कोटा. सांगोद विधायक भरत सिंह अपने बेबाक बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं. शनिवार को उन्होंने मीडिया से बातचीत सांगोद विधानसभा क्षेत्र में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के संबंध में की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बड़े नेताओं को भाजपा के बड़े नेताओं को चुनौती देना चाहिए. इसके चलते ही माहौल बनेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ जोधपुर सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बयानबाजी करते हैं. ऐसे में उन्हें खिलाफ चुनाव लड़ना चाहिए. कोटा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सामने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को चुनाव लड़ना चाहिए. जबकि इनके विधानसभा एरिया में इनके बेटों को चुनाव लड़वा लेना चाहिए.
भरत सिंह ने 20 अगस्त को राजीव गांधी के जन्मदिन पर सांगोद में महात्मा गांधी स्टेडियम के लोकार्पण कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम में अपने लिए नहीं कर रहा हूं. इसके कुछ महीनों बाद ही चुनाव होगा. ऐसे में हाड़ौती में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बने, इसके लिए आयोजित कर रहा हूं. क्योंकि मैं तो पहले ही चुनावी मैदान से बाहर रहने और हटने की घोषणा कर चुका हूं. जमीनी स्तर पर पकड़ रखने वाले मेरी उम्र के लोगों को बड़े चुनाव लड़ने चाहिए.
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आलोचना उन्हीं के एरिया से सांसद व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत करते हैं. मुख्यमंत्री गहलोत को चाहिए कि अपनी विधानसभा सरदारपुरा से बेटे को चुनाव लड़ाएं. जबकि खुद गजेंद्र सिंह शेखावत को चुनौती दे. उन्होंने कोटा की बात करते हुए कहा कि कोटा में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल अपने बेटे को विधानसभा चुनाव लड़ें व उसको तैयार करें. जबकि खुद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सामने चुनाव लड़े. तभी लोकसभा चुनाव में धमाका होगा. पूरे राजस्थान को मजा आएगा. ऐसे बड़े-बड़े लोगों को बड़े-बड़े लोगों के सामने मुकाबला करें.
सचिन पायलट ने दी अनुमति: भरत सिंह ने कहा कि 20 अगस्त के कार्यक्रम के लिए सचिन पायलट ने अनुमति दी है. इसीलिए सचिन पायलट का नाम लिखा है. इस कार्यक्रम के लिए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रधावा व पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को भी आमंत्रित किया है. मुख्यमंत्री गहलोत से भी मिलने का समय मांगा है, ताकि कार्यक्रम के लिए आमंत्रित कर लूं. उनका जवाब अभी नहीं आया है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह सभा कांग्रेस को मजबूत करने के लिए है। ऐसी सभा सभी जगह पर आयोजित होनी चाहिए. जिस तरह से हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में प्रहलाद गुंजल ने वसुंधरा राजे सिंधिया की सभा आयोजित की थी, वैसे ही सभा कांग्रेस के नेताओं की भी आयोजित होनी चाहिए.
दोनों का चयन नहीं किया इसलिए मंत्रिमंडल से बाहरः भरत सिंह ने कहा कि जब सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष बने थे, तब अशोक गहलोत को सभी लोग छोड़ कर पायलट के साथ जा रहे थे. तब मैंने ही सांगोद में अशोक गहलोत की सभा करवाई थी. इसके बाद मैंने सचिन पायलट की भी सभा सांगोद में करवाई. यह सब कांग्रेस को मजबूत करने के लिए किया था. राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने के बाद जब नेता का चयन हुआ था, तब बात तय हो गई थी कि हाईकमान तय करेगा.
तब मैंने स्पष्ट कहा कि जब हाईकमान तय करेगा, तो एमएलए को बांटिए मत. इनसे राय भी मत लीजिए. इसलिए मैंने अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों के पक्ष में ही वोट नहीं किया. मैं दोनों से जितना नजदीक हूं, उतना ही दूर भी हूं. इसी के परिणामस्वरूप में राजस्थान की सरकार में मंत्री नहीं हूं. इसकी मुझे तसल्ली भी है कि मैंने सही निर्णय लिया था. जिसकी बदौलत में आज अपनी बात खुल कर रख पा रहा हूं. आज कांग्रेस पार्टी इसी का परिणाम भुगत रही है और दो गुटों में बंट गई है.
गहलोत भी मदेरणा और कई नेताओं के बावजूद बने सीएमः जब भरत सिंह से पूछा गया कि सचिन पायलट अभी वर्तमान में किसी भी पद पर नहीं हैं. इसके बावजूद उन्हें सभा में बुलाया गया है. इस पर उन्होंने कहा कि भविष्य के बारे में कुछ नहीं कह सकता हूं. मदेरणा और कई बड़े लोग थे, जब सीएम गहलोत को बनाया था. भविष्य में क्या हो सकता है, कुछ नहीं कह सकता. जब पायलट व युवाओं की बात करें, तो पायलट युवाओं के प्रतीक हैं. हालांकि मंत्रिमंडल में अन्य भी कई मंत्री योग्य हैं, वह भी सीएम बन सकते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात यह है कि योग्य मौजूद होने के बाद भी अयोग्य लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल करने से प्रदेश और पार्टी का नुकसान होता है.