ETV Bharat / state

कोटा: नहरी तंत्र में भ्रष्टाचार, 10 दिन पहले बनाई दीवार टूटने से खेतों में भरा पानी

कमांड एरिया डेवलपमेंट के नहरी तंत्र की निर्माण और मरम्मत कार्य में बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. 10 दिन पहले ही तैयार किए गए स्ट्रक्चर में टूट-फूट हो गई है और नहर की मुख्य ब्रांच का पानी टूटकर खेतों में पहुंच गया, जिससे किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं.

kota news, सीएडी प्रशासन
author img

By

Published : Nov 13, 2019, 5:35 PM IST

कोटा. राजस्थान से मध्य प्रदेश को जाने वाली दाईं मुख्य नहर की किशनपुरा तकिया ब्रांच की नव निर्मित दीवार भरभराकर ढ़ह गई. जिससे किसानों की फसलों को काफी हद तक नुकसान पहुंचा है. इसके लिए क्षेत्रीय किसान और आसपास आवासी कॉलोनियों में रहने वाले लोग मामले की जांच करवाने और दोषी इंजीनियरों और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. असल में ये ब्रांच थेगड़ा गांव के पास से निकल रही है.

नहरी तंत्र के निर्माण कार्य में मिला भ्रष्टाचार

किसानों ने बताया कि सीएडी प्रशासन ने दस दिन पहले किशनपुरा तकिया ब्रांच के हेड पर निर्माण कार्य करवाते हुए ठेकेदार से पक्की दीवार का निर्माण करवाया था. लेकिन निर्माण कार्य ब्रांच में पानी छोडते ही बह गया. नई दीवार के पत्थर, सीमेंट और कंक्रीट नहर के पानी के साथ ही बह गए. साथ ही आसपास की मिट्टी जमीन में धंस गई. इससे आसपास के खेतों में पानी भर गया. जिससे खेतों की फसलें बर्बाद हो गई. खेत में अभी पानी भरा हुआ है.

पढ़ें- कोटा: कार्तिक पूर्णिमा में चंबल नदी के तट पर दीपदान का आयोजन हुआ

बता दें कि सीएडी विभाग ने इस दीवार निर्माण के पक्के कार्य पर करीब 50 हजार रुपए खर्च किए थे. इस दीवार का शेष स्ट्रक्चर में भी कई जगह पर बडी-बडी दरारें आ चुकी है. यह हिस्सा भी कभी भी ढ़ह सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं नहर के टेल क्षेत्र के किसानों के सामने सिंचाई पानी के संकट की भी स्थिति बनने की संभावना है. फिलहाल टूटे हुए हिस्से में सीएडी विभाग ने अपनी लापरवाही और सीएडी के इंजीनियरों की ओर से किए गए भ्रष्टाचार को दबाने में लगे हुए हैं.

पढ़ें- कोटा: राम मंदिर फैसले के 3 दिन बाद भी कोटा पुलिस अलर्ट मोड पर, सोशल मीडिया पर लगातार निगरानी

इधर, जिम्मेदार सीएडी के अधिकारी दाईं मुख्य नहर के कोटा खंड के एक्सईएन प्रवीण लोकवानी का कहना है कि इस काम में किसी की भी मिलीभगत नहीं है. काम ठेकेदार की ओर से किया गया है. जहां दीवार टूटी है, वहां पर सूचना मिलने के बाद मिट्टी के कट्टे डाल दिए गए है. ठेकेदार को अभी कोई भुगतान नहीं किया गया है, ठेकेदार से फिर से निर्माण कार्य करवाया जाएगा.

कोटा. राजस्थान से मध्य प्रदेश को जाने वाली दाईं मुख्य नहर की किशनपुरा तकिया ब्रांच की नव निर्मित दीवार भरभराकर ढ़ह गई. जिससे किसानों की फसलों को काफी हद तक नुकसान पहुंचा है. इसके लिए क्षेत्रीय किसान और आसपास आवासी कॉलोनियों में रहने वाले लोग मामले की जांच करवाने और दोषी इंजीनियरों और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. असल में ये ब्रांच थेगड़ा गांव के पास से निकल रही है.

नहरी तंत्र के निर्माण कार्य में मिला भ्रष्टाचार

किसानों ने बताया कि सीएडी प्रशासन ने दस दिन पहले किशनपुरा तकिया ब्रांच के हेड पर निर्माण कार्य करवाते हुए ठेकेदार से पक्की दीवार का निर्माण करवाया था. लेकिन निर्माण कार्य ब्रांच में पानी छोडते ही बह गया. नई दीवार के पत्थर, सीमेंट और कंक्रीट नहर के पानी के साथ ही बह गए. साथ ही आसपास की मिट्टी जमीन में धंस गई. इससे आसपास के खेतों में पानी भर गया. जिससे खेतों की फसलें बर्बाद हो गई. खेत में अभी पानी भरा हुआ है.

पढ़ें- कोटा: कार्तिक पूर्णिमा में चंबल नदी के तट पर दीपदान का आयोजन हुआ

बता दें कि सीएडी विभाग ने इस दीवार निर्माण के पक्के कार्य पर करीब 50 हजार रुपए खर्च किए थे. इस दीवार का शेष स्ट्रक्चर में भी कई जगह पर बडी-बडी दरारें आ चुकी है. यह हिस्सा भी कभी भी ढ़ह सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं नहर के टेल क्षेत्र के किसानों के सामने सिंचाई पानी के संकट की भी स्थिति बनने की संभावना है. फिलहाल टूटे हुए हिस्से में सीएडी विभाग ने अपनी लापरवाही और सीएडी के इंजीनियरों की ओर से किए गए भ्रष्टाचार को दबाने में लगे हुए हैं.

पढ़ें- कोटा: राम मंदिर फैसले के 3 दिन बाद भी कोटा पुलिस अलर्ट मोड पर, सोशल मीडिया पर लगातार निगरानी

इधर, जिम्मेदार सीएडी के अधिकारी दाईं मुख्य नहर के कोटा खंड के एक्सईएन प्रवीण लोकवानी का कहना है कि इस काम में किसी की भी मिलीभगत नहीं है. काम ठेकेदार की ओर से किया गया है. जहां दीवार टूटी है, वहां पर सूचना मिलने के बाद मिट्टी के कट्टे डाल दिए गए है. ठेकेदार को अभी कोई भुगतान नहीं किया गया है, ठेकेदार से फिर से निर्माण कार्य करवाया जाएगा.

Intro:दस दिन पहले ही तैयार किए गए स्ट्रक्चर मैं टूट-फूट हो गई है और नहर की मुख्य ब्रांच का पानी टूटकर खेतों में पहुंच गया है. जिससे किसानों की फसल भी बर्बाद हो गई है.
राजस्थान से मध्यप्रदेश को जाने वाली दाईं मुख्य नहर की किशनपुरा तकिया ब्रांच की नवनिर्मित दीवार भरभराकर ढह गई. क्षेत्रीय किसान और आसपास आवासी कॉलोनियों में रहने वाले लोग मामले की जांच करवाने और दोषी इंजीनियरों और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. Body:कोटा.
कमांड एरिया डेवलपमेंट के नहरी तंत्र की निर्माण व मरम्मत कार्य में बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. 10 दिन पहले ही तैयार किए गए स्ट्रक्चर मैं टूट-फूट हो गई है और नहर की मुख्य ब्रांच का पानी टूटकर खेतों में पहुंच गया है. जिससे किसानों की फसल भी बर्बाद हो गई है.
राजस्थान से मध्यप्रदेश को जाने वाली दाईं मुख्य नहर की किशनपुरा तकिया ब्रांच की नवनिर्मित दीवार भरभराकर ढह गई. क्षेत्रीय किसान और आसपास आवासी कॉलोनियों में रहने वाले लोग मामले की जांच करवाने और दोषी इंजीनियरों और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
ये ब्रांच थेगड़ा गांव के पास से निकल रही है. जहां के किसानों ने बताया कि सीएडी प्रशासन ने दस दिन पहले किशनपुरा तकिया ब्रांच के हैड पर निर्माण कार्य करवाते हुए सीएडी ने ठेकेदार से पक्की दीवार का निर्माण करवाया था, लेकिन ब्रांच के हैड पर किया गया. निर्माण कार्य ब्रांच में पानी छोडते ही बह गया. नई दीवार के पत्थर, सीमेंट व कंक्रीट नहर के पानी के साथ ही बह गई है. आसपास की मिटटी जमीन में धंस गई. इससे आसपास के खेतों में ब्रांच का पानी भर गया. इससे किसान की खेत की फसल बर्बाद हो गई. खेत में अभी पानी भरा हुआ है. दस दिन पहले बनाई गई पक्की दीवार ब्रांच के हैड से निकलने वाली पानी के प्रेशर को झेल नहीं पाई.
सीएडी विभाग ने इस दीवार निर्माण के पक्के कार्य पर करीब 50 हजार रूपए खर्च किए है. इस दीवार का शेष स्ट्रक्चर है, उसमें भी कई जगह पर बडी-बडी दरारें आई हुई है. यह हिस्सा भी कभी-कभी ढह सकता है और बड़ा हादसा भी हो सकता है. क्योंकि अगर ब्रांच की दीवार पूरी टूट जाती है, तो आसपास के खेतों जलप्लावन की स्थिति बन जाएगी. वहीं नहर के टेल क्षेत्र के किसानों के सामने सिंचाई पानी के संकट की भी स्थिति बनने की संभावना है.
फिलहाल टूटे हुए हिस्से में सीएडी विभाग ने अपनी लापरवाही और सीएडी के इंजीनियरों के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को दबाने के लिए मिटटी के कटटे डाल कटाव को रोकने के लिए डाले गए है.
Conclusion:इधर, जिम्मेदार सीएडी के अधिकारी दाईं मुख्य नहर के कोटा खंड के एक्सईएन प्रवीण लोकवानी का कहना है कि इस काम में किसी की मिलीभगत नहीं है. काम ठेकेदार द्वारा किया गया है, जहां दीवार टूटी है, वहां पर सूचना मिलने के बाद मिटटी के कटटे डाल दिए गए है. ठेकेदार को अभी कोई भुगतान नहीं किया गया है, ठेकेदार से पुन निर्माण कार्य करवाया जाएगा.
क्षेत्रीय किसानों और आसपास के लोगों ने कहा भ्रष्टाचार करते हुए सीएडी विभाग के इंजीनियरों ठेकेदार के साथ मिली भगत करते हुए करवाए गए, निर्माण कार्य की पूरी जांच होनी चाहिए.




बाइट का क्रम

बाइट-- राजू सुमन, किसान
बाइट-- ओमप्रकाश बडगूजर ,स्थानीय निवासी
बाइट-- चेतन, स्थानीय निवासी
बाइट-- प्रवीण लोकवानी, अधिशासी अभियंता सीएडी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.