कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाड़ौती के बारां दौरे से वापस जयपुर के लिए रवाना हुए हैं. इस बीच सांगोद विधायक भरत सिंह ने सीएम गहलोत पर तंज कसते हुए एक पत्र और सीएम अशोक गहलोत को लिख दिया है. इस पत्र में उन्होंने खान की झोपड़िया गांव और सोरसन में गोडावन संरक्षण क्षेत्र को लेकर बात रखी है.
विधायक भरत सिंह ने गहलोत को पत्र में लिखा है कि "आपने बारां में कहा कि मांगते मांगते थक जाओगे, मैं देते हुए नहीं थकूंगा". उन्होंने कहा कि जिस तरह से "मैं खान की झोपड़िया गांव को कोटा जिले में शामिल करने की मांग कर रहा हूं, तो इसको क्यों नहीं मान रहे हैं. यह मांग एक मंदबुद्धि वाले व्यक्ति के भी समझ में आ रही है, लेकिन राजस्व मंत्री, विभाग के प्रमुख सचिव व सीएम क्यों नहीं समझ रहे हैं.
मुख्यमंत्री गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पीडब्ल्यूडी मंत्री भजन लाल जाटव सहित सभी नेता मंत्री भाया के घर गुरुवार रात को भोजन के लिए गए थे. इस पर भरत सिंह ने टिप्पणी कर दी है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि "किसी ने सही कहा है जैसा खाओगे अन्न वैसा ही बनेगा मन".
मुकुंदरा के लिए मांगा बाघ व बाघिन जोड़ाः दूसरी तरफ भरत सिंह ने एक मांग और उठा दी. उनका कहना है कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के 760 स्क्वायर किलोमीटर एरिया में एक टाइगर को रणथंभौर से लाकर छोड़ा गया है. केंद्र सरकार ने चीता बसाने की मांग को राजनीतिक कारणों से रोक दी. लेकिन मेरी मांग है कि एक नर और एक मादा टाइगर यहां पर और छोड़े जाएं. उन्होंने पत्र में लिखा है कि जिस तरह से सीएम को वीआईपी होने पर पूरी सुरक्षा प्राप्त होती है. उसी तरह से टाइगर भी जंगल का वीआईपी है और उसकी सुरक्षा से जंगल की सुरक्षा होती है. ऐसे में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को बचाने के लिए यहां पर टाइगर छोड़ना काफी जरूरी है.
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भरत सिंह के विरोध को देखते हुए रद्द किया कोटा दौराः सांगोद के विधायक भरत सिंह ने खान की झोपड़िया को बारां जिले से कोटा में शामिल करवाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को भी एकत्रित किया था. यह सभी लोग मुख्यमंत्री के बारां से कोटा दौरे को देखते हुए नेशनल हाईवे 27 पर गड़ेपान के नजदीक एकत्रित हुए थे. जहां पर वह मुख्यमंत्री से मुलाकात कर खान की झोपड़िया गांव को कोटा जिले में शामिल करवाने व सोरसन में खनन बंद करवा कर वहां पर गौड़ावन संरक्षण क्षेत्र घोषित करवाने की मांग करते. हालांकि मुख्यमंत्री के कोटा नहीं आने के बाद यह कार्यक्रम रद्द किया गया। इसके लिए भरत सिंह ने आमजनता के लिए पत्र जारी किया. हालांकि यह भी संशय है कि भरत सिंह के इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए ही सीएम का कोटा दौरा रद्द किया है.