कोटा. कोटा में विश्व स्तरीय देवनारायण पशुपालक आवास योजना नगर विकास न्यास ने विकसित की थी. जहां पर करीब 500 के आसपास पशुपालकों को शिफ्ट कर दिया है, लेकिन योजना के दूसरे चरण का भी काम होना है (Cattle Free Kota Campaign). पशुपालकों के कई बाड़े अभी भी शहर में चल रहे हैं. जिनके चलते पशु सड़कों पर भी दौड़ रहे हैं. आवारा पशु भी बड़ी संख्या में सड़कों पर विचरण कर रहे हैं. ये दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ा रहे है और दुर्घटनाएं बढ़ भी रही हैं.
नगर विकास न्यास ने योजना बनाकर सभी इलाकों को कैटल फ्री करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. इसके लिए नगर विकास न्यास के विशेषाधिकार आरडी मीणा ने सभी अधिकारियों निर्देशित किया है कि 15 दिनों के भीतर भी अपने एरिया को कैटल फ्री घोषित कर दें. आरडी मीणा ने बताया कि कोटा शहर को पशु मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.
मीणा ने बताया- सभी अधिकारियों को कार्य योजना बनाकर क्षेत्रवार आवारा मवेशियों को हटा रहे है इसके लिए अलग-अलग टीमों का गठन कर एरिया के अनुसार किया है. हमारी प्राथमिकता शहर को कैटल फ्री शहर बनाने के साथ पशुपालकों के जीवन स्तर में सुधार करना है. वहीं शहर स्वच्छ व सुंदर हो साथ ही दुर्घटनाओं का अंदेशों पर भी विराम लगाने का उद्देश्य है.
होगी कार्रवाई अगर...- ओएसडी मीणा ने बताया कि ऐसे पशुपालक जिन्होंने हाल ही में देवनारायण आवासीय योजना में सर्वे के तहत आवेदन हैं. वे अपना आवंटन पत्र न्यास कार्यालय से लेकर देवनारायण आवासीय योजना में शिफ्ट हो जाएं. अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि देवनारायण आवासीय योजना के आवंटी पशुपालक अगर पशुओं के साथ शहर में कई बाड़े बनाकर पशुपालन करते मिलते हैं, तो उनके आवंटन को निरस्त करें. इतनी ही नहीं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. जैसे ही पूरा क्षेत्र पशु मुक्त हो जाए, तब टीम के अधिकारी प्रमाण पत्र सलग्न करें कि हमारा एरिया पशु मुक्त हो गया है.
5 दिन में 400 मवेशी पकड़े गए- सभी एरियाओं को पशु मुक्त करने के लिए नगर विकास न्यास व निगम की संयुक्त टीमें काम कर रही हैं. इसमें यूआईटी के अधिकारी, कर्मचारियों, पुलिस, नगर निगम के संसाधनों के साथ मौके पर पहुंचकर मवेशियों को शहर से हटाने में जुटा हुआ है. बीते 5 दिनों में करीब 400 से ज्यादा मवेशियों को पकड़ा गया है. शहर में अवैध रूप से बाड़े बनाकर पशु पालन कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है. इनमें केशवपुरा, टीचर्स कॉलोनी, घटोत्कच सर्किल, आरकेपुरम, खड़े गणेशजी मंदिर, मेडिकल कॉलेज, घोड़ा वाला बाबा चौराहा, गुमानपुरा, रामपुरा, सेवन वंडर रोड, बल्लभबाड़ी, छावनी, कोटडी, 80 फीट रोड व सूरसागर शामिल है.
अभियान का साइड इफेक्ट भी- आरकेपुरम में काला बादल सामुदायिक भवन के पीछे सोमवार को नगर विकास न्यास की टीम पशुओं को पकड़ने गई थी. इस दौरान भागते समय गाय के पेट में सरिया घुस गया. इसके चलते उसकी आंते बाहर आ गई.स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने नगर विकास न्यास की टीम और दस्ते के साथ मारपीट भी डर दी. दस्ते को मौके पर भागने के लिए मजबूर कर दिया.
इसके बाद आनन-फानन में नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और इस गाय को जैसे-तैसे लेकर पशु चिकित्सालय मौखापाड़ा लाया गया. जहां पर उसका ऑपरेशन किया गया था. इस संबंध में पुलिस और यूआईटी अधिकारियों के समक्ष भी बीजेपी नेताओं ने विरोध जताया है. लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि नगर विकास न्यास की टीम में डंडे मारते हुए गोवंश को पकड़ रही है. इसे अमानवीय बताया गया. सलाह दी कि हरे चारे का लालच देकर गायों को पकड़ना चाहिए.