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हाड़ौती में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से 86000 हेक्टेयर में नुकसान, सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं को - कई इलाकों में ओलावृष्टि

बारिश और ओलावृष्टि से हाड़ौती में करीब 86000 हैक्टेयर में फसल खराब हुई है. इसमें सर्वाधिक खराबा गेहूं में सामने आ रहा है. इसके अलावा चना, सरसों, जौ और मसूर में भी खराबा हुआ है.

86000 hectares crop damaged in Hadoti
हाड़ौती में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से 86000 हेक्टेयर में नुकसान, सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं को
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Published : Mar 20, 2023, 9:29 PM IST

हाड़ौती में किसानों की फसलों को भारी नुकसान, भयावह हालात

कोटा. हाड़ौती में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि लगातार हो रही है. सोमवार को भी कोटा और बूंदी के कई इलाकों में ओलावृष्टि हुई. जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है. कृषि विभाग के आंकलन के अनुसार हाड़ौती में कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में करीब 86000 हेक्टेयर में फसल खराब हुई है. इसमें सर्वाधिक नुकसान गेहूं में हुआ है. इसके अलावा चना, सरसों, जौ और मसूर में भी खराबा हुआ है. साथ ही लहसुन और अन्य सब्जियों में भी खराबा होना सामने आ रहा है.

कई इलाकों में 50 फीसदी तक फसल खराब: अतिरिक्त निदेशक कृषि पीके गुप्ता के अनुसार 12 लाख 20 हजार 141 हेक्टेयर में रबी की फसल की बुवाई की गई थी. जिसके बाद किसानों का पूरे सीजन अच्छा मौसम रहने के चलते उत्पादन भी काफी अच्छा रहा रहने का अनुमान था. लेकिन अचानक से कटाई के समय ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश का क्रम लगातार जारी है. इसके चलते कई इलाकों में 50 प्रतिशत तक खराबा हुआ है. उनका कहना है कि अभी तक के आंकलन में 85 हजार 868 हेक्टेयर में खराबी की बात सामने आई है.

पढ़ें: राजस्थान में ओलावृष्टि से बर्बाद किसान, सरकार बोली जल्द गिरदावरी के बाद मिलेगी राहत

गेहूं में 60 हजार हेक्टेयर में खराबा: पीके गुप्ता के अनुसार हाड़ौती में सर्वाधिक खराबा गेहूं की फसल में 60384 हेक्टेयर में हुआ है. इसके साथ ही 9288 हेक्टेयर में चने की फसल के चारों जिलों में खराब हुई है. वहीं सरसों की फसल में 6640 हेक्टेयर के आसपास खराबे का आंकलन किया गया है. वहीं जौ की फसल 2325 हेक्टेयर में खराब हुई है. मसूर की फसल भी करीब 1000 हेक्टेयर में अनुमानित खराब मानी गई है. यह पूरी पूरी फसल बूंदी जिले में ही उत्पादित की गई है. इसके साथ ही सब्जियों और धनिया में भी खराबा काफी हुआ है. यह 6231 सेक्टर के आसपास माना जा रहा है.

पढ़ें: अलवर में किसान ने की खुदकुशी की कोशिश, फसल खराब होने की वजह से उठाया ये कदम

चारे में भी आएगी दिक्कत: गुप्ता के अनुसार खेत में खड़ी और कट कर पड़ी सभी फसल में खराबा हुआ है. खेत में थ्रेसिंग के लिए फसल पड़ी थी. कम उत्पादन के साथ क्वालिटी खराब हो गई है. अब आगे चारे में भी दिक्कत आएगी, क्योंकि फसल के साथ भूंसा खराब हो गया है. चारे से भी किसानों को इनकम होती है और यह गीला होने से खराब हो गया है. अभी भी मौसम की स्थिति लगातार वैसी ही चल रही है, बार-बार बारिश हो रही है और ओलावृष्टि भी हो रही है.

पढ़ें: Rajasthan Assembly: ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बादी पर जवाब देगी सरकार, असम के राज्यपाल बनने पर कटारिया होंगे सम्मानित

किसानों की विशेष पैकेज की मांग: किसान नेता भी फसलों के खराबी को लेकर राहत की मांग कर रहे हैं. नेताओं का कहना है कि बीते 4 सालों से बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते हाड़ौती का किसान परेशान हो रहा है. इस समय हाड़ौती के सभी 17 विधायक विशेष पैकेज की मांग किसानों के लिए करें. किसान नेता गिर्राज गौतम ने कहा कि प्रशासन खराबे पर अभी भी मौन बैठा हुआ है, ना तो खराबे के लिए फसलों का सर्वे शुरू करवाने की तैयारी की गई है, ना ही उनको बीते सालों का मुआवजा दिया गया है. ऐसे में किसानों को तुरंत राहत की जरूरत है.

हाड़ौती में किसानों की फसलों को भारी नुकसान, भयावह हालात

कोटा. हाड़ौती में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि लगातार हो रही है. सोमवार को भी कोटा और बूंदी के कई इलाकों में ओलावृष्टि हुई. जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है. कृषि विभाग के आंकलन के अनुसार हाड़ौती में कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में करीब 86000 हेक्टेयर में फसल खराब हुई है. इसमें सर्वाधिक नुकसान गेहूं में हुआ है. इसके अलावा चना, सरसों, जौ और मसूर में भी खराबा हुआ है. साथ ही लहसुन और अन्य सब्जियों में भी खराबा होना सामने आ रहा है.

कई इलाकों में 50 फीसदी तक फसल खराब: अतिरिक्त निदेशक कृषि पीके गुप्ता के अनुसार 12 लाख 20 हजार 141 हेक्टेयर में रबी की फसल की बुवाई की गई थी. जिसके बाद किसानों का पूरे सीजन अच्छा मौसम रहने के चलते उत्पादन भी काफी अच्छा रहा रहने का अनुमान था. लेकिन अचानक से कटाई के समय ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश का क्रम लगातार जारी है. इसके चलते कई इलाकों में 50 प्रतिशत तक खराबा हुआ है. उनका कहना है कि अभी तक के आंकलन में 85 हजार 868 हेक्टेयर में खराबी की बात सामने आई है.

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गेहूं में 60 हजार हेक्टेयर में खराबा: पीके गुप्ता के अनुसार हाड़ौती में सर्वाधिक खराबा गेहूं की फसल में 60384 हेक्टेयर में हुआ है. इसके साथ ही 9288 हेक्टेयर में चने की फसल के चारों जिलों में खराब हुई है. वहीं सरसों की फसल में 6640 हेक्टेयर के आसपास खराबे का आंकलन किया गया है. वहीं जौ की फसल 2325 हेक्टेयर में खराब हुई है. मसूर की फसल भी करीब 1000 हेक्टेयर में अनुमानित खराब मानी गई है. यह पूरी पूरी फसल बूंदी जिले में ही उत्पादित की गई है. इसके साथ ही सब्जियों और धनिया में भी खराबा काफी हुआ है. यह 6231 सेक्टर के आसपास माना जा रहा है.

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चारे में भी आएगी दिक्कत: गुप्ता के अनुसार खेत में खड़ी और कट कर पड़ी सभी फसल में खराबा हुआ है. खेत में थ्रेसिंग के लिए फसल पड़ी थी. कम उत्पादन के साथ क्वालिटी खराब हो गई है. अब आगे चारे में भी दिक्कत आएगी, क्योंकि फसल के साथ भूंसा खराब हो गया है. चारे से भी किसानों को इनकम होती है और यह गीला होने से खराब हो गया है. अभी भी मौसम की स्थिति लगातार वैसी ही चल रही है, बार-बार बारिश हो रही है और ओलावृष्टि भी हो रही है.

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किसानों की विशेष पैकेज की मांग: किसान नेता भी फसलों के खराबी को लेकर राहत की मांग कर रहे हैं. नेताओं का कहना है कि बीते 4 सालों से बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते हाड़ौती का किसान परेशान हो रहा है. इस समय हाड़ौती के सभी 17 विधायक विशेष पैकेज की मांग किसानों के लिए करें. किसान नेता गिर्राज गौतम ने कहा कि प्रशासन खराबे पर अभी भी मौन बैठा हुआ है, ना तो खराबे के लिए फसलों का सर्वे शुरू करवाने की तैयारी की गई है, ना ही उनको बीते सालों का मुआवजा दिया गया है. ऐसे में किसानों को तुरंत राहत की जरूरत है.

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