सांगोद (कोटा). जिले के सांगोद नगर पालिका में मतदान के बाद कांग्रेस अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिखाई दे रही है. साथ ही अपना बोर्ड बनाने का दावा कर रही है. सांगोद कांग्रेस नगर अध्यक्ष ने पालिका के 25 के 25 वार्ड जितने का दावा किया है.
बता दें कि पिछले 15 सालों में दो बार भाजपा का चेयरमैन रहा है, वहीं वर्ष 2014 में हुए इलेक्शन में 20 वार्डों के लिए हुए मतदान में भाजपा का बोर्ड बना था और भाजपा के देवकीनंदन राठौर चेयरमैन बने थे, जिसमें 18 पार्षद भाजपा और 2 निर्दलीय पार्षद चुने गए थे और कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था.
वहीं इससे पहले वर्ष 2009 में चेयरमैन का सीधा इलेक्शन हुआ था, जिसमें कांग्रेस के बृज बिहारी शर्मा चुने गए थे. बोर्ड में कांग्रेस के 11पार्षद जीत के आए थे, जबकि भाजपा के 9 पार्षद ही जीत पाए थे. वर्ष 2004 की बात की जाए तो बसंती बाई सुमन यहां चेयरमैन चुनी गई थी. नगरपालिका के इतिहास को देखे तो अभी तक किसी भी दल ने लगातार दो बार अपना बोर्ड नहीं बनाया है.
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यहां बीते 37 सालों में हुए चुनाव में एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा की जीत की परिपाटी चलती आ रही है. यहां अब तक हुए 6 चुनाव में तीन बार भाजपा एवं तीन बार कांग्रेस का बोर्ड रहा है. 44 साल पहले सांगोद को ग्राम पंचायत से नगर पालिका का दर्जा मिला था, उस समय तत्कालीन सरपंच प्रभुलाल जैन को नगर पालिका का अध्यक्ष मनोनीत किया गया था.
8 माह के कार्यकाल के बाद राज्य में तत्कालीन सरकार ने पहले ओंकार लाल चतुर्वेदी एवं बाद में मोहनलाल चतुर्वेदी को अध्यक्ष बनाया.
इसी दौरान 13 साल तक पालिका की सत्ता राज्य सरकार के हाथ में रही. उसके बाद यहां करीब अब तक 6 चुनाव हो चुके हैं, जिसमें तीन बार भाजपा के एवं तीन बार कांग्रेस का बोर्ड बने हैं. साथ ही परिसीमन के बाद सांगोद में जहां पहले 20 वार्ड थे, वहीं अब बढ़कर 25 हो गए हैं.
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सांगोद कांग्रेस नगर अध्यक्ष राजेंद्र गहलोत ने बताया कि हम सांगोद में 25 के 25 वार्डों को जीतने में कामयाब रहेंगे, क्योंकि पार्टी के हर कार्यकर्ता ने मुस्तैदी के साथ फील्ड में काम किया है. वहीं जनता ने कांग्रेस की नीतियों से खुश होकर कांग्रेस को अपना मत दिया है.
भाजपा बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछला बोर्ड बिल्कुल नाकारा साबित हुआ है. भाजपा बोर्ड ने लोगों को आवास के लिए पट्टों का वितरण नहीं किया, गार्डन के लिए पालिका बोर्ड ने कोई प्रयास नहीं किया. वहीं अगर कांग्रेस का बोर्ड सांगोद में बनता है तो उजाड़ नदी को प्रदूषण मुक्त किया जाएगा. नदी में जा रहे नाले को अलग सीवरेज लाइन के द्वारा नदी में नहीं डाल कर पानी को कहीं बाहर छोड़ा जाएगा.
वहीं सांगोद नगर के अंदर लोगों के लिए नगर में कोटा के चंबल गार्डन की तर्ज पर एक गार्डन बनाया जाएगा, जिसमें लोग दो पल शांति की से गुजार सकें. वहीं मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले लोगों के लिए रोड के दोनों साइडों पर बने गड्ढे खत्म कर उन पर इंटरलॉकिंग कराने का हमारा प्रयास रहेगा, जिससे लोग परेशान ना हो. वहीं बेरोजगारों के लिए भी अगर राज्य सरकार द्वारा योजना बनाकर यहां पर एक लघु उद्योग लगवाने का पूरा प्रयास किया जाएगा.
अब तक यह रहे बोर्ड अध्यक्ष
- प्रभुलाल जैन 10-7-1975 से 31-3-1976 तक
- ओंकार लाल (कार्यवाहक)1-4-1976 से 19-8-1976 तक
- मोहन लाल चतुर्वेदी 20-8-1976 से -8-8-1977 तक
- राज्य सरकार 9-8-1977 से 19-2-1982 तक
- बाबूलाल सुवालका 20-2-1982 से 16-2-1986 तक
- प्रशासक 17-2-1986 से 30-11-1994
- शिवकान्त शर्मा 1-12-1994 से 30-11-1999 तक
- कुन्ज बिहारी सोनी 1-12-1999 से 26-11-2004 तक
- बसंती बाई सुमन 27-11-2004 से 17-9-2007 तक
- सावित्री देवी प्रजापत 27-2-2008 से 26-3-2008 तक
- देवकीनन्दन राठौर(कार्यवाहक)18-9-2007 से 26-2-2008 तक
- रिक्तपद 27-3-2008 से 13-6-2008 तक
- बसंती बाई सुमन 14-6-2008 से 9-3-2009 तक
- सीमा सोनी 9-3-2009 से 25-11-2009 तक
- बृजबिहारी शर्मा 26-11-2009 से 25-11-2014 तक
- देवकीनंदन राठौर 26-11-2014 अब तक