रामगंजमंडी (कोटा). नगर पालिका रामगंजमंडी में स्वीकृत करीब 7 करोड़ रुपए के कार्य शुरू कराने और अधूरे पड़े कार्य को पूरा कराने की मांग को लेकर पार्षदों ने कार्मिक धरना प्रारंभ कर दिया है. बता दें कि करीब एक दर्जन पार्षद पालिका के सामने धरने पर बैठे हैं.
धरने पर बैठे पार्षद पंकज पारेता, प्रहलाद मीणा, कमल गुर्जर, राजेंद्र धानिया, रवि सांवरिया, कुंदन सारासर, सहित अन्य पार्षदों का कहना है कि पालिका में करीब सात करोड़ के विकास कार्य मंजूर है. इनमें कई कार्य अधूरे पड़े हैं तो कुछ कार्यों के लिए निर्माण सामग्री भी पहुंच गई है, लेकिन कार्य प्रारंभ नहीं किए जा रहे हैं.
अधूरे निर्माण कार्य वार्डों में रहने वाले परिवार के लिए मुसीबत बने हुए हैं. इस कारण वार्डवासियों द्वारा पार्षदों को उलाहना दी जा रही है. पार्षदों का कहना है कि संवेदक और अधिशासी अधिकारी के बीच का रजिस्ट्रेशन करवाने के विवाद में उनका कोई लेना-देना नहीं है. पालिका को अधूरे निर्माण कार्यों को शुरू करना चाहिए.
संवेदकों ने उप निदेशक को सौंपा ज्ञापन
पालिका की निविदा प्रक्रिया अनुरूप निर्माण कार्य से जुड़े संवेदकों को नए पुराने निर्माण कार्य की एवज में पालिका द्वारा किए भुगतान में 5 प्रतिशत राशि ईपीएफई एसआर का रजिस्ट्रेशन करवाने के नाम पर काटने का आरोप लगाया है. जिसके लिए स्वायत्त शासन उप निदेशक को कोटा में ज्ञापन भी सौंपा गया है. सवेंदको का कहना है कि प्रदेश की अधिकांश नगर पालिकाओं और निर्माण विभाग में कार्यरत संवेदकों को बिना रजिस्ट्रेशन भुगतान किए जा रहे हैं.
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कार्य के निविदा के समय इसके बारे में कोई जिक्र नहीं है. ऐसे में बिना पूर्व सूचना के पालिका द्वारा संवेदकों के निर्माण कार्य की राशि 5 प्रतिशत की कटौती करना न्याय संगत नहीं है. अधिशासी अधिकारी के नए फरमान से उनकी परेशानी बढ़ गई है और अधूरे निर्माण करने को तैयार हैं, लेकिन नियम पुराना होना चाहिए.
गौरतलब है कि अधिशासी अधिकारी पंकज कुमार मंगल ने पालिका में सात करोड़ के निर्माण कार्य से जुड़े 10 संवेदकों को 3 दिन में निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं करने पर भुगतान के समय काटी गई 5 प्रतिशत राशि जब्त करने के नोटिस भी दिए हैं.