कोटा. राजस्थान से मध्य प्रदेश को जाने वाली दाईं मुख्य नहर की किशनपुरा तकिया ब्रांच की नव निर्मित दीवार भरभराकर ढ़ह गई. जिससे किसानों की फसलों को काफी हद तक नुकसान पहुंचा है. इसके लिए क्षेत्रीय किसान और आसपास आवासी कॉलोनियों में रहने वाले लोग मामले की जांच करवाने और दोषी इंजीनियरों और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. असल में ये ब्रांच थेगड़ा गांव के पास से निकल रही है.
किसानों ने बताया कि सीएडी प्रशासन ने दस दिन पहले किशनपुरा तकिया ब्रांच के हेड पर निर्माण कार्य करवाते हुए ठेकेदार से पक्की दीवार का निर्माण करवाया था. लेकिन निर्माण कार्य ब्रांच में पानी छोडते ही बह गया. नई दीवार के पत्थर, सीमेंट और कंक्रीट नहर के पानी के साथ ही बह गए. साथ ही आसपास की मिट्टी जमीन में धंस गई. इससे आसपास के खेतों में पानी भर गया. जिससे खेतों की फसलें बर्बाद हो गई. खेत में अभी पानी भरा हुआ है.
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बता दें कि सीएडी विभाग ने इस दीवार निर्माण के पक्के कार्य पर करीब 50 हजार रुपए खर्च किए थे. इस दीवार का शेष स्ट्रक्चर में भी कई जगह पर बडी-बडी दरारें आ चुकी है. यह हिस्सा भी कभी भी ढ़ह सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं नहर के टेल क्षेत्र के किसानों के सामने सिंचाई पानी के संकट की भी स्थिति बनने की संभावना है. फिलहाल टूटे हुए हिस्से में सीएडी विभाग ने अपनी लापरवाही और सीएडी के इंजीनियरों की ओर से किए गए भ्रष्टाचार को दबाने में लगे हुए हैं.
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इधर, जिम्मेदार सीएडी के अधिकारी दाईं मुख्य नहर के कोटा खंड के एक्सईएन प्रवीण लोकवानी का कहना है कि इस काम में किसी की भी मिलीभगत नहीं है. काम ठेकेदार की ओर से किया गया है. जहां दीवार टूटी है, वहां पर सूचना मिलने के बाद मिट्टी के कट्टे डाल दिए गए है. ठेकेदार को अभी कोई भुगतान नहीं किया गया है, ठेकेदार से फिर से निर्माण कार्य करवाया जाएगा.