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Special: कोटा में कोचिंग स्टूडेंट के बूम से हॉस्टल मिलने में होगी दिक्कत, डिमांड सप्लाई के गैप से बढ़ेगा किराया

कोटा में भविष्य संवारने के लिए आने वाले विद्यार्थियों की संख्या में हर साल बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ऐसे में कोटा में हॉस्टल मिलने की समस्या भी स्टूडेंट्स के सामने बड़ी चुनौती बनती जा रही है. हॉस्टल की क्राइसिस के चलते इस बार किराया भी बढ़ सकता है.

Kota coaching students Boom
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Published : Feb 21, 2023, 8:58 PM IST

Updated : Feb 25, 2023, 10:40 PM IST

स्टूडेंट के बूम से हॉस्टल मिलने में होगी दिक्कत.

कोटा. शिक्षा नगरी कोटा में देशभर से विद्यार्थी अपना भविष्य बनाने के लिए पहुंच रहे हैं और इनकी संख्या अब साल दर साल बढ़ रही है. बीते साल हॉस्टल के लिए मारामारी देखने को मिली थी और अब इस साल भी ऐसे ही हालात सामने आ सकते हैं. क्योंकि विद्यार्थियों की क्वेरीज और एडमिशन बीते साल से इस बार अभी तक ज्यादा हो चुके हैं. सभी कोचिंग संस्थानों की बात की जाए तो अब तक करीब एक लाख से ज्यादा एडमिशन हो चुके हैं. यह संख्या बीते साल इस समय आधी ही थी.

ऐसे में इस बार भी कोचिंग संस्थानों के लिए विद्यार्थियों के एडमिशन का बूम कहा जा सकता है. कोटा के एक निजी कोचिंग संस्थान के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पंकज बिरला के अनुसार कोटा के सभी संस्थानों में करीब ढाई लाख के आसपास बच्चों की संख्या पहुंच सकती है. उनका खुद का कहना है कि उनके संस्थान में बीते साल भी 1 लाख 35 हजार विद्यार्थी कोटा आ गए थे. कोटा का आंकड़ा 2 लाख को क्रॉस कर गया था. ऐसे में जुलाई-अगस्त में हॉस्टल की समस्या हुई थी, लेकिन इस बार अप्रैल और मई महीने से ही यह समस्या स्टूडेंट्स को हो सकती है.

पढ़ें. कोटा कोचिंग में बूम का असर, नहीं मिल रही क्लासरूम के लिए जगह

5 लाख से ज्यादा आते हैं क्वेरीज करनेः कोटा को मिनी इंडिया कहा जाता है. यहां पर देश का कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश नहीं होगा, जहां से विद्यार्थी कोचिंग करने के लिए नहीं आते हैं. कोटा के कोचिंग संस्थान के संस्थापक निदेशक गोविंद माहेश्वरी ने बताया कि साल 2022 में 5 लाख से ज्यादा विद्यार्थी अपने पैरंट्स के साथ कोटा में एडमिशन की क्वेरीज के लिए आए थे. यह संख्या लगातार बढ़ती रही है. बाकी इनमें से करीब 40 फीसदी यानी 2 लाख विद्यार्थियों ने ही एडमिशन लिया था. ऐसे में इस बार यह संख्या बढ़कर छह लाख से ज्यादा हो सकती है.

विद्यार्थियों को हो सकती है एकमोडेशन की समस्याः दूसरी तरफ विद्यार्थियों की क्वेरीज भी हॉस्टल के लिए भी आना शुरू हो गई है. करीब 40 हजार रूम प्री बुक हो गए है, लेकिन विद्यार्थियों की बढ़ी हुई संख्या व कोटा में एकमोडेशन कमी से समस्या होगी. यह समस्या बाहर से आने वाले विद्यार्थियों को सामने झेलनी पड़ सकती है. बीते साल भी यह समस्या आई थी, लेकिन विद्यार्थियों के पुराने बैच के देरी के चलते यह समस्या हुई थी. जबकि इस बार विद्यार्थी की संख्या ज्यादा होने के चलते एकमोडेशन की समस्या का सामना लोगों को करना पड़ेगा. बीते सालों में कई महीने तक विद्यार्थियों को कोचिंग से कई किलोमीटर दूर पीजी में रहना पड़ा था. इसका समाधान भी बीते साल अक्टूबर-नवंबर में हुआ था.

पढ़ें. मेडिकल, इंजीनियरिंग के स्टूडेंट में है कोटा का क्रेज...इतनी सीटों पर जमाते हैं कब्जा

एक लाख बच्चे हर साल रुकते हैंः पंकज बिरला का कहना है कि कोटा में कोचिंग करने अधिकांश बच्चे कक्षा ग्यारहवीं में आते हैं. इनकी संख्या करीब 60 फीसदी के आसपास होती है. यह विद्यार्थी 2 साल तक लगातार पढ़ाई करते हैं. ऐसे में बीते साल आए हुए करीब 1 लाख 20 हजार विद्यार्थी इस बार भी कोटा ही रुकने वाले है. इसके बाद इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जेईईमेन व एडवांस और मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट यूजी परीक्षा देने के बाद 40 फ़ीसदी यानी 80 हजार बच्चे वापस चले जाएंगे. वहीं इस बार भी 11वीं के करीब करीब सवा लाख स्टूडेंट आएंगे. इसी के चलते संख्या ढाई लाख होने की संभावना है.

बीते साल आनन-फानन में किए थे कोचिंग संस्थानों ने इंतजामः बीते साल भी उम्मीद से ज्यादा विद्यार्थी कोटा में पहुंच गए थे, कोटा के एक बड़े कोचिंग संस्थान में तो एक लाख 35 हजार का आंकड़ा छू लिया था. यह किसी भी शहर में दूसरे शहर से आकर पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या का एक विश्व रिकॉर्ड भी बना था. इसके अलावा बीते साल ही ऑफलाइन कोचिंग के अस्तित्व में आया एक नया संस्थान भी 30,000 से ज्यादा विद्यार्थियों को अपनी तरफ आकर्षित कर पाया था.

इस संस्था ने एक के बाद एक चार नई बिल्डिंग में क्लासेज शुरू की थी. ऐसे में इन बिल्डिंगों के आसपास पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हॉस्टल मिलने में भी काफी असुविधा हुई थी. दूसरी तरफ ज्यादा संख्या के चलते कोचिंग संस्थानों ने अपने ग्राउंड फ्लोर और पार्किंग में भी क्लासेज शुरू की थी. साथ ही नई रेंट पर भी बिल्डिंग ली थी.

पढ़ें. City Lifeline: कोटा की रीढ़ है 4000 करोड़ की कोचिंग इंडस्ट्री, होम ट्यूशन से हुई थी शुरुआत...आज मेडिकल, इंजीनियरिंग में है सिरमोर

बोर्ड परीक्षाओं के बाद शुरू होता है एडमिशन का सीजनः शिक्षा नगरी में एडमिशन का सीजन बोर्ड परीक्षाओं के बाद मार्च महीने के बाद ही शुरू होता है. हालांकि इस साल नए सत्र के लिए विद्यार्थियों के प्रवेश जनवरी से ही शुरू हो गए हैं और अब तक कोटा में करीब एक लाख से ज्यादा विद्यार्थी एडमिशन ले चुके हैं. इन्होंने कोटा के 10 प्रमुख कोचिंग संस्थानों में प्रवेश लिया है.

यह विद्यार्थी अप्रैल से ही कोटा में पहुंचेंगे. जबकि एडमिशन अप्रैल मई-जून होता है. वहीं कोटा के कोचिंग संस्थानों में सितंबर तक भी एडमिशन विद्यार्थियों के होते हैं. बीते सालों में कोविड-19 के चलते प्रवेश परीक्षाएं देरी से हो रही थी, लेकिन इस बार प्रवेश परीक्षाएं भी समय से हैं. साथ ही बोर्ड के एग्जाम भी समय से हो रहे हैं. इसका भी फायदा कोचिंग संस्थानों, हॉस्टल और पीजी संचालकों को मिलेगा.

स्टूडेंट के बूम से हॉस्टल मिलने में होगी दिक्कत.

कोटा. शिक्षा नगरी कोटा में देशभर से विद्यार्थी अपना भविष्य बनाने के लिए पहुंच रहे हैं और इनकी संख्या अब साल दर साल बढ़ रही है. बीते साल हॉस्टल के लिए मारामारी देखने को मिली थी और अब इस साल भी ऐसे ही हालात सामने आ सकते हैं. क्योंकि विद्यार्थियों की क्वेरीज और एडमिशन बीते साल से इस बार अभी तक ज्यादा हो चुके हैं. सभी कोचिंग संस्थानों की बात की जाए तो अब तक करीब एक लाख से ज्यादा एडमिशन हो चुके हैं. यह संख्या बीते साल इस समय आधी ही थी.

ऐसे में इस बार भी कोचिंग संस्थानों के लिए विद्यार्थियों के एडमिशन का बूम कहा जा सकता है. कोटा के एक निजी कोचिंग संस्थान के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पंकज बिरला के अनुसार कोटा के सभी संस्थानों में करीब ढाई लाख के आसपास बच्चों की संख्या पहुंच सकती है. उनका खुद का कहना है कि उनके संस्थान में बीते साल भी 1 लाख 35 हजार विद्यार्थी कोटा आ गए थे. कोटा का आंकड़ा 2 लाख को क्रॉस कर गया था. ऐसे में जुलाई-अगस्त में हॉस्टल की समस्या हुई थी, लेकिन इस बार अप्रैल और मई महीने से ही यह समस्या स्टूडेंट्स को हो सकती है.

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5 लाख से ज्यादा आते हैं क्वेरीज करनेः कोटा को मिनी इंडिया कहा जाता है. यहां पर देश का कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश नहीं होगा, जहां से विद्यार्थी कोचिंग करने के लिए नहीं आते हैं. कोटा के कोचिंग संस्थान के संस्थापक निदेशक गोविंद माहेश्वरी ने बताया कि साल 2022 में 5 लाख से ज्यादा विद्यार्थी अपने पैरंट्स के साथ कोटा में एडमिशन की क्वेरीज के लिए आए थे. यह संख्या लगातार बढ़ती रही है. बाकी इनमें से करीब 40 फीसदी यानी 2 लाख विद्यार्थियों ने ही एडमिशन लिया था. ऐसे में इस बार यह संख्या बढ़कर छह लाख से ज्यादा हो सकती है.

विद्यार्थियों को हो सकती है एकमोडेशन की समस्याः दूसरी तरफ विद्यार्थियों की क्वेरीज भी हॉस्टल के लिए भी आना शुरू हो गई है. करीब 40 हजार रूम प्री बुक हो गए है, लेकिन विद्यार्थियों की बढ़ी हुई संख्या व कोटा में एकमोडेशन कमी से समस्या होगी. यह समस्या बाहर से आने वाले विद्यार्थियों को सामने झेलनी पड़ सकती है. बीते साल भी यह समस्या आई थी, लेकिन विद्यार्थियों के पुराने बैच के देरी के चलते यह समस्या हुई थी. जबकि इस बार विद्यार्थी की संख्या ज्यादा होने के चलते एकमोडेशन की समस्या का सामना लोगों को करना पड़ेगा. बीते सालों में कई महीने तक विद्यार्थियों को कोचिंग से कई किलोमीटर दूर पीजी में रहना पड़ा था. इसका समाधान भी बीते साल अक्टूबर-नवंबर में हुआ था.

पढ़ें. मेडिकल, इंजीनियरिंग के स्टूडेंट में है कोटा का क्रेज...इतनी सीटों पर जमाते हैं कब्जा

एक लाख बच्चे हर साल रुकते हैंः पंकज बिरला का कहना है कि कोटा में कोचिंग करने अधिकांश बच्चे कक्षा ग्यारहवीं में आते हैं. इनकी संख्या करीब 60 फीसदी के आसपास होती है. यह विद्यार्थी 2 साल तक लगातार पढ़ाई करते हैं. ऐसे में बीते साल आए हुए करीब 1 लाख 20 हजार विद्यार्थी इस बार भी कोटा ही रुकने वाले है. इसके बाद इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जेईईमेन व एडवांस और मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट यूजी परीक्षा देने के बाद 40 फ़ीसदी यानी 80 हजार बच्चे वापस चले जाएंगे. वहीं इस बार भी 11वीं के करीब करीब सवा लाख स्टूडेंट आएंगे. इसी के चलते संख्या ढाई लाख होने की संभावना है.

बीते साल आनन-फानन में किए थे कोचिंग संस्थानों ने इंतजामः बीते साल भी उम्मीद से ज्यादा विद्यार्थी कोटा में पहुंच गए थे, कोटा के एक बड़े कोचिंग संस्थान में तो एक लाख 35 हजार का आंकड़ा छू लिया था. यह किसी भी शहर में दूसरे शहर से आकर पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या का एक विश्व रिकॉर्ड भी बना था. इसके अलावा बीते साल ही ऑफलाइन कोचिंग के अस्तित्व में आया एक नया संस्थान भी 30,000 से ज्यादा विद्यार्थियों को अपनी तरफ आकर्षित कर पाया था.

इस संस्था ने एक के बाद एक चार नई बिल्डिंग में क्लासेज शुरू की थी. ऐसे में इन बिल्डिंगों के आसपास पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हॉस्टल मिलने में भी काफी असुविधा हुई थी. दूसरी तरफ ज्यादा संख्या के चलते कोचिंग संस्थानों ने अपने ग्राउंड फ्लोर और पार्किंग में भी क्लासेज शुरू की थी. साथ ही नई रेंट पर भी बिल्डिंग ली थी.

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बोर्ड परीक्षाओं के बाद शुरू होता है एडमिशन का सीजनः शिक्षा नगरी में एडमिशन का सीजन बोर्ड परीक्षाओं के बाद मार्च महीने के बाद ही शुरू होता है. हालांकि इस साल नए सत्र के लिए विद्यार्थियों के प्रवेश जनवरी से ही शुरू हो गए हैं और अब तक कोटा में करीब एक लाख से ज्यादा विद्यार्थी एडमिशन ले चुके हैं. इन्होंने कोटा के 10 प्रमुख कोचिंग संस्थानों में प्रवेश लिया है.

यह विद्यार्थी अप्रैल से ही कोटा में पहुंचेंगे. जबकि एडमिशन अप्रैल मई-जून होता है. वहीं कोटा के कोचिंग संस्थानों में सितंबर तक भी एडमिशन विद्यार्थियों के होते हैं. बीते सालों में कोविड-19 के चलते प्रवेश परीक्षाएं देरी से हो रही थी, लेकिन इस बार प्रवेश परीक्षाएं भी समय से हैं. साथ ही बोर्ड के एग्जाम भी समय से हो रहे हैं. इसका भी फायदा कोचिंग संस्थानों, हॉस्टल और पीजी संचालकों को मिलेगा.

Last Updated : Feb 25, 2023, 10:40 PM IST
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