिमोट एरिया भारत के ऐसे हैं, जहां पर विद्यार्थियों के लिए स्टडी की अच्छे विश्वविद्यालय नहीं हैं. इसीलिए वहां पर यूनिवर्सिटी इस्टैबलिश्ड करना या फिर अच्छे शिक्षकों को पहुंचाना काफी मुश्किल हो सकता है. इसलिए डिजिटल यूनिवर्सिटी की सोच सरकार लाई है. इसमें कई पुराने विश्वविद्यालयों भी डिजिटल होकर आसपास अपनी पहुंच बढ़ा सकते हैं.
अपाला मिश्रा ने कहा कि काफी मेहनत करने के बाद भी ऐसा लगता है कि सिलेक्शन होंगे या नहीं, इस पर उन्होंने कहा कि सबसे पहली बात तो यह है की आपने हिम्मत दिखाई और यह कहा कि अप-डाउन तुम्हारे पढ़ाई के दौरान आ रहे हैं. सब लोगों के लाइफ में अप एंड डाउन आते हैं. लेकिन उन लोगों ने सवाल उठाने की हिम्मत नहीं की. तुम मेरे पास होती तो, मैं तुम्हें गले से लगा लेती. कोई चिंता की बात नहीं है. तुम्हें खुद को ही मोटिवेट करना होगा. यह सोचना होगा कि आज अच्छा दिन नहीं है, लेकिन कल बेहतर दिन आ सकता है.
शहीदों के बच्चों का किया सम्मान : कार्यक्रम में कोटा में पढ़ रहे शहीदों के बच्चों का सम्मान भी हुआ. एक-एक विद्यार्थी मंच पर आया. केन्द्रीय मंत्री ने उन्हें उपर्णा पहनाया. बच्चों ने पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया. कुछ बच्चों से निर्मला सीतारमण ने बातचीत भी की. इस दौरान कृष्णादेवी मानधना, गोविन्द माहेश्वरी, नवीन माहेश्वरी, बृजेश माहेश्वरी, ओम माहेश्वरी व नितिन विजय व शहीदों के तीन बच्चों ने भी निर्मला सीतारमण का स्वागत किया.