कोटा. प्रदेश में शुक्रवार सुबह लोड डिस्पैच की सूचना समय पर नहीं मिलने के चलते दो बड़े पावर प्लांट फेल हो गए, जिनमें कोटा सुपर थर्मल पावर प्लांट और रावतभाटा का परमाणु ऊर्जा संयंत्र भी शामिल है. इसके चलते विद्युत की आपूर्ति भी प्रभावित हो गई और कोटा सहित कुछ जिलों में विद्युत सप्लाई बंद हो गई है. ऐसे में इन जिलों में अंधेरा छा गया है.
घटना आज शुक्रवार सुबह 5 बजे के बाद की है. कोटा थर्मल के चीफ इंजीनियर एके आर्य के अनुसार राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के लोड डिस्पैच सेंटर ने जानकारी समय पर नहीं दी. चालू सभी यूनिट पूरी तरह से काम कर रही थी. इनके ग्रिड बंद थे, इसके चलते विद्युत आपूर्ति हमारे यहां से लगातार जा रही थी, लेकिन उसको रिसीव करने की व्यवस्था बाधित हो गई, जिसके चलते पावर प्लांट बंद हो गया. हम 5 यूनिट से उत्पादन कर रहे थे. यह पूरी तरह से बंद हो गया और इसी तरह से रावतभाटा एटॉमिक स्टेशन में भी हुआ है. वहां भी यूनिट्स बंद हो गई है.
इसे भी पढ़ें : बिजली संकट में हाड़ौती के पावर प्लांट कर रहे 55 फीसदी उत्पादन, क्षमता से चले तो 2100 मेगावाट ज्यादा हो प्रोडक्शन
"आरवीपीएनएल ने ब्यावर, वाटिका और बूंदी के ग्रिड को मेंटेनेंस के लिए बंद किया था, लेकिन इसकी जानकारी हमें नहीं दी गई. यह जानकारी लोड डिस्पैच के जरिए हमें दी जाती है. ऐसे में हमारे प्लांट लगातार उत्पादन कर रहे थे और अचानक से जब वहां पर पावर की डिमांड बंद हो गई, जिससे प्लांट शटडाउन हुए हैं. वह जल्द ही अपनी यूनिट्स को दोबारा रीस्टोर कर रहे हैं और उन्हें लाइट अप किया जा रहा है, जिससे आने वाले एक-दो घंटों में दोबारा उत्पादन होगा." - एके आर्य, कोटा थर्मल के चीफ इंजीनियर
इसे भी पढ़ें : छबड़ा सुपर थर्मल पावर प्लांट में हादसा, ऊंचाई से गिरने से एक मजदूर की मौत
राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता विजय जैमिनी के अनुसार ग्रिड पर कुछ तकनीकी खराबी के चलते समस्या आई है. हम इस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रहे हैं. कोटा से कोई समस्या नहीं हुई है. इस दिक्कत से आम जनता को बचाने के लिए जल्द से जल्द सप्लाई को रिस्टोर करने में जुटे हुए हैं.
1600 मेगावाट के आसपास हो रहा था उत्पादन : रावतभाटा एटॉमिक पावर स्टेशन की क्षमता 1280 व कोटा थर्मल पावर प्लांट की क्षमता 1240 वाट है, जबकि दोनों जगहों पर करीब 800-800 मेगावाट के आसपास विद्युत उत्पादन हो रहा था. ऐसे में दोनों मिलकर 1600 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहे थे. यह सप्लाई भी लोकल एरिया के आसपास आसपास के जिलों में की जा रही थी. रावतभाटा एटॉमिक पावर स्टेशन पर भी 6 में से चार यूनिट संचालित की जा रही थी, वहीं कोटा थर्मल पावर प्लांट की 7 में से 5 यूनिट से उत्पादन किया जा रहा था. एक यूनिट मेंटेनेंस और एक शटडाउन में थी.