कोटा. राजस्थान के कोटा में कोचिंग छात्रों के सुसाइड के मामले बढ़ रहे हैं. जिसके बाद अब पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है. बुधवार को प्रशासन ने लगातार दूसरे दिन भी मीटिंग आयोजित की, जिसमें प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौजूद रहे. साथ ही कोचिंग संस्थानों में काउंसलिंग डिपार्टमेंट के लोग भी मीटिंग में बुलाए गए. जिला कलेक्टर ओपी बुनकर और एसपी केसर सिंह शेखावत ने मीटिंग की पालना करवाने के निर्देश दिए.
इसके अलावा कोटा मेडिकल कॉलेज के पूर्व विभागाध्यक्ष मनोरोग डॉ. एमएल अग्रवाल भी इस बैठक में मौजूद रहे. उन्होंने भी सुसाइड प्रीवेंशन के लिए (Students in Kota Coachings) अहम कदम उठाने की जरूरत बताई है. कोचिंग क्षेत्रों में वैलनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे, ताकि बच्चे वहां पर जाकर खेलकूद और मनोरंजन कर सकें. इसके साथ ही जिला प्रशासन विद्यार्थियों की शिकायत प्राप्त करने के लिए शिकायत ई-पोर्टल बनाएगा, जिसकी पर्याप्त जानकारी भी कोचिंग विद्यार्थियों को दी जाएगी.
पुलिस ने की कोचिंग छात्रों से चर्चा, हॉस्टल में बच्चों से पूछे हाल-चाल : दूसरी तरफ, कोटा शहर पुलिस भी इस मामले में सतर्क रही. एक तरफ डीएसटी टीम ने कई होटलों में जाकर छात्र व छात्राओं से बात की. वहीं, दूसरी तरफ जवाहर नगर स्थित समुन्नत सभागार में 1200 कोचिंग छात्रों की बैठक भी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन और पुलिस उप अधीक्षक प्रथम अमर सिंह राठौड़ ने ली है. आईजी कोटा रेंज प्रसन्न खमेसरा के जारी निर्देश के बाद बुधवार को कई हॉस्टल में कोटा डीएसटी टीम के सदस्य पहुंचे. जिन्होंने स्टूडेंट से बातचीत भी की है, साथ ही उन्हें किसी भी तरह की शिकायत के लिए पुलिस अधिकारियों और थाने के नंबर जारी किए हैं.
थानों व हेल्पडेस्क नंबर कोचिंग एरिया में जगह-जगह हो चस्पा : थानों व हेल्प डेस्क के नंबर भी कोचिंग इलाकों में जगह-जगह चस्पा करवाए जाएंगे. साथ ही इन बच्चों से साफ बातचीत (Suicide Prevention in Rajasthan) करते हुए उन्होंने कहा है कि उन्हें किसी भी तरह की समस्या है, तो निश्चित रूप से पुलिस कार्मिकों को बताएं. कोचिंग एरिया में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि पैदल गश्त के दौरान हॉस्टल में जाकर कुछ बच्चों से बातचीत करें. कोचिंग एरिया में घूमने वाले समाजकंटकों पर त्वरित कार्रवाई की जाए. साथ ही सादा वर्दी में भी पुलिस कर्मियों को कोचिंग एरिया में तैनात किया जाएगा.
यह भी दिए हैं निर्देश :
- कोचिंग संस्थानों के लिए जारी राज्य सरकार की गाइडलाइन की पालना की जांच के लिए नियुक्त अधिकारियों को लगातार निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं.
- किसी भी बैच में 100 से अधिक बच्चे नहीं रखें, ताकि टीचर उन्हें अच्छी तरह पढ़ा सकें.
- बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लागू करने के बाद विद्यार्थी के अनुपस्थित रहने पर तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना देने के लिए निर्देशित किया गया है.
- विद्याार्थियों की कोचिंग में आयोजित होने वाले मासिक टेस्ट में रैंकिंग जारी नहीं करने के निर्देश हैं.