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Kota Municipal Corporation: भाजपा का अनूठा विरोध...मवेशियों को पहनाई महापौर, आयुक्त व उपमहापौर के नाम की तख्तियां - Municipal Corporation Board completes one year in Kota

कोटा में दोनों नगर निगम के बोर्ड का एक साल पूरा होने पर भाजपा पार्षदों ने प्रदर्शन करते हुए नाराजगी जताई. भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि दोनों बोर्ज के महापौर और उपमहापौर पंगु हैं.

Kota News, Rajasthan News
भाजपा का अनूठा विरोध
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Published : Nov 10, 2021, 5:21 PM IST

Updated : Nov 10, 2021, 11:08 PM IST

कोटा. शहर के उत्तर और दक्षिण नगर निगम के बोर्ड को 1 साल पूरा हो गया. भारतीय जनता पार्टी ने दोनों बोर्ड को ही फेलियर बताया है. साथ ही विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान श्वान व मवेशियों के गले में महापौर, उपमहापौर और आयुक्त के नाम की तख्ती डाल दी.

भाजपा पार्षद विवेक राजवंशी और गोपाल राम मंडा के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में भाजपा पार्षदों ने महापौर, उपमहापौर को पंगु करार दिया. साथ ही कहा कि आयुक्त के हठधर्मिता के चलते एक भी रुपए के विकास कार्य नहीं हो पाए. यहां तक कि कांग्रेस के पार्षद भी इसके चलते परेशान हैं, क्योंकि उनके वार्ड में भी कोई कार्य नहीं हुए हैं.

भाजपा का अनूठा विरोध

पढ़ें- Petrol and diesel price in Rajasthan भाजपा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना... वैट की दरों में कटौती करने की मांग

पार्षद विवेक राजवंशी ने कहा कि कोटा शहर के नगर निगम बोर्ड को 1 साल पूरा हो गया है. उसकी वर्षगांठ नहीं हम बरसी मना रहे हैं. इस एक साल में पार्षद जितने दुखी रहे हैं, उतने 20 साल के नगर निगम बोर्ड में नहीं रहे हैं. बीजेपी के पार्षद के साथ कांग्रेस के पार्षद भी दुखी रहे हैं. वार्डों में 5 रुपए का भी काम भी नहीं हुआ. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सभी वार्डों में एक- एक करोड़ के काम करवाने की अनुमति दी थी, लेकिन आयुक्त की हठधर्मिता से टेंडर भी जारी नहीं हुए. जनप्रतिनिधियों का हाल बुरा रहा है. महापौर व उपमहापौर पंगु बने हुए हैं. अधिकारी अपनी मर्जी मनमर्जी चलाते हैं. जनप्रतिनिधियों को कोई सम्मान नहीं है. पार्षद नगर निगम ही नहीं जा सकते हैं. प्रदर्शन के दौरान कई पार्षद मौजूद थे.

सरकारी संसाधनों का उपयोग किया केवल

गोपालराम मंडा ने कहा कि बीते 1 काल में सड़क पर आवारा जानवर और कचरा शहर में नहीं रहेगा, ये वादा कांग्रेस के महापौर ने किया था. लेकिन हालात विकट हैं शहर के. महापौर, उपमहापौर और आयुक्त ने केवल सरकारी संसाधनों का उपयोग किया है और सोशल मीडिया पर ही यह लोग चलते रहे. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का बोर्ड और अधिकारी कोई काम नहीं कर रहे हैं. मौसमी बीमारिया लगातार फैल रही हैं. डेंगू, चिकनगुनिया और स्क्रब टायफस के लगातार मरीज आ रहे हैं और उनके आंकड़ों को छुपाया भी जा रहा है.

पशु प्रेमियों ने प्रदर्शन को बताया नाकाम पार्षदों का पशुओं के प्रति क्रूर रवैया

भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों की ओर से मवेशियों और श्वान के साथ किए प्रदर्शन को पशु क्रूरता बताया है. ह्यूमन हेल्पलाइन के अध्यक्ष मनोज जैन आदिनाथ ने इस प्रदर्शन को पार्षदों के नाकामी छुपाने के लिए अपनाया गया क्रूर रवैया बताया है. उन्होंने कहा कि पार्षदों से जब घायल पशु पक्षियों के रेस्क्यू के लिए मदद मांगी जाती है, तो ये किसी भी तरह की मदद नहीं करते और तो और नकारात्मक जवाब देकर सिर्फ टालमटोल रवैया अपनाते हैं. उन्होंने कहा कि अपनी कमजोरी छुपाने के साथ ही सुर्खियों में छाने के लिए कुछ पार्षदों ने बुधवार को मूक पशुओं के गलें में वजनी तख्तियां टांग कर उन्हें छेड़छाड़ कर प्रताड़ित करना शर्मनाक घटना है. इससे विरोधियों की ओछी मानसिकता प्रकट होती है.

कोटा. शहर के उत्तर और दक्षिण नगर निगम के बोर्ड को 1 साल पूरा हो गया. भारतीय जनता पार्टी ने दोनों बोर्ड को ही फेलियर बताया है. साथ ही विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान श्वान व मवेशियों के गले में महापौर, उपमहापौर और आयुक्त के नाम की तख्ती डाल दी.

भाजपा पार्षद विवेक राजवंशी और गोपाल राम मंडा के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में भाजपा पार्षदों ने महापौर, उपमहापौर को पंगु करार दिया. साथ ही कहा कि आयुक्त के हठधर्मिता के चलते एक भी रुपए के विकास कार्य नहीं हो पाए. यहां तक कि कांग्रेस के पार्षद भी इसके चलते परेशान हैं, क्योंकि उनके वार्ड में भी कोई कार्य नहीं हुए हैं.

भाजपा का अनूठा विरोध

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पार्षद विवेक राजवंशी ने कहा कि कोटा शहर के नगर निगम बोर्ड को 1 साल पूरा हो गया है. उसकी वर्षगांठ नहीं हम बरसी मना रहे हैं. इस एक साल में पार्षद जितने दुखी रहे हैं, उतने 20 साल के नगर निगम बोर्ड में नहीं रहे हैं. बीजेपी के पार्षद के साथ कांग्रेस के पार्षद भी दुखी रहे हैं. वार्डों में 5 रुपए का भी काम भी नहीं हुआ. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सभी वार्डों में एक- एक करोड़ के काम करवाने की अनुमति दी थी, लेकिन आयुक्त की हठधर्मिता से टेंडर भी जारी नहीं हुए. जनप्रतिनिधियों का हाल बुरा रहा है. महापौर व उपमहापौर पंगु बने हुए हैं. अधिकारी अपनी मर्जी मनमर्जी चलाते हैं. जनप्रतिनिधियों को कोई सम्मान नहीं है. पार्षद नगर निगम ही नहीं जा सकते हैं. प्रदर्शन के दौरान कई पार्षद मौजूद थे.

सरकारी संसाधनों का उपयोग किया केवल

गोपालराम मंडा ने कहा कि बीते 1 काल में सड़क पर आवारा जानवर और कचरा शहर में नहीं रहेगा, ये वादा कांग्रेस के महापौर ने किया था. लेकिन हालात विकट हैं शहर के. महापौर, उपमहापौर और आयुक्त ने केवल सरकारी संसाधनों का उपयोग किया है और सोशल मीडिया पर ही यह लोग चलते रहे. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का बोर्ड और अधिकारी कोई काम नहीं कर रहे हैं. मौसमी बीमारिया लगातार फैल रही हैं. डेंगू, चिकनगुनिया और स्क्रब टायफस के लगातार मरीज आ रहे हैं और उनके आंकड़ों को छुपाया भी जा रहा है.

पशु प्रेमियों ने प्रदर्शन को बताया नाकाम पार्षदों का पशुओं के प्रति क्रूर रवैया

भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों की ओर से मवेशियों और श्वान के साथ किए प्रदर्शन को पशु क्रूरता बताया है. ह्यूमन हेल्पलाइन के अध्यक्ष मनोज जैन आदिनाथ ने इस प्रदर्शन को पार्षदों के नाकामी छुपाने के लिए अपनाया गया क्रूर रवैया बताया है. उन्होंने कहा कि पार्षदों से जब घायल पशु पक्षियों के रेस्क्यू के लिए मदद मांगी जाती है, तो ये किसी भी तरह की मदद नहीं करते और तो और नकारात्मक जवाब देकर सिर्फ टालमटोल रवैया अपनाते हैं. उन्होंने कहा कि अपनी कमजोरी छुपाने के साथ ही सुर्खियों में छाने के लिए कुछ पार्षदों ने बुधवार को मूक पशुओं के गलें में वजनी तख्तियां टांग कर उन्हें छेड़छाड़ कर प्रताड़ित करना शर्मनाक घटना है. इससे विरोधियों की ओछी मानसिकता प्रकट होती है.

Last Updated : Nov 10, 2021, 11:08 PM IST
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