सांगोद (कोटा). तापमान में कमी और धान की फसल से निपटने के साथ ही किसान अब गेहूं की बुवाई में जुट गए हैं. दवाईयां और खाद्य फिलहाल पर्याप्त मिल रहा है, लेकिन गेहूं के बीज की कमी ने किसानों की चिंता बढ़ा रखी है. गेहूं के बीज की आपूर्ति कम होने और बीज की एकाएक बढ़ी मांग से एकाएक गेहूं के बीज की किल्लत हो गई है, जिससे किसानों को बीज के बंदोबस्त के लिए घंटों तक कतारों में लगकर पसीना बहाना पड़ रहा है.
बता दें कि क्षेत्र में इन दिनों तापमान में कमी होने लगी है. वहीं खेतों में गेहूं की बुवाई का उपयुक्त समय भी है. धान की फसल से निपटने के बाद किसान अब गेहूं की बुवाई में जुट गए हैं, लेकिन बीज के बंदोबस्त ने किसानों की नींद उड़ा रखी है. बुवाई का समय निकलता जा रहा है, लेकिन किसानों को कहीं भी पर्याप्त बीज नहीं मिल पा रहा.
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ऐसे में किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे और बीज के बंदोबस्त के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. जिससे बुधवार को भी यहां क्रय-विक्रय सहकारी समिति में सुबह से किसानों की भीड़ जुटी रही. कतारों में धक्का-मुक्की के चलते कुछ देर हंगामे की स्थिति भी बनी रही. इसके चलते पुलिस को मोर्चा संभालते हुए बीज वितरण करवाना पड़ा.
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कृषि अधिकारी ओमप्रकाश सिंघल ने बताया कि 10 साल से कम अवधि के गेहूं की किस्मों का वितरण हो रहा है. जिसमें 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल अथवा 50 प्रतिशत जो भी कम हो सके, वह अनुदान किसान को दिया जा रहा है. 10 साल से अधिक अवधि की किस्मों पर 1 हजार क्विंटल अथवा 50 प्रतिशत जो भी कम हो, वह दिया जा रहा है. कुल 2500 क्विंटल गेहूं का पंचायत समिति सांगोद में आवंटन किया जाएगा. जहां तक माल आता रहेगा, वहां तक किसानों को बीज वितरण किया जाएगा. गेहूं का मूल्य 3 हजार 600 प्रति क्विंटल रखा गया है.