कोटा. भारत सरकार और यूजीसी मिलकर यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET UG) को बीते साल लेकर आई थी. इसके आयोजन का यह दूसरा साल है. ऐसे में लगातार इसमें विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ रही है. अब इस साल अब तक 171 यूनिवर्सिटी इसमें पार्टिसिपेट कर रही हैं, जबकि बीते साल संख्या 90 थी.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी इस परीक्षा को आयोजित करवा रही है. ऐसे में इस बार इस परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया गया है. दूसरी तरफ, इस परीक्षा में एक सबसे खास बात यह है कि देश की कई सेंट्रल, स्टेट, डीम्ड और प्राइवेट यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग के कोर्सेज में प्रवेश ले सकते हैं. इसके लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम या अन्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की जरूरत नहीं होगी.
CUET UG के जरिए से दिल्ली, BHU और HNBG से बीटेक : कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के CUET डिवीजन के हेड कमल सिंह चौहान ने बताया कि कई विद्यार्थी बीटेक करने के लिए सीयूईटी यूजी का उपयोग कर सकते हैं. ऐसे स्टूडेंट को सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दिल्ली यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटका, भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी बिहार, आईसीएआर और स्टेट यूनिवर्सिटी में एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी बीटेक के कोर्स ऑफर कर रही हैं. दूसरी तरफ कई प्राइवेट यूनिवर्सिटी सीयूईटी यूजी के जरिए इंजीनियरिंग कोर्सेज में प्रवेश दे रही हैं, जिनमें मानव रचना, शोभित, रुड़की, विवेकानंद ग्लोबल, एनआईआईटी, लवली प्रोफेशनल, आईआईएमटीयू, केआर मंगलम और शारदा शामिल हैं.
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काफी कम फीस में कर सकते हैं इंजीनियरिंग : कमल सिंह चौहान ने बताया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में बीटेक करने पर काफी कम खर्च आता है, क्योंकि फीस काफी कम है. उन्होंने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग कॉलेज में जहां अच्छे कोर्सेज भी शामिल हैं, जिनमें इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और मैथमेटिकल इनोवेशन में बीटेक करवाई जा रही है. दिल्ली यूनिवर्सिटी में बीटेक की फीस 17 से 18 हजार रुपए प्रति वर्ष हैं.
ऐसे में यह बीटेक करीब 70 हजार रुपए फीस के आसपास में पूरी हो जाती है. इसके अलावा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के बीटेक कर सकते है. जहां पर फीस 10 हजार रुपए सालाना है. जहां फूड टेक्नोलॉजी, डेयरी टेक्नोलॉजी में बीटेक करवाई जा रही है. हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी उत्तराखंड में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंट, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जैसे सब्जेक्ट है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी हरियाणा में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग व प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग जैसे कोर्सेज हैं.
यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग जैसे सब्जेक्ट है. यूनिवर्सिटी ऑफ कर्नाटका में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन सब्जेक्ट है.बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी बिहार में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, मेकेनिकल इंजीनियरिंग जैसे सब्जेक्ट है. इंडियन काउंसलिंग ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग डेयरी टेक्नोलॉजी, फूड टेक्नोलॉजी व बायोटेक्नोलॉजी जैसे सब्जेक्ट है. इसी तरह से स्टेट यूनिवर्सिटी की बात की जाए तो एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश में बीटेक एग्रीकल्चर व बायोटेक ब्रांच है.
इंजीनियरिंग का आधा कोर्स भारत व बाकी विदेश में : CUET में पार्टिसिपेट कर रहे कुछ विश्वविद्यालय ऐसे भी हैं, जो कि भारत के साथ-साथ विदेश में भी पढ़ने की सुविधा देते हैं. यह भी इंजीनियरिंग कोर्स करवा रहे हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स पहले एडमिशन लेने के बाद भारत में स्थित संस्थान में पढ़ाई करता है. इसके बाद उन्हें 2 साल बाद आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए विदेश के संस्थान में भेज दिया जाता है. इन विश्वविद्यालयों ने बाहर के विश्वविद्यालयों से कोलिबरेशन किया हुआ है. इनमें यूपीईएस देहरादून जैसा संस्थान भी शामिल है.
यह हुए है पैटर्न में बदलाव :
9 की जगह 10 सब्जेक्ट चुन सकता है स्टूडेंट- कमल सिंह चौहान ने बदले हुए पैटर्न के बारे में बताया है कि स्टूडेंट्स को बीते साल 9 सब्जेक्ट चुने और परीक्षा देने की छूट दी इस बार एक सब्जेक्ट बढ़ा दिया गया है. ऐसे में विद्यार्थी 10 सब्जेक्ट के लिए आवेदन कर सकता है.
जनरल टेस्ट में करने होंगे 50 प्रश्न - इसी तरह से जनरल टेस्ट में रिजनिंग, मैथमेटिकल और जनरल नॉलेज के प्रश्न पूछे जाते थे. इनमें 75 प्रश्न आते थे, इनमें से 60 करने होते थे, लेकिन इसे भी कम कर दिया है. अब 60 प्रश्नों में से 50 करना है. इसका समय भी पहले 60 मिनट था, जिसे कम करते हुए 45 मिनट कर दिया गया है.
डोमेन स्पेसिफिक में भी कम किए प्रश्न- सीयूईटी एक्जाम में डोमेन स्पेसिफिक सब्जेक्ट में भी बीते साल जहां पर 50 प्रश्नों में से 40 करने होते थे. इस बार बदलाव करते हुए प्रश्नों की संख्या कम कर 45 की गई है. जिनमें से 35 प्रश्न करने होंगे. हालांकि, कुछ सब्जेक्ट में यह 50 प्रश्न से 40 ही रखे गए हैं.
अब दो की जगह 3 पारी में होगी परीक्षा- बीते साल से सीयूईटी यूजी परीक्षा दो पारियों में आयोजित की जाती थी, लेकिन अब परीक्षा का समय कम कर दिया गया है. ऐसे में तीन पारियों में परीक्षा होगी. इसमें सब्जेक्ट के कंबीनेशन अलग-अलग बनाएं गए हैं. अधिकतम सब्जेक्ट चुने पर विद्यार्थी की तीन पारी में परीक्षा होगी.
संस्कृत डोमेन स्पेसिफिक सब्जेक्ट- बीते साल संस्कृत डोमेन स्पेसिफिक सब्जेक्ट में शामिल नहीं थी. उसे केवल लैंग्वेज में ही शामिल किया गया था, लेकिन इस बार उसे लैंग्वेज के साथ-साथ डोमेन स्पेसिफिक सब्जेक्ट में भी शामिल कर लिया गया. ऐसे में कक्षा 11वीं और 12वीं में संस्कृत स्पेशल सब्जेक्ट के रूप में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी फायदा मिलेगा.
171 यूनिवर्सिटी हो गई है बढ़कर- वर्तमान में सीयूईटी यूजी में सेंट्रल के 46 संस्थान हैं. जिनमें दोनों संस्थान हाल ही में जुड़े हैं. इनमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म ट्रैवल मैनेजमेंट और इंडियन काउंसलिंग ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च शामिल है. इसके अलावा स्टेट की 29, डीम्ड 23 और प्राइवेट 73 यूनिवर्सिटी शामिल है, जिन्हें मिलाकर 171 संस्थान अब तक हो गए हैं.